उत्तरकाशीः सीमांत जनपद उत्तरकाशी में द्रौपदी का डांडा 2 पर्वत चोटी के पास हिमस्खलन में अभी तक 7 शव बरामद कर लिए गए हैं. डीजीपी के मुताबिक अभी तक 8 पर्वतारोहियों को सुरक्षित रेस्क्यू कर दिया गया है. अभी तक 25 लोग लापता बताए जा रहे हैं. बचाव और राहत कार्यों के लिए IAF ने 2 चीता हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं, अन्य सभी हेलीकॉप्टरों के बेड़े को किसी भी अन्य आवश्यकता के लिए स्टैंडबाय पर रखा गया है.
नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (Nehru Institute of Mountaineering) के प्राचार्य अमित बिष्ट ने बताया कि निम के प्रशिक्षुओं का दल उत्तरकाशी के द्रोपदी का डांडा 2 (Draupadi ka Danda) पर गए थे. फंसे लोगों को निकालने के लिए निम रेस्क्यू अभियान चला रहा है. इससे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) से रेस्क्यू अभियान (Mountaineers Stuck Due to avalanche) में तेजी लाने के लिए वायु सेना की मदद मांगी.
उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग (Uttarakhand Disaster Management Department) के अधिशासी निदेशक पीयूष रौतेला ने कहा जिस जगह की यह घटना हुई है, वह बेहद ऊंचाई पर स्थित हिमालय का एरिया है. जहां अक्सर इस तरह के हेवी एवलॉन्च आते रहते हैं. जिस जगह यह हादसा हुआ, उस इलाके में दो कोर्स चल रहे थे, जिसमें एक बेसिक और एक एडवांस कोर्स चल रहा था.
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#UPDATE | 2 Cheetah helicopters deployed by IAF for rescue & relief ops in Uttarkashi area where a mountaineering team of Nehru Institute of Mountaineering has been hit by an avalanche. All other fleets of choppers have been put on standby for any other requirement: IAF officials pic.twitter.com/fxoDPUpnWw
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सुबह के द्रौपदी का डांडा हिमालय ग्लेशियर क्षेत्र में जबरदस्त हिमस्खलन हुआ. जिसमें एडवांस कैंप के 53 लोग प्रभावित हुए. जिसमें से 29 लोग कहीं फंस गए. 8 लोगों को खोज निकाला गया है. उस इलाके में कोई मोबाइल या अन्य तरह का नेटवर्क नहीं है. सैटेलाइट फोन के सहारे कार्य जारी है, लेकिन खराब मौसम और भारी हिमस्खलन के कारण राहत बचाव में काफी समस्याएं आ रही है. हालांकि, एसडीआरएफ टीम मौके में पहुंच चुकी है.
वहीं, दूसरी तरफ एयरफोर्स के दो चीता हेलीकॉप्टर हर्षिल पहुंच चुके हैं. जबकि एक सिविल एविएशन का हेलीकॉप्टर स्टैंडबाय पर खड़ा है. इलाके में मौसम ज्यादा खराब होने और भारी बर्फबारी के चलते रेस्क्यू में काफी समस्या आ रही है. उम्मीद है कि अगले 24 घंटे के बाद मौसम कुछ साफ होगा. जिसके बाद रेस्क्यू कार्य शुरू हो पाएगा. अपर सचिव गृह रिद्धिम अग्रवाल ने दो महिला ट्रेनर की मौत की पुष्टि की है. अन्य की तलाश जारी है.
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22 सितंबर से ट्रेनिंग चल रही थी: बताया जा रहा है कि नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) का डोकरानी बामक ग्लेशियर में बीते 22 सितंबर से बेसिक और एडवांस कोर्स की ट्रेनिंग चल रही थी. बेसिक प्रशिक्षण 97 प्रशिक्षार्थी, 24 प्रशिक्षक व निम के एक अधिकारी समेत कुल 122 लोग शामिल थे. जबकि, एडवांस कोर्स में 44 प्रशिक्षणार्थी व 9 प्रशिक्षक समेत कुल 53 लोग शामिल थे.
बता दें कि 14 सितंबर से एनआईएम उत्तरकाशी (NIM Uttarkashi) में प्रशिक्षण शुरू हुआ. पाठ्यक्रम प्रशिक्षण कार्यक्रम अनुसार, एनआईएम और तेखला रॉक क्लाइंबिंग प्रशिक्षण क्षेत्र में रॉक क्लाइंबिंग प्रशिक्षण के संशोधन के बाद, पाठ्यक्रम 23 सितंबर को 7 पर्वतारोहण प्रशिक्षक, 34 प्रशिक्षु और एक नर्सिंग सहायक के साथ पहाड़ पर चला गया. जिसके बाद कोर्स 25 सितंबर को बेस कैंप में पहुंचा. इस कोर्स को बेस कैंप और एडवांस बेस कैंप में आइस एंड स्नो क्राफ्ट किया गया.
प्रशिक्षण कार्यक्रम अनुसार शिविर 1 में उच्च ऊंचाई प्रशिक्षण के लिए पाठ्यक्रम चला गया, जो 2 अक्टूबर से 4 अक्टूबर तक निर्धारित किया गया था. 4 अक्टूबर को प्रशिक्षण कार्यक्रम अनुसार पाठ्यक्रम उच्च ऊंचाई वाले नेविगेशन और ऊंचाई हासिल करने के लिए माउंट द्रौपदी का डांडा चला गया. सुबह 4 बजे पर्वत शिखर से वापस लौटते समय एडवांस पर्वतारोहण पाठ्यक्रम शिविर 1 के ऊपर हिमस्खलन हो गया. जिसमें 34 प्रशिक्षु और 7 पर्वतारोहण प्रशिक्षक हिमस्खलन की चपेट में आ गए.
प्रशिक्षकों की मौत पर रक्षा मंत्री ने जताया दुखः वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एवलॉन्च में प्रशिक्षकों की मौत पर गहरा दुख जताया है. उन्होंने ट्वीट कर शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदनाएं जताई है. इसके अलावा उन्होंने सीएम धामी से भी बात की और घटना की जानकारी ली. उन्होंने वायु सेना को बचाव और राहत अभियान चलाने के निर्देश दिए.