नई दिल्ली : वर्चुअल मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत और दक्षिण अफ्रीका के प्रस्ताव ट्रिप्स पर समझौते के मानदंडों में छूट के लिए विश्व व्यापार संगठन को कई देशों से समर्थन मिला है.
उन्होंने कहा कि पिछले अक्टूबर में पेश किए गए प्रस्ताव का उद्देश्य विकासशील देशों द्वारा टीकों और दवाओं तक त्वरित और सस्ती पहुंच सुनिश्चित करना है. विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की बौद्धिक संपदा अधिकार (ट्रिप्स) परिषद के व्यापार संबंधित पहलू भारत और दक्षिण द्वारा प्रस्तुत एक प्रस्ताव पर पाठ-आधारित वार्ता शुरू करने के लिए सहमत हुए.
जुलाई के अंत तक विश्व व्यापार संगठन के सदस्यों के एक सहमत पाठ पर आने की उम्मीद है. अक्टूबर 2020 में भारत और दक्षिण अफ्रीका ने कोविड-19 के उपचार, रोकथाम और संबंधित ट्रिप्स समझौते के कुछ प्रावधानों के कार्यान्वयन पर सभी डब्ल्यूटीओ सदस्यों के लिए छूट की मांग करते हुए एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया.
इसके अलावा इस साल मई में भारत, दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया सहित कुछ सह-प्रायोजकों द्वारा एक संशोधित प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है. इसके बाद मई में ही अमेरिका में जो-बाइडेन के नेतृत्व वाले प्रशासन ने टीकों पर बौद्धिक संपदा अधिकारों (TRIPS) के व्यापार-संबंधित पहलुओं की छूट का समर्थन करने की घोषणा की.
अमेरिका की व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई ने कोविड टीकों पर पेटेंट संरक्षण नियमों में छूट को मंजूरी देने की घोषणा की. ताई ने बताया था कि अमेरिका बौद्धिक संपदा संरक्षण को पूरी तरह से समझता है और उसका सम्मान करता है. लेकिन महामारी को देखते हुए COVID-19 टीकों के लिए पेटेंट संरक्षण नियमों की छूट का समर्थन करता है.
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भारत में लगातार कहर बरपा रहे कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच यह फैसला आया है. गौरतलब है कि 26 अप्रैल 2021 को अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के साथ अपने हालिया फोन कॉल के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति को विश्व व्यापार संगठन में भारत की पहल के बारे में बताया, जिसका उद्देश्य मानवता के लाभ के लिए था.