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कोरोना महामारी से निजात पाने के लिए दहकते अंगारे पर नंगे पैर चले शिव भक्त

कोरोना महामारी के कारण मंडा पूजा फीकी पड़ गई है. सालों से की जा रही मंडा पूजा धूमधाम से मनाने की परंपरा इस साल भी टूट गई है. हालांकि कुछ शिवभक्तों ने नंगे पांव दहकते अंगारे पर चलकर अपनी आस्था का परिचय दिया और महामारी से निजात दिलाने को लेकर प्रार्थना की.

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Published : May 19, 2021, 8:31 PM IST

रांची : कोरोना महामारी ने पूरे देश को अपनी चपेट में ले लिया है और इस महामारी से निजात दिलाने के लिए लोगों को अधिक से अधिक टीकाकरण किया जा रहा है. लेकिन महामारी के बीच आस्था और भक्ति भी जारी है. भक्तों ने दहकते अंगारों पर चलकर भगवान से इस महामारी से निजात दिलाने की प्रार्थना की.

मंडा पूजा का आयोजन
राजधानी रांची से सटे पिठोरिया गांव में शिव मंडा पूजा का आयोजन किया गया. जिसमें श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. हालांकि, कोरोना महामारी के कारण इस साल मंडा पूजा फीकी नजर आई. सालों से धूमधाम से मनाई जाने वाली परंपरा पिछले 2 सालों से टूट गई है. इस दौरान शिव भक्तों ने नंगे पांव दहकते अंगारे पर चल कर अपनी आस्था का परिचय दिया. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर पुजारी पितांबर गोस्वामी और मंटू गोस्वामी ने भगवान शिव की पूजा की. इसके साथ ही भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती से गांव और राज्य में महामारी समाप्त हो इसको लेकर प्रार्थना की गई.

दहकते अंगारे पर नंगे पैर चले शिव भक्त.

दहकते अंगारों पर चलने की परंपरा

आग में चलने की परंपरा को लेकर मांडा पूजा के पुजारी मंटू गोस्वामी ने बताया कि यह परंपरा सदियों से चली आ रही. दहकते अंगारों पर चलकर भगवान को भक्त अपने भक्ति का परिचय देते हैं. इस बार मंडा पूजा में भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती से महामारी निजात दिलाने को लेकर प्रार्थना की गई. वहीं, आयोजन समिति के ब्रजकिशोर साहू ने कहा कि लोकपर्व मंडा पूजा हर साल धूमधाम से की जाती है. लेकिन पिछले दो सालों से यह पर्व सादगी के साथ मनाया जा रहा है. यह पर्व अच्छी बारिश, खेती-बाड़ी और समृद्धि के लिए मनाया जाता है. मंडा पर्व पर भक्त आराध्य भगवान भोले शंकर की पूजा अर्चना करते हैं.

पढ़ेंः चक्रवात तौकते : गुजरात में भारी नुकसान, एक हजार करोड़ की तत्काल आर्थिक मदद

नोट : ईटीवी भारत इस तरह के अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देता है.

रांची : कोरोना महामारी ने पूरे देश को अपनी चपेट में ले लिया है और इस महामारी से निजात दिलाने के लिए लोगों को अधिक से अधिक टीकाकरण किया जा रहा है. लेकिन महामारी के बीच आस्था और भक्ति भी जारी है. भक्तों ने दहकते अंगारों पर चलकर भगवान से इस महामारी से निजात दिलाने की प्रार्थना की.

मंडा पूजा का आयोजन
राजधानी रांची से सटे पिठोरिया गांव में शिव मंडा पूजा का आयोजन किया गया. जिसमें श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. हालांकि, कोरोना महामारी के कारण इस साल मंडा पूजा फीकी नजर आई. सालों से धूमधाम से मनाई जाने वाली परंपरा पिछले 2 सालों से टूट गई है. इस दौरान शिव भक्तों ने नंगे पांव दहकते अंगारे पर चल कर अपनी आस्था का परिचय दिया. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर पुजारी पितांबर गोस्वामी और मंटू गोस्वामी ने भगवान शिव की पूजा की. इसके साथ ही भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती से गांव और राज्य में महामारी समाप्त हो इसको लेकर प्रार्थना की गई.

दहकते अंगारे पर नंगे पैर चले शिव भक्त.

दहकते अंगारों पर चलने की परंपरा

आग में चलने की परंपरा को लेकर मांडा पूजा के पुजारी मंटू गोस्वामी ने बताया कि यह परंपरा सदियों से चली आ रही. दहकते अंगारों पर चलकर भगवान को भक्त अपने भक्ति का परिचय देते हैं. इस बार मंडा पूजा में भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती से महामारी निजात दिलाने को लेकर प्रार्थना की गई. वहीं, आयोजन समिति के ब्रजकिशोर साहू ने कहा कि लोकपर्व मंडा पूजा हर साल धूमधाम से की जाती है. लेकिन पिछले दो सालों से यह पर्व सादगी के साथ मनाया जा रहा है. यह पर्व अच्छी बारिश, खेती-बाड़ी और समृद्धि के लिए मनाया जाता है. मंडा पर्व पर भक्त आराध्य भगवान भोले शंकर की पूजा अर्चना करते हैं.

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नोट : ईटीवी भारत इस तरह के अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देता है.

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