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राजस्थान: युवक के दिमाग में घुसी आठ कीलें, सर्जरी से मिला जीवनदान - एमडीएम अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा जटिल सर्जरी

जोधपुर में एक युवक के दिमाग में आठ कीलें घुस गई (nails entered Jodhpur youth mind) थी. एमडीएम अस्पताल के डॉक्टरों ने जटिल सर्जरी कर उसके सिर से कीलें निकालकर उसकी जान बचा ली.

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Published : Jan 10, 2022, 7:29 AM IST

जोधपुर : राजस्थान के जोधपुर स्थित एमडीएम अस्पताल (mdm hospital Jodhpur) के न्यूरो सर्जरी विभाग में एक युवक के दिमाग में घुसी 8 कीलें ऑपरेशन कर सफलतापूर्वक बाहर निकाली (critical surgery in mdm hospital) गई. सिर के बेहद नाजुक हिस्से दिमाग के ऑपरेशन (brain surgery) में चिकित्सकों की पारंगता से मरीज की जान बच गई. मरीज को पूरी तरह ठीक होने के बाद छुट्टी दे दी गई है. वह सामान्य व्यक्ति की तरह चल फिर रहा है.

न्यूरो सर्जरी विभाग के यूनिट बी प्रभारी व आचार्य डॉ. शरद थानवी ने बताया कि गत 18 दिसंबर को 26 साल के मरीज को अस्पताल लाया गया था. मरीज हैंडीक्राफ्ट का काम करता है. ड्रील मशीन से काम करने के दौरान सिर में कीलें लग गई थीं. एक्स-रे और सीटी स्कैन में पता चला कि कीले दिमाग में बेहद गहराई तक धंस गई हैं. एक कील तो दिमाग की दीवार तक चली (nails entered Jodhpur youth mind) गई थीं.

सिर से निकाली गई कीलें
सिर से निकाली गई कीलें

पढ़ें : Precaution Dose of Covid: आज से देश में लगेगी Booster Dose

डॉ. थानवी के अनुसार, इस प्रकार के ऑपरेशन में मरीज की जान को खतरा होता है, लकवा भी मार सकता है. संपूर्ण खतरे के मद्देनजर मरीज का ऑपरेशन दो चरणों में प्लान किया गया. यूनिट-बी के सहआचार्य डॉ. शैलेष थानवी, सहायक आचार्य डॉ. हेमंत बेनीवाल, सीनियर रेजिडेंट डॉ. विजयवीर सिंह व डॉ. संदीप की टीम ने प्रथम चरण के तहत ऑपरेशन कर बायीं ओर से सात कीले बाहर निकाली गईं. दूसरे दिन दायीं तरफ का ऑपरेशन कर आठवीं कील को सफलतापूर्वक निकाल लिया गया.

सेप्टिसीमिया के खतरे से बचाया

डॉ. थानवी के अनुसार, ऐसे ऑपरेशन में फॉरेन बॉडी पार्टिकल या डस्ट आदि दिमाग में छूट जाने का खतरा रहता है. इससे सेप्टिसीमिया यानी संक्रमण की प्रबल संभावनाएं बढ़ जाती है. इस ऑपरेशन को कुशलतापूर्वक चिकित्सकों ने करने के साथ टांके आदि भी खोले और 10 दिन बाद मरीज डिस्चार्ज कर दिया.

जोधपुर : राजस्थान के जोधपुर स्थित एमडीएम अस्पताल (mdm hospital Jodhpur) के न्यूरो सर्जरी विभाग में एक युवक के दिमाग में घुसी 8 कीलें ऑपरेशन कर सफलतापूर्वक बाहर निकाली (critical surgery in mdm hospital) गई. सिर के बेहद नाजुक हिस्से दिमाग के ऑपरेशन (brain surgery) में चिकित्सकों की पारंगता से मरीज की जान बच गई. मरीज को पूरी तरह ठीक होने के बाद छुट्टी दे दी गई है. वह सामान्य व्यक्ति की तरह चल फिर रहा है.

न्यूरो सर्जरी विभाग के यूनिट बी प्रभारी व आचार्य डॉ. शरद थानवी ने बताया कि गत 18 दिसंबर को 26 साल के मरीज को अस्पताल लाया गया था. मरीज हैंडीक्राफ्ट का काम करता है. ड्रील मशीन से काम करने के दौरान सिर में कीलें लग गई थीं. एक्स-रे और सीटी स्कैन में पता चला कि कीले दिमाग में बेहद गहराई तक धंस गई हैं. एक कील तो दिमाग की दीवार तक चली (nails entered Jodhpur youth mind) गई थीं.

सिर से निकाली गई कीलें
सिर से निकाली गई कीलें

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डॉ. थानवी के अनुसार, इस प्रकार के ऑपरेशन में मरीज की जान को खतरा होता है, लकवा भी मार सकता है. संपूर्ण खतरे के मद्देनजर मरीज का ऑपरेशन दो चरणों में प्लान किया गया. यूनिट-बी के सहआचार्य डॉ. शैलेष थानवी, सहायक आचार्य डॉ. हेमंत बेनीवाल, सीनियर रेजिडेंट डॉ. विजयवीर सिंह व डॉ. संदीप की टीम ने प्रथम चरण के तहत ऑपरेशन कर बायीं ओर से सात कीले बाहर निकाली गईं. दूसरे दिन दायीं तरफ का ऑपरेशन कर आठवीं कील को सफलतापूर्वक निकाल लिया गया.

सेप्टिसीमिया के खतरे से बचाया

डॉ. थानवी के अनुसार, ऐसे ऑपरेशन में फॉरेन बॉडी पार्टिकल या डस्ट आदि दिमाग में छूट जाने का खतरा रहता है. इससे सेप्टिसीमिया यानी संक्रमण की प्रबल संभावनाएं बढ़ जाती है. इस ऑपरेशन को कुशलतापूर्वक चिकित्सकों ने करने के साथ टांके आदि भी खोले और 10 दिन बाद मरीज डिस्चार्ज कर दिया.

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