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चीन की निर्माण गतिविधियों संबंधी अमेरिकी रिपोर्ट का हमने संज्ञान लिया है :विदेश मंत्रालय - अरिंदम बागची

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बृहस्पतिवार को कहा कि अमेरिकी रक्षा विभाग की एक रिपोर्ट में अरूणाचल प्रदेश सेक्टर में चीन द्वारा एक बड़ा गांव बसाने की बात कही गई है. उन्होंने कहा कि भारत ने चीन के अवैध कब्जे व अनुचित दावों को स्वीकार नहीं किया है.

विदेश मंत्रालय
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Published : Nov 11, 2021, 6:32 PM IST

Updated : Nov 11, 2021, 8:35 PM IST

नई दिल्ली : अमेरिकी रक्षा विभाग की एक रिपोर्ट में अरूणाचल प्रदेश सेक्टर में चीन द्वारा एक बड़ा गांव निर्मित करने की बात कहे जाने के कुछ दिनों बाद भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने अपनी जमीन पर चीन द्वारा ना तो किसी अवैध कब्जे को स्वीकार किया है और ना ही उसने अनुचित चीनी दावों को स्वीकार किया है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत अपनी सुरक्षा पर प्रभाव डालने वाले सभी घटनाक्रमों पर निरंतर नजर रखता है और अपनी संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता की हिफाजत के लिए सभी आवश्यक कदम उठाता है.

उन्होंने कहा कि भारत ने भी चीन से लगे सीमावर्ती इलाकों में सड़कों और पुलों के निर्माण सहित बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी लाई है. बागची ने कहा कि भारत ने अमेरिका के रक्षा विभाग की रिपोर्ट का संज्ञान लिया है, जिसमें भारत-चीन सीमावर्ती इलाकों में चीन की निर्माण गतिविधियों का संदर्भ दिया गया है. उन्होंने कहा कि चीन ने दशकों पहले अवैध रूप से कब्जा किये गये इलाकों सहित सीमावर्ती इलाकों में पिछले कई वर्षों में निर्माण गतिविधियां की हैं.

उन्होंने कहा, 'हमने अमेरिकी संसद को सौंपे गये अमेरिका के रक्षा विभाग की रिपोर्ट का संज्ञान लिया है, जो भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में, खासतौर पर पूर्वी सेक्टर में चीनी पक्ष द्वारा निर्माण गतिविधियों का संदर्भ देती है.' बागची ने इस विषय पर सवालों का जवाब देते हुए यह कहा.

ये भी पढ़ें - अमेरिकी रिपोर्ट का दावा, 'चीन ने अरुणाचल प्रदेश से सटे विवादित क्षेत्र में बसाया गांव', कांग्रेस ने सरकार से मांगा स्पष्टीकरण

उन्होंने कहा, 'इस साल की शुरुआत में भी इस मुद्दे पर मीडिया में रिपोर्ट देखने को मिली थी. जैसा कि हमने उस समय कहा था कि चीन ने दशकों पहले अवैध रूप से कब्जा किए गए इलाकों सहित सीमावर्ती क्षेत्रों में पिछले कई वर्षों में निर्माण गतिविधियां की हैं.' बागची ने कहा, 'भारत ने अपनी जमीन पर इस तरह के अवैध कब्जे को ना तो कभी स्वीकार किया है और ना ही उसने चीन के अनुचित दावों को स्वीकार किया है. सरकार ने इस तरह की गतिविधियों के प्रति राजनयिक माध्यमों से पहले ही अपने कड़े विरोध से चीन को अवगत करा दिया है तथा भविष्य में भी ऐसा करना जारी रखा जाएगा.'

उन्होंने कहा कि भारत ने सड़कों, पुलों आदि के निर्माण सहित सीमा पर बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है, जिसने स्थानीय आबादी को सीमा पर अत्यावश्यक संपर्क उपलब्ध कराया है.

बागची ने कहा, 'सरकार अरूणाचल प्रदेश सहित अपने नागरिकों की आजीविका को बेहतर करने के लिए सीमावर्ती इलाकों में बुनियादी ढांचे का निर्माण करने के लक्ष्य के लिये प्रतिबद्ध है.' उन्होंने कहा, 'सरकार भारत की सुरक्षा पर प्रभाव डालने वाले सभी घटनाक्रमों पर निरंतर नजर रखती है और अपनी संप्रभुता व क्षेत्रीय अखंडता की हिफाजत के लिए सभी आवश्यक कदम उठाती है.'

