नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया कोर्ट के आदेश पर 103 दिन बाद पत्नी सीमा सिसोदिया से मिले. इसके बाद उनकी पत्नी ने ट्विटर पर एक पत्र साझा किया. उन्होंने लिखा कि आज 103 दिन बाद मनीष से मिलने का मौका मिला. न जाने और कितने दिन मुझे, मेरे पति और परिवार को ऐसी साजिशें झेलनी पड़ेंगी. सही कहते थे सब, राजनीति गंदी है. पर चाहे ये जो भी कर लें, ये अरविंद व मनीष के शिक्षा के सपने को सलाखों के पीछे कैद नहीं कर पाएंगे. शिक्षा की राजनीति जरूर जीतेगी.
सीमा सिसोदिया, मनीष सिसोदिया से 26 फरवरी के बाद आज पहली बार मिलीं. उनकी मुलाकात पुलिस की कस्टडी में मनीष सिसोदिया के घर पर ही हुई. दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट ने मनीष सिसोदिया को एक दिन अपनी बीमार पत्नी से 7 घंटे के लिए मिलने की इजाजत दी है.
शुभचिंतकों ने दी थी सलाह: अपने पत्र में सीमा सिसोदिया ने लिखा, आज 7 घंटे के लिए वह भी इस तरह की पुलिस बेडरूम के दरवाजे पर बैठी आपको लगातार देख रही है और आपकी हर बात सुन रही थी. शायद इसीलिए कहते है कि राजनीति गंदी है. जब ये लोग पार्टी बना रहे थे तो उस वक्त बहुत से शुभचिंतकों से सुनने को मिला था की पत्रकारिता और आंदोलन तक तो ठीक है, पर राजनीति के चक्कर में मत पड़ो. यहां पहले से बैठे लोग काम करने नहीं देंगे और फैमिली को परेशान करेंगे वो अलग. लेकिन मनीष की जिद थी. उन्होंने अरविंद और अन्य लोगों के साथ पार्टी बनाई और काम करके भी दिखाया.
शिक्षा के जरिए देश को खड़ा करना है: इन लोगों की राजनीति ने बड़े बड़े लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी की बात करने पर मजबूर किया. आज वही जिद फिर से मनीष के चेहरे पर और बातों में दिखाई दी. जो आदमी पिछले 103 दिन से एक दरी बिछाकर फर्श पर सो रहा है. मच्छर, चींटे, कीड़े, गर्मी, इस सब की परवाह किए बगैर, आज भी उसकी आखों में एक ही सपना है- शिक्षा के जरिए देख को खड़ा करना है. अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर ईमानदार राजनीति करके दिखानी है. भले ही कितनी मुसीबतें आएं, कितनी साजिशें हों. पिछले तीन महीने में दुनिया का शिक्षा का इतिहास पढ़ डाला है. किस देश के किस नेता शिक्षा पर जिद करके काम किया और फिर वो देश आज कहां से कहां पहुंच गए. जापान, चीन, सिंगापुर, इजराइल, अमेरिका. भारत की शिक्षा में क्या अच्छा हुआ क्या कमी रह गई. आज की हमारी मुलाकात में मेरी तबियत के साथ साथ ये भी बातें की.
बुना जा रहा शिक्षित और समृद्ध भारत का सपना: उन्होंने आगे कहा कि, मुझे फक्र है कि मेरा पति आज भी अपनी उसी जिद और तेवर में है. अरविंद और मनीष के खिलाफ साजिशें करके वे लोग खुश होंगे कि अरविंद के सिपाही को जेल में डाल दिया है. पर मैं देख रही हूं कि तिहाड़ जेल की एक कोठी में 2047 के शिक्षित और समृद्ध भारत का सपना मजबूती से बुना जा रहा है. झूठ और साजिशों के सामने ईमानदारी और शिक्षा की राजनीति का सपना जीतेगा जरूर. मनीष तुम पर गर्व है. तुमसे प्यार है.
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नहीं हुई थी मुलाकात: इससे पहले मनीष सिसोदिया हाई कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद अपनी पत्नी से मिलने के लिए तिहाड़ जेल से घर पहुंचे थे. हालांकि उस वक्त उनकी पत्नी की तबियत बिगड़ने के कारण उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा था, जिससे मनीष सिसोदिया और उनकी पत्नी की मुलाकात नहीं हो सकी थी. बाद में सिसोदिया केवल कुछ परिजनों से मिलकर ही तिहाड़ जेल लौट गए थे.
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