अगरतला : भाजपा ने आश्चर्यजनक कदम उठाते हुए राज्यसभा सदस्य डॉ. माणिक साहा (Dr Manik Saha) को त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री के रूप में चुना है. वह बिप्लब कुमार देब की जगह लेंगे जिन्होंने शनिवार को पद से इस्तीफा दे दिया. देब के राज्यपाल एसएन आर्य को अपना इस्तीफा सौंपे जाने के तुरंत बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष साहा को मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर एक बैठक में विधायक दल का नेता चुना गया. त्रिपुरा विधायक दल के नेता माणिक साहा ने राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की और पार्टी विधायकों के समर्थन पत्र के साथ सरकार बनाने का दावा पेश किया. माणिक साहा आज त्रिपुरा के नए सीएम के पद की शपथ लेंगे.
इससे पहले देब ने बैठक में जैसे ही 69 वर्षीय साहा के नाम का प्रस्ताव रखा, मंत्री राम प्रसाद पॉल ने इसका विरोध किया जिससे विधायकों के बीच धक्कामुक्की हुई. सूत्रों ने कहा कि पॉल ने कुछ कुर्सियों को भी तोड़ दिया. उन्होंने कहा कि पॉल चाहते थे कि त्रिपुरा के पूर्ववर्ती राजपरिवार के सदस्य जिष्णु देव वर्मा को राज्य का नया मुख्यमंत्री बनाया जाए. भाजपा के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र यादव और विनोद तावड़े विधायक दल के नेता के चुनाव के पर्यवेक्षक थे.
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#WATCH त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने माणिक साहा को सम्मानित किया। माणिक साहा त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री होंगे। pic.twitter.com/v5MBSJuU9q
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 14, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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साहा ने खुद को मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद संवाददाताओं से कहा, 'मैं पार्टी का एक आम कार्यकर्ता हूं और आगे भी रहूंगा.' पचास वर्षीय देब ने नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के एक दिन बाद मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया. देब ने इस्तीफा देने के बाद कहा, 'पार्टी सबसे ऊपर है. मैं भाजपा का निष्ठावान कार्यकर्ता हूं. मुझे लगता है कि जो जिम्मेदारी दी गई, उसके साथ मैंने न्याय किया फिर चाहे राज्य भाजपा इकाई के अध्यक्ष का पद हो या त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी. मैंने त्रिपुरा के संपूर्ण विकास के लिए कार्य किया और सुनिश्चित किया कि राज्य के लोगों के लिए शांति हो.'
उन्होंने पार्टी द्वारा उन्हें संगठनात्मक दायित्व सौंपे जाने के फैसले की व्याख्या करते हुए कहा, 'वर्ष 2023 में चुनाव आ रहा है और पार्टी चाहती है कि जिम्मेदार संयोजक यहां प्रभार संभाले. सरकार तभी बन सकती है जब संगठन मजबूत हो.'
पेशे से दांत के डॉक्टर हैं माणिक साहा : डॉ. माणिक साहा अभी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं. साहा को मुख्यमंत्री बनाने की वजह उनकी छवि और पार्टी में उनका प्रभाव बताया जा रहा है. मानिक साहा पेशे से डेंटिस्ट हैं और उनकी छवि बेहद साफ मानी जाती है. माणिक साहा 2016 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए थे.
2020 से संभाल रहे संगठन की कमान : 2018 में त्रिपुरा में बीजेपी विधानसभा चुनाव जीती और बिप्लब देब को मुख्यमंत्री बना दिया गया. तब प्रदेश अध्यक्ष की कमान बिप्लब देब संभाल रहे थे. उसके बाद 2020 में पार्टी हाईकमान ने माणिक साहा को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया. माणिक ने संगठन की बागडोर संभालते ही बूथ स्तर तक मजबूती देने का काम शुरू कर दिया. यही वजह है कि त्रिपुरा में बीजेपी की संगठनात्मक क्षमता काफी बढ़ी है.
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