उल्लेखनीय है कि अमेरिकी रक्षा विभाग ने अपनी एक हालिया रिपोर्ट में कहा है कि चीन ने तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र और वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पूर्वी सेक्टर में भारत के अरूणाचल प्रदेश के बीच विवादित क्षेत्र में आम लोगों के लिए 100 घरों वाला एक बड़ा गांव निर्मित किया है.

नई दिल्ली : अमेरिकी रक्षा विभाग की एक रिपोर्ट में अरूणाचल प्रदेश सेक्टर में चीन द्वारा एक बड़ा गांव निर्मित करने की बात कहे जाने के कुछ दिनों बाद भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने अपनी जमीन पर चीन द्वारा ना तो किसी अवैध कब्जे को स्वीकार किया है और ना ही उसने अनुचित चीनी दावों को स्वीकार किया है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत अपनी सुरक्षा पर प्रभाव डालने वाले सभी घटनाक्रमों पर निरंतर नजर रखता है और अपनी संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता की हिफाजत के लिए सभी आवश्यक कदम उठाता है.

उन्होंने कहा कि भारत ने भी चीन से लगे सीमावर्ती इलाकों में सड़कों और पुलों के निर्माण सहित बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी लाई है. बागची ने कहा कि भारत ने अमेरिका के रक्षा विभाग की रिपोर्ट का संज्ञान लिया है, जिसमें भारत-चीन सीमावर्ती इलाकों में चीन की निर्माण गतिविधियों का संदर्भ दिया गया है. उन्होंने कहा कि चीन ने दशकों पहले अवैध रूप से कब्जा किये गये इलाकों सहित सीमावर्ती इलाकों में पिछले कई वर्षों में निर्माण गतिविधियां की हैं.

उन्होंने कहा, 'हमने अमेरिकी संसद को सौंपे गये अमेरिका के रक्षा विभाग की रिपोर्ट का संज्ञान लिया है, जो भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में, खासतौर पर पूर्वी सेक्टर में चीनी पक्ष द्वारा निर्माण गतिविधियों का संदर्भ देती है.' बागची ने इस विषय पर सवालों का जवाब देते हुए यह कहा.

ये भी पढ़ें - अमेरिकी रिपोर्ट का दावा, 'चीन ने अरुणाचल प्रदेश से सटे विवादित क्षेत्र में बसाया गांव', कांग्रेस ने सरकार से मांगा स्पष्टीकरण

उन्होंने कहा, 'इस साल की शुरुआत में भी इस मुद्दे पर मीडिया में रिपोर्ट देखने को मिली थी. जैसा कि हमने उस समय कहा था कि चीन ने दशकों पहले अवैध रूप से कब्जा किए गए इलाकों सहित सीमावर्ती क्षेत्रों में पिछले कई वर्षों में निर्माण गतिविधियां की हैं.' बागची ने कहा, 'भारत ने अपनी जमीन पर इस तरह के अवैध कब्जे को ना तो कभी स्वीकार किया है और ना ही उसने चीन के अनुचित दावों को स्वीकार किया है. सरकार ने इस तरह की गतिविधियों के प्रति राजनयिक माध्यमों से पहले ही अपने कड़े विरोध से चीन को अवगत करा दिया है तथा भविष्य में भी ऐसा करना जारी रखा जाएगा.'

उन्होंने कहा कि भारत ने सड़कों, पुलों आदि के निर्माण सहित सीमा पर बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है, जिसने स्थानीय आबादी को सीमा पर अत्यावश्यक संपर्क उपलब्ध कराया है.

बागची ने कहा, 'सरकार अरूणाचल प्रदेश सहित अपने नागरिकों की आजीविका को बेहतर करने के लिए सीमावर्ती इलाकों में बुनियादी ढांचे का निर्माण करने के लक्ष्य के लिये प्रतिबद्ध है.' उन्होंने कहा, 'सरकार भारत की सुरक्षा पर प्रभाव डालने वाले सभी घटनाक्रमों पर निरंतर नजर रखती है और अपनी संप्रभुता व क्षेत्रीय अखंडता की हिफाजत के लिए सभी आवश्यक कदम उठाती है.'

उल्लेखनीय है कि अमेरिकी रक्षा विभाग ने अपनी एक हालिया रिपोर्ट में कहा है कि चीन ने तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र और वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पूर्वी सेक्टर में भारत के अरूणाचल प्रदेश के बीच विवादित क्षेत्र में आम लोगों के लिए 100 घरों वाला एक बड़ा गांव निर्मित किया है.

Last Updated : Nov 11, 2021, 8:35 PM IST
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