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उत्तर प्रदेशः अब जमीन से बाहर आने लगीं हैं दफनाई गई लाशें

उत्तर प्रदेश के कानपुर में शिवराजपुर खेरेश्वर घाट पर बारिश के चलते रेत हटने से दफनाई गई लाशें बाहर नजर आने लगी है. घाटों पर शवदाह के लिए जगह नहीं मिल रही है. अंतिम संस्कार का इंतजाम नहीं हो पाने की वजह से लोग शवों को घाट के पास ही दफना दे रहे हैं.

दफनाई गई लाशें
दफनाई गई लाशें
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Published : May 14, 2021, 10:32 AM IST

कानपुर : पूरे देश भर में कोरोना संक्रमण का कहर लगातार जारी है. रिकॉर्ड मामलों और मौतों से पूरा देश हिल गया है. उत्तर प्रदेश का हाल भी बेहाल है. कानपुर में संक्रमण की रफ्तार भले धीमी हो गई हो, लेकिन मौत का आंकड़ा अभी भी रुकने का नाम नहीं ले रहा है.

श्मशान घाट और विद्युत शवदाह केंद्र पर अंतिम संस्कार के लिए लोगों जगह नहीं मिल रही है. कानपुर के शिवराजपुर खेरेश्वर घाट का भी यही हाल है. खेरेश्वर घाट पर भी सैकड़ों लाशें दफना दी गई हैं. बताया जा रहा है कि लकड़ी की कमी होने के चलते और महंगी लकड़ी होने की वजह से ग्रामीणों ने शव को दफना दिया है.

दफनाई गई लाशें

मौके पर पहुंची पुलिस ने वीडियोग्राफी के बाद शवों को फिर से दफन करवाया. ग्रामीणों का कहना है कि घाट पर लकड़ी की कमी है, जिसकी वजह से लोग शव को दफना रहे हैं. ऐसा पहली बार हुआ है, क्योंकि अप्रैल महीने में अंतिम संस्कार के लिए रिकॉर्ड शव यहां पर आए हैं.

पढ़ेंः गंगा में लाश मामला : मानवाधिकार आयोग ने केंद्र, उत्तर प्रदेश और बिहार को नोटिस जारी किया

क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी

वहीं सीओ बिल्लौर राजेश कुमार ने बताया कि शिवराजपुर के खेरेश्वर घाट पर कुछ शव दफन किए गए थे. बारिश के कारण शवों के ऊपर की रेत बह गई थी. ग्रामीणों से इसकी सूचना मिलने के बाद शवों को सही ढंग से फिर से ढकवा दिया गया है. बता दें कि इससे पहले उन्नाव के बक्सर घाट पर भी शव दफनाए जाने का मामला सामने आया था.

कानपुर : पूरे देश भर में कोरोना संक्रमण का कहर लगातार जारी है. रिकॉर्ड मामलों और मौतों से पूरा देश हिल गया है. उत्तर प्रदेश का हाल भी बेहाल है. कानपुर में संक्रमण की रफ्तार भले धीमी हो गई हो, लेकिन मौत का आंकड़ा अभी भी रुकने का नाम नहीं ले रहा है.

श्मशान घाट और विद्युत शवदाह केंद्र पर अंतिम संस्कार के लिए लोगों जगह नहीं मिल रही है. कानपुर के शिवराजपुर खेरेश्वर घाट का भी यही हाल है. खेरेश्वर घाट पर भी सैकड़ों लाशें दफना दी गई हैं. बताया जा रहा है कि लकड़ी की कमी होने के चलते और महंगी लकड़ी होने की वजह से ग्रामीणों ने शव को दफना दिया है.

दफनाई गई लाशें

मौके पर पहुंची पुलिस ने वीडियोग्राफी के बाद शवों को फिर से दफन करवाया. ग्रामीणों का कहना है कि घाट पर लकड़ी की कमी है, जिसकी वजह से लोग शव को दफना रहे हैं. ऐसा पहली बार हुआ है, क्योंकि अप्रैल महीने में अंतिम संस्कार के लिए रिकॉर्ड शव यहां पर आए हैं.

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क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी

वहीं सीओ बिल्लौर राजेश कुमार ने बताया कि शिवराजपुर के खेरेश्वर घाट पर कुछ शव दफन किए गए थे. बारिश के कारण शवों के ऊपर की रेत बह गई थी. ग्रामीणों से इसकी सूचना मिलने के बाद शवों को सही ढंग से फिर से ढकवा दिया गया है. बता दें कि इससे पहले उन्नाव के बक्सर घाट पर भी शव दफनाए जाने का मामला सामने आया था.

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