पलक्कड़ : पलक्कड़ के वालयार पुलिस स्टेशन क्षेत्र में दो छोटी बहनों की रहस्यमय मौत ने केरलवासियों के सामाजिक विवेक को हिलाकर रख दिया है. इस क्षेत्र में जिस तरह के मामले आए हैं, वे सोचने पर मजबूर करते हैं. हालांकि इन बहनों की मौत से पहले और बाद में बच्चों के यौन अपराधों से संरक्षण (पाक्सो) अधिनियम के 42 मामले सिर्फ वालयार पुलिस स्टेशन में दर्ज किए गए हैं.
आंकड़े 2012 में पाक्सो अधिनियम के प्रभावी होने के बाद के हैं. वालयार पुलिस स्टेशन में राज्य में पाक्सो के सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. फिर भी कुल पंजीकृत 42 पोक्सो मामलों में केवल दो में आरोपियों को दोषी ठहराया गया और दंडित किया गया. 42 मामलों में से 23 पर अभी भी मुकदमा चल रहा है. शिकायतकर्ता की सहमति से 42 में से आठ मामलों का निबटारा किया जा चुका है. बाकी मामले अभी भी कानूनी कार्यवाही से गुजर रहे हैं. यहां के आदिवासी इलाके से चार मामले सामने आए हैं.
यह भी पढ़ें-गीता कॉलोनी: 24 साल के युवक को बदमाश ने मारी गोली
पुलिसकर्मियों की लापरवाही मिली
2018 अप्रैल में 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के बलात्कार के लिए मौत की सजा देने में सक्षम करने के लिए पाक्सो अधिनियम में संशोधन किया गया. पाक्सो में इस संशोधन के बाद केरल के वालयार में ही पहला मामला दर्ज किया गया था. एक साल पहले वालयार पुलिस स्टेशन से जुड़े पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई थी. जिसमें पाया गया था कि पाक्सो मामले की कार्यवाही में ठीक तरह से काम नहीं किया गया. इन सबके बावजूद हम राहत की सांस ले सकते हैं कि पिछले 6 महीनों में वालयार में पाक्सो का कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है.