नई दिल्ली: कथित आबकारी घोटाला मामले में आरोपित दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश करने की दिल्ली पुलिस की मांग को ठुकराते हुए राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें फिजिकल रूप में कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है. अब अगली सुनवाई से सिसोदिया कोर्ट में उपस्थित हो सकेंगे.
दिल्ली पुलिस की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेश करने की दलील का सिसोदिया के वकील ने यह कहकर विरोध किया कि उन्हें प्रभावी सुनवाई के लिए शारीरिक रूप से पेश होने का अधिकार है. आरोपी को अदालत में पेश करने के अधिकार में कटौती नहीं की जानी चाहिए. इस पर न्यायाधीश ने आदेश दिया कि अब मनीष सिसोदिया को अदालत के समक्ष शारीरिक रूप से पेश किया जाएगा.
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बता दें कि 23 मई को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी के दौरान मीडिया कर्मियों द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए एक पुलिसकर्मी द्वारा मनीष सिसोदिया की गर्दन को दबोचे जाने का वीडियो सामने आया था. उसके बाद दिल्ली पुलिस ने सिसोदिया को कोर्ट में फिजिकल तरीके से पेश करने की बजाय हर सुनवाई पर कोर्ट की हवालात से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेश करने की अदालत से अनुमति मांगी थी. कोर्ट ने इस आवेदन पर सुनवाई पूरी होने तक सिसोदिया को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश करने का निर्देश दिया था.
इसके बाद तीन सुनवाई में सिसोदिया को वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेश किया गया था. लेकिन, अब कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि सिसोदिया को आगे की सुनवाई के दौरान शारीरिक रूप से कोर्ट में पेश किया जाएगा. उल्लेखनीय है कि कथित आबकारी घोटाला मामले में सीबीआई द्वारा सप्लीमेंट्री चार्जशीट में सिसोदिया सहित आरोपी बनाए गए चार लोगों के मामले में ट्रायल की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.
सीबीआई ने चार्जशीट में चारों आरोपितों के शराब घोटाले में अलग-अलग भूमिकाओं में संलिप्त रहने और रिश्वत देकर फायदा लेने व रकम को इधर से उधर पहुंचाने के आरोप लगाए हैं. सीबीआई ने सिसोदिया को आबकारी नीति घोटाले का मुख्य सूत्रधार बताया है. साथ ही सिसोदिया पर सबूत मिटाने और सार्वजनिक पद का दुरुपयोग कर सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने और अपराधिक साजिश रचने की धाराएं भी लगाई हैं.
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