इंफाल : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात करने के बाद हिंसाग्रस्त राज्य में शांति के लिए समाज के सभी वर्गों से शुक्रवार को अपील की और कहा कि हिंसा कोई समाधान नहीं है. उन्होंने मणिपुर की घटनाओं को एक त्रासदी बताया जो राज्य और देश के लिए दर्दनाक है. गांधी ने राजभवन के बाहर पत्रकारों से कहा, 'शांति के लिए जो भी जरूरी होगा, मैं उसके लिए तैयार हूं. मैं सभी लोगों से शांति कायम करने की अपील करता हूं क्योंकि हिंसा से कभी कोई हल नहीं निकल सकता.'
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#WATCH | Imphal: Congress leader Rahul Gandhi leaves after meeting Manipur Governor Anusuiya Uikey. pic.twitter.com/8r2tWLOXIs
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उन्होंने कहा, 'शांति ही आगे बढ़ने का रास्ता है और हर किसी को अब शांति के बारे में बात करनी चाहिए और उसकी ओर बढ़ना शुरू करना चाहिए. इस राज्य में शांति का माहौल कायम करने के लिए मैं हर संभव मदद करूंगा.' गांधी ने कहा, 'मैं मणिपुर के लोगों का दर्द साझा करता हूं. यह एक भयानक त्रासदी है. यह मणिपुर और देश के लोगों के लिए बेहद दुखद और दर्दनाक है.' उन्होंने इंफाल, चुराचांदपुर और मोइरांग में विभिन्न राहत शिविरों के अपने दौरों और सभी समुदायों के लोगों के साथ अपनी बैठकों के बारे में बताया.
गांधी ने पत्रकारों से कहा, 'एक बात जो मैं सरकार से कहना चाहूंगा, वह यह है कि शिविरों में बुनियादी सुविधाओं में सुधार की जरूरत है. भोजन में सुधार की जरूरत है. दवाओं की आपूर्ति की जानी चाहिए. शिविरों से इस संबंध में शिकायतें आई हैं.' कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल ने आश्वासन दिया कि जातीय हिंसा से प्रभावित राज्य में शांति बहाल करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने शुक्रवार को नागरिक समाज संगठन के सदस्यों से मुलाकात की और उनकी परेशानियां सुनीं.
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#WATCH | Congress leader Rahul Gandhi after meeting Manipur Governor, says "Manipur needs peace. I want peace to be restored here. I visited some relief camps, there are deficiencies in these relief camps, the government should work for this" pic.twitter.com/SResQRpajw
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गांधी ने नागरिक समाज संगठन 'कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी' (सीओसीओएमआई), मणिपुर में नागा समुदाय की शीर्ष संस्था 'यूनाइटेड नागा काउंसिल', 'शेड्यूल्ड ट्राइब डिमांड कमेटी' के प्रतिनिधियों और जेएनयू के प्रोफेसर बिमोल ए. सहित प्रमुख हस्तियों से मुलाकात की. कांग्रेस नेता ने सुबह मोइरांग शहर में दो राहत शिविरों में जाकर प्रभावित लोगों से मुलाकात की और उनकी व्यथा सुनी थी। गांधी सुबह इंफाल से हेलीकॉप्टर में सवार होकर मोइरांग पहुंचे थे.
पार्टी के सूत्रों ने बताया कि मोइरांग शहर के जिन दो शिविरों का गांधी ने दौरा किया, वहां लगभग 1000 लोग रह रहे हैं. राहुल गांधी के साथ मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह, पार्टी महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल, कांग्रेस की मणिपुर इकाई के अध्यक्ष कीशम मेघचंद्र सिंह और पूर्व सांसद अजय कुमार थे. मोइरांग में आईएनए (आजाद हिन्द फौज) ने 1944 में भारतीय तिरंगा फहराया था. कुमार ने कहा, 'हमने मोइरांग का दौरा किया और दो राहत शिविरों में गए. राहत शिविरों के लोगों से मिलने के बाद, हम नेताजी स्मारक गए जहां राहुल गांधी ने पुष्पांजलि अर्पित की.'
गांधी ने गुरुवार को चुराचांदपुर में राहत शिविरों का दौरा किया था, जो जातीय दंगों से सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों में से एक है. जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर के चुराचांदपुर में राहत शिविरों के गांधी के दौरे को लेकर गुरुवार को उस वक्त नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला, जब कांग्रेस नेता के काफिले को पुलिस ने बीच रास्ते में ही रोक दिया था और उन्हें अपने गंतव्य तक हेलीकॉप्टर से जाना पड़ा. कांग्रेस नेता स्थानीय समुदायों को सांत्वना देने के लिए मणिपुर की दो दिवसीय यात्रा पर हैं.
गौरतलब है कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं. मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है. वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है.
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(पीटीआई-भाषा)