टिहरीः जम्मू-कश्मीर में आतंकी मुठभेड़ में शहीद हुए राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी पंचतत्व में विलीन हो गए. शहीद जवान का गजा के कोटेश्वर घाट में सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. शहीद जवान के अंतिम दर्शन के लिए गांव में भारी भीड़ उमड़ी. वहीं, कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल समेत सैकड़ों लोगों ने शहीद जवान को श्रद्धांजलि दी.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के मेंढर में आतंकी मुठभेड़ में उत्तराखंड के दो जवान शहीद हो गए थे. आतंकियों के खिलाफ चल रहे ऑपरेशन के दौरान भारी गोलीबारी में राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी और राइफलमैन योगंबर सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए थे. दोनों ने शुक्रवार को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. 27 वर्षीय जवान राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी ने चंबा के बिमाण गांव के निवासी थे. जबकि, 26 वर्षीय जवान राइफलमैन योगंबर सिंह चमोली जिले के सांकरी गांव के रहने वाले थे. जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपनी शहादत दी.
आतंकी मुठभेड़ में शहीद हुए राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी का पार्थिव शरीर हवाई जहाज के माध्यम से जॉलीग्रांट लाया गया. उसके बाद सेना के वाहनों से दोपहर बाद शहीद के पैतृक विमाण गांव में उनका पार्थिक शरीर पहुंचाया. जैसे ही तिरंगे में लिपटकर शहीद विक्रम का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो पूरा गांव रो पड़ा. शहीद की पत्नी, मां, पिता और दादी पार्थिव शरीर से लिपटकर रोने लगीं. इस दौरान माहौल गमगीन हो गया. शहीद विक्रम नेगी के लिए सभी की आंखों से आंसू निकले तो उनके शहादत पर गर्व भी महसूस कर रहे थे. शहीद के अंतिम दर्शन और श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों का तांता लगा रहा.
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शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, ब्लॉक प्रमुख राजेंद्र भंडारी, पूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष देव सिंह पुंडीर, पूर्व अध्यक्ष इंद्र सिंह नेगी, प्रगतिशील जन विकास संगठन के अध्यक्ष दिनेश प्रसाद उनियाल आदि लोग भी पहुंचे. उन्होंने शहीद के परिजनों को ढांढस बंधाया. शहीद के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के बाद सेना द्वारा ग्रामीणों की मौजूदगी में भागीरथी नदी के किनारे कोटेश्वर घाट ले जाया गया. जहां पूरे सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.
तिरंगे में लिपटकर घर लौटे विक्रमः 22 अक्टूबर को पूजा के लिए विक्रम नेगी घर आने वाले थे. शहीद विक्रम सिंह नेगी के चाचा ने बताया कि वह अपने घर का इकलौता था. उसे बचपन से ही आर्मी में जाने का शौक था. 2015 में विक्रम आर्मी में भर्ती हुए थे. 17 जुलाई को डेढ़ महीने की छुट्टी काटकर वह ड्यूटी पर गये थे. 7 दिन बाद 22 अक्टूबर को घर में पूजा के लिए वह आने वाले थे.
सुबह ही मां से हुई की बात: गुरुवार सुबह 8 बजे के करीब विक्रम सिंह नेगी की अपनी मां से वीडियो कॉल से बातचीत हुई थी, लेकिन दिन में अचानक जम्मू-कश्मीर के पुंछ में आतंकी घुसने की खबर मिलने पर राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी की यूनिट के साथ सर्च ऑपरेशन के लिए निकले. सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में वह घायल हो गए. जिसके बाद उन्हें आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने शुक्रवार को दम तोड़ दिया.