नई दिल्ली: विदेश राज्य मंत्री (एमओएस) वी मुरलीधरन ने सोमवार को फिलिस्तीन समूह हमास पर संसद में विदेश मंत्रालय के जवाब को स्पष्ट किया. उन्होंने कहा कि उन्हें फिलिस्तीनी समूह हमास पर सवाल का जवाब देने वाले मंत्री के रूप में सूचीबद्ध किया जाना चाहिए था, न कि मीनाक्षी लेखी को.
मुरलीधरन ने सोमवार को सदन में एक बयान पेश किया, जिसमें 'हमास को आतंकवादी संगठन घोषित करने' के संबंध में सांसद कुंभकुडी सुधाकरन के एक अतारांकित प्रश्न के 8 दिसंबर को दिए गए जवाब को सही किया गया.
9 दिसंबर को उस समय राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया जब विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि उन्होंने हमास को आतंकवादी संगठन घोषित करने पर पिछले दिन लोकसभा में रखे गए एक प्रश्न को मंजूरी नहीं दी थी.
शुक्रवार को लोकसभा में एक लिखित जवाब में विदेश मंत्रालय ने कहा था, 'किसी संगठन को आतंकवादी घोषित करना गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत आता है और किसी भी संगठन को आतंकवादी घोषित करना संबंधित सरकारी विभागों द्वारा अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार माना जाता है.'
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा, 'मैंने इस प्रश्न और इस उत्तर के साथ किसी भी कागज पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं... जांच से अपराधी का पता चल जाएगा.' लेखी ने कहा, 'मैंने विदेश सचिव को फोन किया है और उनसे इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया है.'
बाद में जब विपक्षी दलों ने मीनाक्षी लेखी के बयान की आलोचना की और इस घटना को नियमों का गंभीर उल्लंघन बताया, तो विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने 10 दिसंबर को स्पष्ट किया कि दस्तावेज़ में तकनीकी सुधार की आवश्यकता है.
बागची ने मामले पर एक प्रश्न के उत्तर में एक बयान में कहा, 'हमने देखा है कि 8 दिसंबर 2023 को उत्तर दिए गए लोकसभा अतारांकित प्रश्न संख्या 980 में वी मुरलीधरन को संसद प्रश्न का उत्तर देने वाले राज्य मंत्री के रूप में प्रतिबिंबित करने के संदर्भ में तकनीकी सुधार की आवश्यकता है. यह उचित रूप से किया जा रहा है.'