नई दिल्ली: संसद का मानसूत्र सत्र 19 जुलाई से 13 अगस्त तक चलेगा. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने आज इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से 13 अगस्त तक होगा. इसमें 19 कार्यदिवस होंगे.
लोकसभा स्पीकर ने कहा कि सभी सदस्यों और मीडिया को कोविड नियमों के अनुसार अनुमति दी जाएगी. RT-PCR टेस्ट अनिवार्य नहीं है. हम उन लोगों से अनुरोध करेंगे जिन्होंने परीक्षण से गुजरने के लिए टीकाकरण नहीं कराया है. उन्होंने कहा कि जिन लोगों का कोरोना वायरस रोधी टीकाकरण नहीं हुआ है उन्हें सत्र के दौरान संसद परिसर में प्रवेश से पहले आरटी-पीसीआर जांच करवाने को कहा जाएगा.
सदनों की बैठक का समय
संसद भवन परिसर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बिरला ने कहा कि 323 सांसदों का कोविड रोधी पूर्ण टीकाकरण हो चुका है जबकि 23 सांसद कुछ चिकित्सीय कारणों के चलते टीके की पहली खुराक भी नहीं ले पाए हैं. लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि दोनों सदनों की बैठक 11 बजे एक ही समय पर शुरू होगी. संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू हो रहा है और यह 13 अगस्त तक चलेगा. आमतौर पर जुलाई में शुरू होने वाला मानसून सत्र वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण पिछले वर्ष सितंबर में आरंभ हुआ था.
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The Monsoon Session of Parliament will take place from July 19 to August 13. Will have 19 business days: Lok Sabha Speaker Om Birla pic.twitter.com/fA5fCvSrEe
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— ANI (@ANI) July 12, 2021
संसद में सामान्य कामकाज होगा
संसद का मानसूत्र सत्र 19 जुलाई से 13 अगस्त तक होगा. संसद का सत्र सुबह 11 बजे से शुरू होगा और शाम छह बजे तक चलेगा. इससे पहले कोविड-19 महामारी के कारण दोनों सदनों के लिए अलग-अलग समय स्लॉट रखा गया था, मगर अब 19 जुलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र के दौरान सुबह 11 बजे से संसद अपने सामान्य कामकाज पर लौटेगी.
सांसदों के बैठने की व्यवस्था भी उसी कक्ष में की गई है और यह पिछले दो सत्रों के विपरीत है, जब सांसदों का एक समूह लोकसभा में और अन्य राज्यसभा में बैठा था. पिछले दो सत्रों में राज्यसभा ने सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे के बीच कार्य किया था और लोकसभा शाम 4 बजे से रात 9 बजे तक चली थी और सांसद कोविड-19 वायरस के प्रसार से बचने के लिए दोनों कक्षों में बैठते थे. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 17वीं लोकसभा का यह छठा सत्र होने का उल्लेख करते हुए सोमवार को कहा कि मानसून सत्र 19 जुलाई से 13 अगस्त तक चलेगा और इस दौरान 19 दिनों का कामकाज होगा.
टेस्ट नहीं, टीकाकरण जरूरी
कोरोनावायरस महामारी अभी भी जारी है, इसलिए संसद के दोनों सदनों में सभी आवश्यक प्रोटोकॉल के साथ सत्र आयोजित किया जाएगा और सदस्यों को सामाजिक दूरी के आधार पर समायोजित करने की व्यवस्था की जाएगी. उन्होंने कहा कि सभी सदस्यों और मीडिया को कोविड-19 नियमों के अनुसार अनुमति दी जाएगी. आरटीपीसीआर परीक्षण अनिवार्य नहीं है, हम उन लोगों से परीक्षण का अनुरोध करेंगे, जिन्होंने टीकाकरण नहीं कराया है. बिरला ने कहा कि विभिन्न मंत्रालयों के सदस्यों, मीडियाकर्मियों और अधिकारियों के लिए आरटी-पीसीआर परीक्षण अनिवार्य नहीं होगा, जिन्होंने कोविड का टीकाकरण कराया है और यदि किसी का टीकाकरण नहीं हुआ है, तो फिर आरटी-पीसीआर परीक्षण करना होगा.
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुरक्षा प्रोटोकॉल के अनुसार सांसदों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ सदन में बैठने की व्यवस्था की गई है. 280 सदस्य लोकसभा कक्ष में और 259 असेंबली की गैलरी में बैठकर सदन की कार्यवाही में भाग ले सकेंगे. मानसून सत्र के दौरान प्रश्नकाल, शून्यकाल, नियम 377 के तहत आने वाले मामले, सरकारी विधायी कार्य और गैर-सरकारी सदस्यों के कार्य सहित सभी विषयों को लिया जाएगा.
'ऐतिहासिक रहा है 17वीं लोकसभा का कार्यकाल'
संसद भवन परिसर में अन्य व्यक्तियों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा. लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि 17वीं लोकसभा का अब तक का कार्यकाल कई मायनों में ऐतिहासिक रहा है जैसे पिछले दो वर्षों में हुए पांच सत्रों के दौरान कार्य उत्पादकता 122 प्रतिशत रही. बिरला ने कहा कि चौथे सत्र की लगभग 167 प्रतिशत कार्य उत्पादकता एक उल्लेखनीय उपलब्धि है. पांच सत्रों के दौरान, 114 बैठकें हुई जो 14वीं, 15वीं और 16वीं लोकसभा से अधिक है.
ओम बिरला ने कहा कि 17वीं लोकसभा की विशेष उपलब्धि सदस्यों को शून्यकाल के दौरान तत्काल सार्वजनिक महत्व के सरकारी मामलों के ध्यान में लाने के लिए अधिकतम अवसर प्रदान करना था. शून्यकाल के दौरान अब तक 3,389 विषय (प्रति दिन औसतन 29 विषय) उठाए गए, जो पिछली लोकसभा की तुलना में अधिक है. नियम 377 के तहत सदस्यों द्वारा उठाए गए मामलों पर मंत्रालयों से भी समय पर उत्तर प्राप्त हो रहे हैं. इस नियम के तहत अब तक उठाए गए लगभग 90 प्रतिशत विषयों का उत्तर एक महीने की समय सीमा के भीतर दिया गया है. यह आकंड़ा भी पिछली लोकसभा से अधिक है.
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि लोकसभा के दिन-प्रतिदिन के कामकाज को आधुनिक बनाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक उपयोग किया जा रहा है. सदस्यों से सभी प्रकार के नोटिस इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से प्राप्त हो रहे हैं. उन्हें संसदीय पत्र भी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भेजे जा रहे हैं.
एजेंसी इनपुट