ETV Bharat / bharat

एक कुप्रथा ने ले ली नवविवाहिता की जान, सुसाइड नोट में लिखा बंद करो ये अत्याचार - married woman committed suicide due to atta sata malpractice in nagaur rajasthan

राजस्थान में आटा-साटा प्रथा से तंग आकर नागौर जिले की एक विवाहिता ने खुदकुशी कर ली. सुमन ने अपने सुसाइड नोट में इस कुप्रथा को बंद करने के लिए समाज के लोगों से भावुक अपील भी की है.

कुप्रथा ने ली जान
कुप्रथा ने ली जान
author img

By

Published : Jul 1, 2021, 7:28 PM IST

Updated : Jul 1, 2021, 7:49 PM IST

नागौर (राजस्थान): कुछ महीने पहले गुजरात की बेटी आयशा ने साबरमती नदी में छलांग लगाकर जान दे दी थी. मरने से पहले उसने एक बहुत भावुक वीडियो बनाया था. इस वीडियो को देखकर देशभर में दहेज के प्रति खूब आक्रोश देखा गया. आयशा का वो मासूम चेहरा और मार्मिक आवाज लोग भूले भी नहीं थे कि अब राजस्थान गौर जिले की एक बेटी ने समाज की कुप्रथा आटा-साटा से तंग आकर खुदकुशी कर ली.

नागौर जिले के नावां थाने के हेमपुरा में तीन दिन पहले 21 वर्षीय विवाहिता सुमन चौधरी ने कुएं में कूद कर अपनी जान दे दी थी. सुमन की मौत के बाद सामने आए सुसाइड नोट ने समाज में एक नई बहस को जन्म दे दिया है.

ये भी पढ़ें: कौन थी साबरमति में कूद कर जान देने वाली आयशा और क्यों उठाया उसने यह कदम?

समाज को ठहराया मौत का जिम्मेदार

सुसाइड नोट में सुमन ने अपनी मौत के लिए पूरे समाज को जिम्मेदार ठहराते हुए शादियों में आटा-साटा चलन को बंद करने की बात लिखी है. सुमन की मौत के बाद अब आटा-साटा प्रथा के खिलाफ विरोध शुरू हो गया है. सुसाइड नोट के मुताबिक सुमन इसलिए जिन्दगी की जंग हार गई क्योंकि घरवालों ने उसके लिए उपयुक्त वर नहीं चुना बल्कि आटा-साटा कुप्रथा के तहत सौदा किया. सुमन ने सुसाइड नोट के जरिए हर भाई को राखी की सौगंध दिलाकर कहा है कि बहनों की जिंदगी खराब करके अपना घर ना बसाएं.

सुमन ने सुसाइड नोट में प्रथा को ठहराया जिम्मेदार
सुमन ने सुसाइड नोट में प्रथा को ठहराया जिम्मेदार

क्या है आटा-साटा प्रथा ?

राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में शादी के समय आटा-साटा प्रथा का खूब चलन है. इसके तहत किसी एक लड़की की शादी के बदले ससुराल पक्ष को भी अपने घर से एक लड़की की शादी उसके पीहर पक्ष में करानी होती है. इसमें योग्यता और गुण नहीं बल्कि लड़की के बदले लड़की की सौदेबाजी होती है.

सुसाइड नोट
सुसाइड नोट

वर्तमान में समाज में लड़कियों की कमी के कारण रिश्ते होने में बहुत मुश्किलें आती हैं. कभी गोत्र नहीं मिलता, कभी कुंडलियां नहीं मिलती हैं. ऐसे में आटा-साटा के जरिए समाज में खूब शादियां होने लगी हैं. इसके चलते कई पढ़ी-लिखी जवान युवतियों की शादी अनपढ़ और उम्रदराज लोगों से कर दी जाती है. ऐसी कई युवतियों की जिंदगी तबाह हो रही है.

'मानसिक रूप से परेशान थी सुमन'

सुमन के परिवार की ओर से दी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि वह मानसिक रूप से परेशान थी. हेमपुरा निवासी सुमन के चाचा नारुराम ने पुलिस को रिपोर्ट पेश कर बताया कि उसके भाई नानूराम की पहले मृत्यु हो चुकी है. नानूराम की बेटी सुमन की शादी भूणी में हुई थी. उसका पति विदेश रहता है. सुमन 8 महीनों से हमारे पास ही रह रही थी. सुमन को पिछले चार-पांच दिनों से मानसिक रूप से परेशानी थी. जिसके कारण वह हमारे घर के पास के एक कुएं में गिर गई थी. सुमन को नावां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाने पर डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया.

यह भी पढ़ें. एकतरफा प्यार का अंत! पहले युवती पर तलवार से वार किया और फिर मौत को लगाया गले

आटा-साटा के खिलाफ उठने लगी आवाज

आटा- साटा के चलते हुई बेमेल शादी के बाद सुमन के जान दे देने पर अब इस कुप्रथा के खिलाफ आवाजें उठने लगी है. भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य डॉ. रजनी गावड़िया ने आटा-साटा के चलन को बन्द करने की मांग की है. उन्होंने युवाओं से आह्वान किया है कि वे समाज में ऐसा जागरूकता अभियान चलाएं कि यह प्रथा समाज में बंद हो जाए.

