लखनऊ : कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कारण देश के कई राज्यों की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी लॉकडाउन लगाया गया है, लेकिन इस लॉकडाउन ने इंडस्ट्री की सभी छोटी- बड़ी इकाइयों पर भी ताला लगा दिया है.
उत्तर प्रदेश के बरेली के विशिष्ट उद्योगों में से एक पंतग, मांझा उद्योग से जुड़े लोग भी इन दिनों दो वक्त के भोजन का प्रबंधन तक नहीं कर पा रहे हैं.
इस अलावा उत्तर प्रदेश का बरेली जिला अपने ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों के कारण विश्व स्तर पर जाना-पहचाना जाता है, लेकिन बरेली शहर अपने पांच औद्योगिक उत्पादों, सुरमा, फर्नीचर, आभूषण, सोने की कढ़ाई और पतंग का मांझा के कारण देश-विदेश में लोकप्रियता रहा है.
इन दिनों एक छोटी सी दुकान से लेकर घरेलू उद्योग, फैक्ट्री और उद्योग जगत में ताला लगा हुआ है.
शहर के बाकिरगंज, हुसैन बाग, सावले नगर, आनंद बिहार और सीबीगंज क्षेत्र में पंतग- मांझा बनाने का काम बड़े पैमाने पर किया जाता है, लेकिन लॉकडाउन के कराण काम बंद है.
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पुलिस बाजार में गश्त कर रही है, दुकानें और व्यवसाय बंद हैं. इसके बावजूद, कुछ कारीगर जो रोज खाते-कमाते हैं. वह काम की तलाश में उन स्थानों पर घूमते नजर आते हैं, जहां मांझा के कारखाने लगे हैं.
बता दें कि बरेली में मांझा बनाने वाले 15 लाख कारीगर हैं मौजूद हैं, जो लॉकडाउन खुलने का इंतजार कर रहे हैं. यह लोग पुलिस की सख्ती के बावजूद काम की तलाश में घर से निकल रहे हैं, ताकि इन्हें कुछ काम मिला सके.