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काेराेना महामारी में कुछ ऐसे मदद कर रहे हैं मनाेज

कहते हैं जहां चाह वहां राह, यानी अगर आपमें काेई अच्छा काम करने की प्रबल इच्छा हाे ताे रास्ता अपने आप निकल आता है. काेराेना महामारी के इस दाैर में अहमदाबाद के मनाेज कुछ ऐसी ही साेच के साथ काेराेना मरीजाें के लिए कार्य करने वाले 108 आपातकालीन टीम को भोजन, पानी, चाय आदि मुहैया करा रहे हैं.

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Published : May 4, 2021, 7:47 AM IST

108 एम्बुलेंस सेवा
108 एम्बुलेंस सेवा

गुजरात : काेराेना महामारी के इस दाैर में जहां डॉक्टर, पुलिस कर्मी, सामाजिक संगठन अपने-अपने स्तर पर काेराेना मरीजाें की मदद कर रहे हैं वहीं ऐसा ही एक प्रयास मिशन सेफ उत्तरायण फाउंडेशन के साथ मिलकर सामाजिक कार्यकर्ता मनोज भावसार द्वारा किया जा रहा है.

मनोज, मरीज की सेवा में जुटे 108 आपातकालीन टीम को भोजन के पैकेट, चाय और पानी उपलब्ध कराते हैं. अहमदाबाद के रहने वाले मनोज भावसार उपचार के लिए इंतजार कर रही 108 टीम को भोजन के पैकेट वितरित करते हैं.

सामाजिक कार्यकर्ता मनोजभाई पिछले एक साल से समय-समय पर इस तरह से सेवा करते आ रहे हैं. यहां तक ​​कि जब कोरोना की पहली लहर थी, तो उन्होंने 108 टीमों को भोजन के पैकेट, चाय और पानी परोसा और दूसरी लहर में भी वे दिन और रात अपने सेवा कार्य में जुटे हैं.

वे 1200 बेड के सिविल अस्पताल के बाहर खड़ी 108 आपातकालीन एम्बुलेंस टीम काे भोजन का पैकेट, पानी, चाय मुहैया कराते हैं.

इसे भी पढ़ें : कोरोना की मार : देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में ऑफलाइन परीक्षाएं स्थगित

मनोज भावसार ने ईटीवी भारत से कहा, 'वर्तमान में, 108 टीम के पास खाने के लिए समय नहीं है. अस्पताल के बाहर घंटाें इलाज के इंतजार में खड़े रहते हैं. मैं इसलिए ऐसा कर रहा हूं क्याेंकि अभी इसकी जरूरत है.'

गुजरात : काेराेना महामारी के इस दाैर में जहां डॉक्टर, पुलिस कर्मी, सामाजिक संगठन अपने-अपने स्तर पर काेराेना मरीजाें की मदद कर रहे हैं वहीं ऐसा ही एक प्रयास मिशन सेफ उत्तरायण फाउंडेशन के साथ मिलकर सामाजिक कार्यकर्ता मनोज भावसार द्वारा किया जा रहा है.

मनोज, मरीज की सेवा में जुटे 108 आपातकालीन टीम को भोजन के पैकेट, चाय और पानी उपलब्ध कराते हैं. अहमदाबाद के रहने वाले मनोज भावसार उपचार के लिए इंतजार कर रही 108 टीम को भोजन के पैकेट वितरित करते हैं.

सामाजिक कार्यकर्ता मनोजभाई पिछले एक साल से समय-समय पर इस तरह से सेवा करते आ रहे हैं. यहां तक ​​कि जब कोरोना की पहली लहर थी, तो उन्होंने 108 टीमों को भोजन के पैकेट, चाय और पानी परोसा और दूसरी लहर में भी वे दिन और रात अपने सेवा कार्य में जुटे हैं.

वे 1200 बेड के सिविल अस्पताल के बाहर खड़ी 108 आपातकालीन एम्बुलेंस टीम काे भोजन का पैकेट, पानी, चाय मुहैया कराते हैं.

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मनोज भावसार ने ईटीवी भारत से कहा, 'वर्तमान में, 108 टीम के पास खाने के लिए समय नहीं है. अस्पताल के बाहर घंटाें इलाज के इंतजार में खड़े रहते हैं. मैं इसलिए ऐसा कर रहा हूं क्याेंकि अभी इसकी जरूरत है.'

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