कुप्रथा पर उठाए सवाल
कुप्रथा पर उठाए सवाल

जांच में जुटी पुलिस

पुलिस वृत्ताधिकारी मोटाराम बेनीवाल और मामले की जांच कर रहे एसडीएम नावां ब्रह्मलाल जाट ने कहा है कि परिजनों ने रिपोर्ट दी है. सुसाइड नोट और अन्य तथ्यों के बारे में भी जांच की जा रही है. सुमन का मोबाइल अब तक नहीं मिल पाया है.

नागौर (राजस्थान): कुछ महीने पहले गुजरात की बेटी आयशा ने साबरमती नदी में छलांग लगाकर जान दे दी थी. मरने से पहले उसने एक बहुत भावुक वीडियो बनाया था. इस वीडियो को देखकर देशभर में दहेज के प्रति खूब आक्रोश देखा गया. आयशा का वो मासूम चेहरा और मार्मिक आवाज लोग भूले भी नहीं थे कि अब राजस्थान गौर जिले की एक बेटी ने समाज की कुप्रथा आटा-साटा से तंग आकर खुदकुशी कर ली.

नागौर जिले के नावां थाने के हेमपुरा में तीन दिन पहले 21 वर्षीय विवाहिता सुमन चौधरी ने कुएं में कूद कर अपनी जान दे दी थी. सुमन की मौत के बाद सामने आए सुसाइड नोट ने समाज में एक नई बहस को जन्म दे दिया है.

ये भी पढ़ें: कौन थी साबरमति में कूद कर जान देने वाली आयशा और क्यों उठाया उसने यह कदम?

समाज को ठहराया मौत का जिम्मेदार

सुसाइड नोट में सुमन ने अपनी मौत के लिए पूरे समाज को जिम्मेदार ठहराते हुए शादियों में आटा-साटा चलन को बंद करने की बात लिखी है. सुमन की मौत के बाद अब आटा-साटा प्रथा के खिलाफ विरोध शुरू हो गया है. सुसाइड नोट के मुताबिक सुमन इसलिए जिन्दगी की जंग हार गई क्योंकि घरवालों ने उसके लिए उपयुक्त वर नहीं चुना बल्कि आटा-साटा कुप्रथा के तहत सौदा किया. सुमन ने सुसाइड नोट के जरिए हर भाई को राखी की सौगंध दिलाकर कहा है कि बहनों की जिंदगी खराब करके अपना घर ना बसाएं.

सुमन ने सुसाइड नोट में प्रथा को ठहराया जिम्मेदार
सुमन ने सुसाइड नोट में प्रथा को ठहराया जिम्मेदार

क्या है आटा-साटा प्रथा ?

राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में शादी के समय आटा-साटा प्रथा का खूब चलन है. इसके तहत किसी एक लड़की की शादी के बदले ससुराल पक्ष को भी अपने घर से एक लड़की की शादी उसके पीहर पक्ष में करानी होती है. इसमें योग्यता और गुण नहीं बल्कि लड़की के बदले लड़की की सौदेबाजी होती है.

सुसाइड नोट
सुसाइड नोट

वर्तमान में समाज में लड़कियों की कमी के कारण रिश्ते होने में बहुत मुश्किलें आती हैं. कभी गोत्र नहीं मिलता, कभी कुंडलियां नहीं मिलती हैं. ऐसे में आटा-साटा के जरिए समाज में खूब शादियां होने लगी हैं. इसके चलते कई पढ़ी-लिखी जवान युवतियों की शादी अनपढ़ और उम्रदराज लोगों से कर दी जाती है. ऐसी कई युवतियों की जिंदगी तबाह हो रही है.

'मानसिक रूप से परेशान थी सुमन'

सुमन के परिवार की ओर से दी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि वह मानसिक रूप से परेशान थी. हेमपुरा निवासी सुमन के चाचा नारुराम ने पुलिस को रिपोर्ट पेश कर बताया कि उसके भाई नानूराम की पहले मृत्यु हो चुकी है. नानूराम की बेटी सुमन की शादी भूणी में हुई थी. उसका पति विदेश रहता है. सुमन 8 महीनों से हमारे पास ही रह रही थी. सुमन को पिछले चार-पांच दिनों से मानसिक रूप से परेशानी थी. जिसके कारण वह हमारे घर के पास के एक कुएं में गिर गई थी. सुमन को नावां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाने पर डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया.

यह भी पढ़ें. एकतरफा प्यार का अंत! पहले युवती पर तलवार से वार किया और फिर मौत को लगाया गले

आटा-साटा के खिलाफ उठने लगी आवाज

आटा- साटा के चलते हुई बेमेल शादी के बाद सुमन के जान दे देने पर अब इस कुप्रथा के खिलाफ आवाजें उठने लगी है. भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य डॉ. रजनी गावड़िया ने आटा-साटा के चलन को बन्द करने की मांग की है. उन्होंने युवाओं से आह्वान किया है कि वे समाज में ऐसा जागरूकता अभियान चलाएं कि यह प्रथा समाज में बंद हो जाए.

कुप्रथा पर उठाए सवाल
कुप्रथा पर उठाए सवाल

जांच में जुटी पुलिस

पुलिस वृत्ताधिकारी मोटाराम बेनीवाल और मामले की जांच कर रहे एसडीएम नावां ब्रह्मलाल जाट ने कहा है कि परिजनों ने रिपोर्ट दी है. सुसाइड नोट और अन्य तथ्यों के बारे में भी जांच की जा रही है. सुमन का मोबाइल अब तक नहीं मिल पाया है.

Last Updated : Jul 1, 2021, 7:49 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.