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भारत ने तीस्ता सीतलवाड़ को लेकर OHCHR की टिप्पणी की आलोचना की, बताया अवांछित

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय (OHCHR) ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को गिरफ्तार किए जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग की थी. विदेश मंत्रालय ने ओएचसीएचआर की इस टिप्पणी को भारत की स्वतंत्र न्यायिक व्यवस्था में हस्तक्षेप करार दिया है.

MEA slams OHCHRs
विदेश मंत्रालय प्रवक्ता अरिंदम बागची
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Published : Jun 29, 2022, 4:48 PM IST

नई दिल्ली: भारत ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी को लेकर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की टिप्पणी को पूरी तरह से अवांछित करार देते हुए बुधवार को उसे खारिज कर दिया और कहा कि यह देश की स्वतंत्र न्यायिक व्यवस्था में हस्तक्षेप करती है. इस विषय पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अपने बयान में कहा कि भारतीय प्राधिकार ने स्थापित न्यायिक नियमों के तहत कानून के उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई की है.

तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ कार्रवाई को लेकर संयुक्त राष्ट्र में मानवाधिकार के लिये उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) की टिप्पणी पर बागची ने कहा कि ओएचसीएचआर की सीतलवाड़ मामले पर टिप्पणी पूरी तरह से अवांछित है और भारत की स्वतंत्र न्यायिक व्यवस्था में हस्तक्षेप करती है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि ऐसी कानूनी कार्रवाई को उत्पीड़न बताना, गुमराह करने वाला और अस्वीकार्य है.

बता दें, ओएचसीएचआर ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को गिरफ्तार किये जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग की है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने मंगलवार को ट्वीट किया, 'इंडिया : हम तीस्ता सीतलवाड़ एवं दो पूर्व पुलिस अधिकारियों की हिरासत और गिरफ्तारी को लेकर काफी चिंतित हैं और उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग करते हैं . उनका, उनकी सक्रियता एवं 2002 के गुजरात दंगों के पीड़ितों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने के लिये, उत्पीड़न नहीं किया जाना चाहिए.'

इस बारे में मीडिया के सवालों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बागची ने कहा कि हमने तीस्ता सीतलवाड़ एवं दो अन्य लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई को लेकर ओएचसीएचआर की टिप्पणी को देखा है. उन्होंने कहा, 'ओएचसीएचआर की टिप्पणियां पूरी तरह से अवांछित हैं और भारत की स्वतंत्र न्यायिक व्यवस्था में हस्तक्षेप करती है.'

यह भी पढ़ें- तीस्ता सीतलवाड़ गिरफ्तार, सात दिनों की पुलिस रिमांड पर

गौरतलब है कि अहमदाबाद की एक अदालत ने 2002 के गुजरात दंगों के संबंध में झूठे साक्ष्यों के आधार पर निर्दोष लोगों को फंसाने के एक मामले में रविवार को सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक आर बी श्रीकुमार को दो जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया. वहीं, बनासकांठा जिले की पालनपुर जेल में बंद पूर्व आईपीएस अधिकारी एवं आरोपी संजीव भट्ट को स्थानांतरण वारंट के जरिये अहमदाबाद लाया जाएगा.

नई दिल्ली: भारत ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी को लेकर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की टिप्पणी को पूरी तरह से अवांछित करार देते हुए बुधवार को उसे खारिज कर दिया और कहा कि यह देश की स्वतंत्र न्यायिक व्यवस्था में हस्तक्षेप करती है. इस विषय पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अपने बयान में कहा कि भारतीय प्राधिकार ने स्थापित न्यायिक नियमों के तहत कानून के उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई की है.

तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ कार्रवाई को लेकर संयुक्त राष्ट्र में मानवाधिकार के लिये उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) की टिप्पणी पर बागची ने कहा कि ओएचसीएचआर की सीतलवाड़ मामले पर टिप्पणी पूरी तरह से अवांछित है और भारत की स्वतंत्र न्यायिक व्यवस्था में हस्तक्षेप करती है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि ऐसी कानूनी कार्रवाई को उत्पीड़न बताना, गुमराह करने वाला और अस्वीकार्य है.

बता दें, ओएचसीएचआर ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को गिरफ्तार किये जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग की है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने मंगलवार को ट्वीट किया, 'इंडिया : हम तीस्ता सीतलवाड़ एवं दो पूर्व पुलिस अधिकारियों की हिरासत और गिरफ्तारी को लेकर काफी चिंतित हैं और उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग करते हैं . उनका, उनकी सक्रियता एवं 2002 के गुजरात दंगों के पीड़ितों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने के लिये, उत्पीड़न नहीं किया जाना चाहिए.'

इस बारे में मीडिया के सवालों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बागची ने कहा कि हमने तीस्ता सीतलवाड़ एवं दो अन्य लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई को लेकर ओएचसीएचआर की टिप्पणी को देखा है. उन्होंने कहा, 'ओएचसीएचआर की टिप्पणियां पूरी तरह से अवांछित हैं और भारत की स्वतंत्र न्यायिक व्यवस्था में हस्तक्षेप करती है.'

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गौरतलब है कि अहमदाबाद की एक अदालत ने 2002 के गुजरात दंगों के संबंध में झूठे साक्ष्यों के आधार पर निर्दोष लोगों को फंसाने के एक मामले में रविवार को सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक आर बी श्रीकुमार को दो जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया. वहीं, बनासकांठा जिले की पालनपुर जेल में बंद पूर्व आईपीएस अधिकारी एवं आरोपी संजीव भट्ट को स्थानांतरण वारंट के जरिये अहमदाबाद लाया जाएगा.

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