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MEA On Indians Death Sentence : कतर में भारतीय नौसेना के 8 पूर्व कर्मियों को मौत की सजा, विदेश मंत्रालय ने कहा- 'फैसले से हम स्तब्ध'

कतर में आठ भारतीयों से जुड़े मामले (MEA On Indians Death Sentence) पर विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा, "मौत की सजा के फैसले से हम बेहद स्तब्ध हैं और विस्तृत फैसले का इंतजार कर रहे हैं."

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By PTI

Published : Oct 26, 2023, 5:31 PM IST

Updated : Oct 26, 2023, 7:56 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को कतर की अदालत की ओर से बृहस्पतिवार को मौत की सजा सुनाए जाने पर भारत ने कहा कि वह इस फैसले से बेहद स्तब्ध है और इस मामले में सभी कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहा है. ये सभी आठ भारतीय नागरिक अल दाहरा कंपनी के कर्मचारी हैं जिन्हें पिछले साल जासूसी के कथित मामले में हिरासत में ले लिया गया था. कतर के अधिकारियों की ओर से भारतीयों के खिलाफ लगाए गए आरोपों को सार्वजनिक नहीं किया गया है.

अपनी प्रतिक्रिया में विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि वह इस मामले को ‘बहुत महत्व’ दे रहा है और सभी कानूनी विकल्प तलाश रहा है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसे शुरू में जानकारी मिली कि कतर की एक अदालत ने आज अल दाहरा कंपनी के आठ भारतीय कर्मचारियों से जुड़े मामले में फैसला सुनाया है. मंत्रालय ने कहा, "हम मौत की सजा सुनाए जाने के फैसले से बेहद स्तब्ध हैं और फैसले के विस्तृत ब्योरे की प्रतीक्षा कर रहे हैं. हम परिवार के सदस्यों और कानूनी दल के संपर्क में हैं. हम सभी कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं."

  • Eight #IndianNavy veterans who had served the motherland are in illegal custody/detention in Doha (Qatar) for 57 days as on date. Request & plead our Indian Govt to act fast & get all these distinguished officers repatriated to India without any further delays @narendramodi

    — Meetu Bhargava (@DrMeetuBhargava) October 25, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह भारतीयों को सभी राजनयिक परामर्श और कानूनी सहायता देना जारी रखेगा. मंत्रालय के एक बयान में कहा गया, "हम इस मामले को बहुत महत्व देते हैं और इस पर बारीकी से नजर रख रहे हैं. हम सभी तरह की राजनयिक और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे. हम फैसले को कतर के अधिकारियों के समक्ष उठाएंगे." इसमें कहा गया है कि इस मामले में कार्यवाही की गोपनीय प्रकृति के कारण फिलहाल कोई और टिप्पणी करना उचित नहीं होगा. कतर में भारत के राजदूत ने राजनयिक पहुंच मिलने के बाद एक अक्टूबर को जेल में बंद इन भारतीयों से मुलाकात की थी.

  • Verdict in the case of 8 Indians detained in Qatar: We are deeply shocked by the verdict of death penalty and are awaiting the detailed judgement. We are in touch with the family members and the legal team, and we are exploring all legal options. We attach high importance to this… pic.twitter.com/l6yAg1GoJe

    — ANI (@ANI) October 26, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कौन हैं वो आठ अधिकारी, जिन पर कतर ने आरोप लगाया है.

कैप्टन नवतेज सिंह गिल

कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा

कैप्टन सौरभ वशिष्ठ

कमांडर अमित नागपाल

कमांडर पूर्णेंदु तिवारी

कमांडर सुगुनाकर पकाला

कमांडर संजीव गुप्ता

रागेश

क्या हैं आरोप - कतर ने इस पर इजराइल के लिए जासूसी करने के आरोप लगाए हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ये सभी कथित तौर पर कतर के सबमरीन से संबंधित जानकारी जुटा रहे थे.

ये सभी अधिकारी दोहा के अल दहरा कंपनी में काम करते थे. सभी रिटायर्ड अधिकारी हैं. यह कंपनी कंसल्टेंसी और टेक्नोलॉजी की सेवा प्रदान करती थी. यह कंपनी अब बंद हो चुकी है.

