बिलासपुर: सड़क दुर्घटना में घायल युवक को हाथ में लगा रॉड निकलवाना भारी पड़ गया. निजी अस्पताल में रॉड निकलवाने के दौरान उसकी मौत हो गई. युवक की मौत के बाद मृतक के परिजनों ने निजी अस्पताल के डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए पुलिस से शिकायत की है. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.
2 साल पहले एक्सीडेंट के बाद हाथ में लगा था रॉड: खमरिया के रहने वाले 27 वर्षीय प्रवेश कुमार कौशिक का 2 साल पहले एक्सीडेंट हुआ था. प्रवेश के हाथ और कोहिनी में चोट आई थी. उस दौरान उसने मंगला स्थित बिलासपुर हॉस्पिटल के डॉक्टर से ऑपरेशन करवाया. उसके हाथ में रॉड लगाई गई. 2 साल बाद गुरुवार को प्रवेश फिर हॉस्पिटल गया, अपने हाथों का टेस्ट करवाया. डॉक्टरों ने कहा कि अब हाथ की चोट ठीक हो गई है इसलिए रॉड निकलवा सकते हैं.
ऑपरेशन के दौरान चिल्लाने लगा युवक: गुरुवार को जांच के बाद शुक्रवार की शाम ऑपरेशन का समय निर्धारित किया गया. लेकिन शुक्रवार की शाम ऑपरेशन के दौरान युवक की जोर जोर से चीखने की आवाजें आने लगी. जिसके बाद परिजन दौड़ते हुए ऑपरेशन थिएटर के बाहर पहुंचे. कुछ देर बाद डॉक्टर ऑपरेशन थियेटर से बाहर निकले और परिजनों से कहा कि प्रवेश की धड़कन बंद हो गई है. ऑपरेशन के दौरान उसे हार्ट अटैक आया जिससे उसकी मौत हो गई.
एनेस्थीसिया का ओवरडोज देने का आरोप: ऑपरेशन थियेटर में चीखने की आवाज सुनकर परिजन पहले ही परेशान थे. ओटी से बाहर निकलकर डॉक्टरों द्वारा प्रवेश की मौत पर परिजनों के पैरों तले जमीन खिसक गई. अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई है.
ऑपरेशन थियेटर ले जाने से पहले भाई बिल्कुल ठीक था. डॉक्टरों ने ऑपरेशन के दौरान एनेस्थीसिया का ओवरडोज दिया हो सकता है जिससे उसकी मौत हो गई- शैलेंद्र कौशिक, मृतक का बड़ा भाई
पुलिस कर रही जांच: सिविल लाइन थाना प्रभारी प्रवेश तिवारी ने कहा कि कुछ लोग थाना पहुंचे हुए थे. उन्होंने निजी अस्पताल के डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही करने का आरोप लगाया है. शिकायत पर जांच की जा रही है. जांच में जो बातें सामने आएगी उसके अनुसार कार्रवाई होगी.