नई दिल्ली: दिल्ली शराब घोटाले में गिरफ्तार पूर्व डिप्टी CM मनीष सिसोदिया को शुक्रवार को दोहरा झटका लगा. एक तरफ राउज एवेन्यू कोर्ट ने उनको ED की 7 दिन की रिमांड पर भेज दिया. वहीं, CBI की गिरफ्तार मामले में बेल पीटिशन पर होने वाली सुनवाई को 21 मार्च तक के लिए टाल दिया.
ED ने रिमांड के लिए अपनी दलीलों को रखते हुए कोर्ट को बताया कि शराब घोटाले मामले में सिसोदिया ने अपने करीबियों को फायदा पहुंचाने के लिए शराब नीति में बदलाव किया. उन्होंने अपने कुछ खास लोगों को 6% की जगह 12% तक का लाभ पहुंचाया है. वह बार-बार बयान बदल रहे हैं. साजिश का पता लगाना है. अभी तक इस मामले से जुड़े कई लोगों को समन दिया है ताकि इनको आमने-सामने बैठाकर पूछताछ कर सके. इसलिए सिसोदिया से पूछताछ के लिए 10 दिन की रिमांड बहुत जरूरी है. जिसके बाद कोर्ट ने 7 दिन यानी 17 मार्च तक के लिए रिमांड पर भेज दिया.
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Excise case: Manish Sisodia brought to Rouse Avenue court, ED to seek 10-day custody
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पहली बार केजरीवाल का नामः रिमांड के लिए अपनी दलीलों को रखते हुए ED ने पहली बार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नाम लिया. कहा कि एक्साइज पॉलिसी में जेटस्पीड से आवेदन आते थे. कुछ देर में उनको अप्रूवल पर अलॉटमेंट मिल जाता था. ऐसे में यह संयोगवश नहीं हो रहा था. इन सभी की जांच आवश्यक है. सबूतों को नष्ट करने के लिए एक ही साल में 14 मोबाइल फोन बदले गए और उन्हें नष्ट किया गया. पढ़ें दोनों तरफ की पूरी दलीलें...
ED ने कोर्ट में सिसोदिया पर लगाए गंभीर आरोप
- विजय नायर साउथ ग्रुप को मैनेज कर रहा था. साउथ ग्रुप की तरफ से एडवांस में 100 करोड़ दिया गया.
- नई पॉलिसी में होलसेलर के लिए प्रॉफिट मार्जिन 12% और 1 रिटेलर को 185% प्रॉफिट मार्जिन किया गया.
- GOM में कुछ बातें जिन पर कभी चर्चा भी नहीं हुई. उनको अमल में लाया गया. कुछ लोगों को फायदा देने के लिए शराब की बिक्री के लिए तय व्यवस्था का भी उल्लंघन हुआ. आरोपी से जुड़े CA ने भी पूछताछ में खुलासा किया है.
- ED ने विजय नायर और के कविता के बीच हुई मुलाकात का जिक्र कोर्ट में किया. कहा सिसोदिया ने जांच में सहयोग नहीं किया.
- सिसोदिया ने इंडोस्पिरिट को L1 लाइसेंस दिलाने में अपनी भूमिका निभाई. सिसोदिया ने दूसरों के नाम पर खरीदे के फोन इस्तेमाल किए.
सिसोदिया ने कोर्ट में रखी अपनी दलील: सिसोदिया की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता दयन कृष्णन ने पक्ष रखा.
- प्रवर्तन निदेशालय की ड्यूटी है कि वह मनी ट्रेल प्रदर्शित करें, क्योंकि मेरे द्वारा की गई है. एक भी रुपए की मनी लॉड्रिंग का लिंक मुझसे नहीं निकाल पाया है.
- यह कह रहे हैं कि विजय नायर मेरे कहने पर काम कर रहा था. यह 1 रुपये का भी मनी ट्रेल मेरे खिलाफ नहीं दिखा पाए हैं.
- कृपया दस्तावेज दिखाएं. केवल हर जगह पर मैंने सुना. मैंने सुना. मैंने सुना ना कहें.
- चुनी हुई सरकार ने यह पॉलिसी बनाई है. यह जगहों से गुजरती है. सरकार के पास जाती है, अफसरों के पास जाती है. इसकी मंजूरी उपराज्यपाल ने दी है.
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जमानत पर सुनवाई टलीः जानकारी के अनुसार, राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले ही सिसोदिया ने अपनी जमानत की अर्जी लगाई थी, ऐसे में आज उसकी भी सुनवाई होनी थी, लेकिन कोर्ट ने सुनवाई को टाल दिया है. अब 21 मार्च को बेल पीटिशन पर सुनवाई होगी.
26 फरवरी को पहली बार CBI ने किया था गिरफ्तारः गौरतलब है कि दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी को 8 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था. गिरफ्तारी के बाद सिसोदिया 7 दिनों तक सीबीआई की रिमांड में रहे. फिर उन्हें 20 मार्च तक के लिए तिहाड़ जेल भेज दिया गया है. तिहाड़ जेल में होली के ठीक एक बाद 9 मार्च को ईडी ने सिसोदिया से जेल में पूछताछ की और शाम 6:20 बजे उन्हें गिरफ्तार कर लिया था.
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