पढ़ें : कनाडा से अपनी राजनयिक उपस्थिति कम करने के लिए कहे जाने पर विदेश मंत्रालय बोला- चर्चा जारी है

नई दिल्ली : भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को कतर की अदालत की ओर से बृहस्पतिवार को मौत की सजा सुनाए जाने पर भारत ने कहा कि वह इस फैसले से बेहद स्तब्ध है और इस मामले में सभी कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहा है. ये सभी आठ भारतीय नागरिक अल दाहरा कंपनी के कर्मचारी हैं जिन्हें पिछले साल जासूसी के कथित मामले में हिरासत में ले लिया गया था. कतर के अधिकारियों की ओर से भारतीयों के खिलाफ लगाए गए आरोपों को सार्वजनिक नहीं किया गया है.

अपनी प्रतिक्रिया में विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि वह इस मामले को ‘बहुत महत्व’ दे रहा है और सभी कानूनी विकल्प तलाश रहा है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसे शुरू में जानकारी मिली कि कतर की एक अदालत ने आज अल दाहरा कंपनी के आठ भारतीय कर्मचारियों से जुड़े मामले में फैसला सुनाया है. मंत्रालय ने कहा, "हम मौत की सजा सुनाए जाने के फैसले से बेहद स्तब्ध हैं और फैसले के विस्तृत ब्योरे की प्रतीक्षा कर रहे हैं. हम परिवार के सदस्यों और कानूनी दल के संपर्क में हैं. हम सभी कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं."

  • Eight #IndianNavy veterans who had served the motherland are in illegal custody/detention in Doha (Qatar) for 57 days as on date. Request & plead our Indian Govt to act fast & get all these distinguished officers repatriated to India without any further delays @narendramodi

    — Meetu Bhargava (@DrMeetuBhargava) October 25, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह भारतीयों को सभी राजनयिक परामर्श और कानूनी सहायता देना जारी रखेगा. मंत्रालय के एक बयान में कहा गया, "हम इस मामले को बहुत महत्व देते हैं और इस पर बारीकी से नजर रख रहे हैं. हम सभी तरह की राजनयिक और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे. हम फैसले को कतर के अधिकारियों के समक्ष उठाएंगे." इसमें कहा गया है कि इस मामले में कार्यवाही की गोपनीय प्रकृति के कारण फिलहाल कोई और टिप्पणी करना उचित नहीं होगा. कतर में भारत के राजदूत ने राजनयिक पहुंच मिलने के बाद एक अक्टूबर को जेल में बंद इन भारतीयों से मुलाकात की थी.

  • Verdict in the case of 8 Indians detained in Qatar: We are deeply shocked by the verdict of death penalty and are awaiting the detailed judgement. We are in touch with the family members and the legal team, and we are exploring all legal options. We attach high importance to this… pic.twitter.com/l6yAg1GoJe

    — ANI (@ANI) October 26, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कौन हैं वो आठ अधिकारी, जिन पर कतर ने आरोप लगाया है.

कैप्टन नवतेज सिंह गिल

कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा

कैप्टन सौरभ वशिष्ठ

कमांडर अमित नागपाल

कमांडर पूर्णेंदु तिवारी

कमांडर सुगुनाकर पकाला

कमांडर संजीव गुप्ता

रागेश

क्या हैं आरोप - कतर ने इस पर इजराइल के लिए जासूसी करने के आरोप लगाए हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ये सभी कथित तौर पर कतर के सबमरीन से संबंधित जानकारी जुटा रहे थे.

ये सभी अधिकारी दोहा के अल दहरा कंपनी में काम करते थे. सभी रिटायर्ड अधिकारी हैं. यह कंपनी कंसल्टेंसी और टेक्नोलॉजी की सेवा प्रदान करती थी. यह कंपनी अब बंद हो चुकी है.

पढ़ें : कनाडा से अपनी राजनयिक उपस्थिति कम करने के लिए कहे जाने पर विदेश मंत्रालय बोला- चर्चा जारी है

Last Updated : Oct 26, 2023, 7:56 PM IST

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