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डेरिवेटिव निपटान की वजह से बाजारों में रहेगा उतार-चढ़ाव, वैश्विक रुख से तय होगी दिशा

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Published : May 22, 2022, 1:45 PM IST

स्थानीय शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह वैश्विक कारकों और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के रुझान से तय होगी. इसके अलावा मासिक डेरिवेटिव निपटान की वजह से घरेलू बाजारों में उतार-चढ़ाव रह सकता है.

डेरिवेटिव निपटान की वजह से बाजारों में रहेगा उतार-चढ़ाव
डेरिवेटिव निपटान की वजह से बाजारों में रहेगा उतार-चढ़ाव

नई दिल्ली: स्थानीय शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह वैश्विक कारकों और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के रुझान से तय होगी. इसके अलावा मासिक डेरिवेटिव निपटान की वजह से घरेलू बाजारों में उतार-चढ़ाव रह सकता है. विश्लेषकों ने यह राय जताई है.स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा कि पिछले कुछ सत्रों में स्थानीय बाजारों में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. हालांकि, निफ्टी में पांच सप्ताह की गिरावट के सिलसिले के बाद तीन प्रतिशत की अच्छी साप्ताहिक बढ़त देखने को मिली है.

पढ़ें: हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने जा रहे हैं तो जरूर चेक करें नियम और शर्तें

मीणा ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति और सुस्ती दुनियाभर के बाजारों के लिए प्रमुख चिंता का विषय है. इस वजह से विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) बिकवाली कर रहे हैं. हालांकि, घरेलू निवेशकों के समर्थन के कारण भारतीय बाजार बेहतर स्थिति में हैं. उन्होंने कहा कि मासिक डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान की वजह से इस सप्ताह घरेलू बाजारों में कुछ उतार-चढ़ाव रहेगा. वैश्विक मोर्चे पर फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक का ब्योरा 25 मई को जारी किया जाएगा, जो बाजार की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण होगा.

पढ़ें: क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में तेजी, बिटकॉइन समेत पॉपुलर कॉइन में उछाल

इसके अलावा डॉलर सूचकांक का रुख और जिंसों के दाम भी बाजार को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. सैमको सिक्योरिटीज में इक्विटी शोध प्रमुख येशा शाह ने कहा कि पिछले सप्ताह बाजार में उतार-चढ़ाव रहा. वृहद आर्थिक आंकड़ों, मौजूदा तिमाही नतीजों के सीजन और डेरिवेटिव निपटान की वजह से यह सिलसिला इस सप्ताह भी जारी रह सकता है. शाह ने कहा कि एफओएमसी की बैठक का ब्योरा, अमेरिका के जीडीपी के अनुमान और बेरोजगारी के आंकड़े वैश्विक बाजारों की धारणा को प्रभावित करेंगे.

पढ़ें: ऑडी ने एप्पल म्यूजिक को अपने मॉडलों की विस्तृत श्रृंखला में जोड़ा

बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,532.77 अंक या 2.90 फीसदी चढ़ा. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 484 अंक या 3.06 प्रतिशत के लाभ में रहा. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि कुल मिलाकर हमारा मानना है कि इस सप्ताह भी बाजारों में उतार-चढ़ाव रहेगा. वृहद स्तर पर कई चीजें मसलन ऊंची मुद्रास्फीति और आक्रामक तरीके से ब्याज दरों में बढ़ोतरी बाजार को प्रभावित करेगी. सप्ताह के दौरान सेल, जोमैटो, अडाणी पोर्ट्स, दीपक फर्टिलाइजर्स, इंटरग्लोब एविएशन, हिंडाल्को, एनएमडीसी, गेल और गोदरेज इंडस्ट्रीज के तिमाही नतीजे आएंगे. रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष शोध अजित मिश्रा ने कहा कि आगे चलकर वैश्विक रुख, तिमाही नतीजों का अंतिम चरण और रूस-यूक्रेन युद्ध बाजार की दिशा को प्रभावित करेगा.

(एजेंसी)

नई दिल्ली: स्थानीय शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह वैश्विक कारकों और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के रुझान से तय होगी. इसके अलावा मासिक डेरिवेटिव निपटान की वजह से घरेलू बाजारों में उतार-चढ़ाव रह सकता है. विश्लेषकों ने यह राय जताई है.स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा कि पिछले कुछ सत्रों में स्थानीय बाजारों में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. हालांकि, निफ्टी में पांच सप्ताह की गिरावट के सिलसिले के बाद तीन प्रतिशत की अच्छी साप्ताहिक बढ़त देखने को मिली है.

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मीणा ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति और सुस्ती दुनियाभर के बाजारों के लिए प्रमुख चिंता का विषय है. इस वजह से विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) बिकवाली कर रहे हैं. हालांकि, घरेलू निवेशकों के समर्थन के कारण भारतीय बाजार बेहतर स्थिति में हैं. उन्होंने कहा कि मासिक डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान की वजह से इस सप्ताह घरेलू बाजारों में कुछ उतार-चढ़ाव रहेगा. वैश्विक मोर्चे पर फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक का ब्योरा 25 मई को जारी किया जाएगा, जो बाजार की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण होगा.

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इसके अलावा डॉलर सूचकांक का रुख और जिंसों के दाम भी बाजार को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. सैमको सिक्योरिटीज में इक्विटी शोध प्रमुख येशा शाह ने कहा कि पिछले सप्ताह बाजार में उतार-चढ़ाव रहा. वृहद आर्थिक आंकड़ों, मौजूदा तिमाही नतीजों के सीजन और डेरिवेटिव निपटान की वजह से यह सिलसिला इस सप्ताह भी जारी रह सकता है. शाह ने कहा कि एफओएमसी की बैठक का ब्योरा, अमेरिका के जीडीपी के अनुमान और बेरोजगारी के आंकड़े वैश्विक बाजारों की धारणा को प्रभावित करेंगे.

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बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,532.77 अंक या 2.90 फीसदी चढ़ा. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 484 अंक या 3.06 प्रतिशत के लाभ में रहा. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि कुल मिलाकर हमारा मानना है कि इस सप्ताह भी बाजारों में उतार-चढ़ाव रहेगा. वृहद स्तर पर कई चीजें मसलन ऊंची मुद्रास्फीति और आक्रामक तरीके से ब्याज दरों में बढ़ोतरी बाजार को प्रभावित करेगी. सप्ताह के दौरान सेल, जोमैटो, अडाणी पोर्ट्स, दीपक फर्टिलाइजर्स, इंटरग्लोब एविएशन, हिंडाल्को, एनएमडीसी, गेल और गोदरेज इंडस्ट्रीज के तिमाही नतीजे आएंगे. रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष शोध अजित मिश्रा ने कहा कि आगे चलकर वैश्विक रुख, तिमाही नतीजों का अंतिम चरण और रूस-यूक्रेन युद्ध बाजार की दिशा को प्रभावित करेगा.

(एजेंसी)

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