दंतेवाड़ा : नक्सली हमले में शहीद हुए जयराम पोड़ियाम समेत 10 जवानों को सीएम भूपेश बघेल ने श्रद्धांजलि दी. इसके बाद जवानों के पार्थिव देह को उनके गृहग्राम भेजा गया. इसके बाद गोपनीय सैनिक जयराम पोडियाम का पार्थिव शरीर उसके ग्रह ग्राम मेटापाल पुजारी लाया गया, जहां उसका अंतिम संस्कार गांव के रीति रिवाज विधि विधान के अनुसार किया गया.
जयराम पोडियाम की पारिवारिक स्थिति : जयराम पोड़ियाम के पिता का नाम हिड़मा पोड़ियाम है.जबकि पत्नी का नाम फाली बाई है. जयराम के घर में उनकी एक बेटी भी है. जयराम का जन्म 1 अक्टूबर 1995 को हुआ था. परिवार में तीन भाई हैं. जिसमें से जयराम पोडियम गोपनीय सैनिक में था. जबकि दो भाई खेती किसानी का काम करते हैं.
कब किया था समर्पण : 1 मार्च 2020 को जयराम ने नक्सलियों का साथ छोड़कर डीआरजी जवान बना. शहीद गोपनीय सैनिक जयराम पोडियाम ने 2020 में मुख्यधारा में जुड़कर आत्मसमर्पण किया था. समर्पण करने की वजह चिकपाल में रहने वाली फाली पोडियम थी. जिससे जयराम पोडियम प्रेम करता था.जयराम पोडियम नक्सली संगठन में रहकर डॉक्टर का काम करता था.
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नक्सली संगठन में ही की शादी : जयराम पोड़ियाम ऩे नक्सल संगठन में रहते समय ही फाली से विवाह कर लिया था. इसके 1 साल बाद जयराम ने आत्मसमर्पण कर अच्छा जीवन जीने की इच्छा जताई. पुलिस के सामने आत्मसमर्पण के बाद जयराम को गोपनीय सैनिक का पदभार दिया गया. इसके बाद से ही जयराम पुलिस प्रशासन के लिए गोपनीय सैनिक का काम करने लगा था. शहीद जयराम पोड़ियाम के परिवार में उसकी पत्नी और दो बच्चे हैं.26 तारीख को सुबह जयराम अरनपुर समेली मार्ग में रोड ओपनिंग की ड्यूटी में निकला था. तभी नक्सली ब्लास्ट में शहीद हो गए.