गोरखपुर: जिले के शाहपुर के गीता वाटिका स्थित घोषिपुरवा में दो बेटियों संग पिता ने सुसाइड कर लिया. तीनों के शव मंगलवार सुबह कमरे में पंखे से लटके थे. एक पंखे पर पिता तो दूसरे पर दोनो बेटियों का शव थे. सूचना पर पहुंची पुलिस ने तीनों शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. हालांकि यह सुसाइड है या हत्या है, यह कन्फर्म करने में पुलिस जुटी है. पुलिस का कहना है कि प्रथम दृष्टया यह सुसाइड (gorakhpur man commits suicide with two daughters) है. उधर परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है.
जानकारी के अनुसार तीनों के शव लटके हुए पहले दादा ने देखा था. मंगलवार सुबह दादा सोकर उठे तो देखा कि नवीन श्रीवास्तव और उनकी दो बेटी मान्या (16) और मानवी (15) के शव फांसी पर लटके हैं. दादा ने पुलिस को सूचना दी. परिवार के लोग हत्या की आशंका जता रहे हैं. मृतक मान्या 10वीं और मानवी 9वीं में सेंट्रल अकादमी में पढ़ती थीं. नवीन पेशे से दर्जी थे. 22 महीने पहले नवीन की पत्नी की मौत हो गयी थी.
शाहपुर इलाके के गीता वाटिका स्थित घोसीपुरवा निवासी ओमप्रकाश श्रीवास्तव के दो बेटे हैं. दोनों अलग बगल के मकान में रहते हैं. ओमप्रकाश मूल रूप से बिहार के गुठनी थाना क्षेत्र सिवान के रहने वाले हैं. घोसीपुरवा में तीस साल से मकान बनवा कर रहते हैं. ओम प्रकाश के बड़े बेटे जितेंद्र श्रीवास्तव (45) अपनी दो बेटियों और पिता के साथ रहते थे. जितेंद्र श्रीवास्तव घर में ही सिलाई का काम करते थे. गांव से आते समय मैरवा स्टेशन पर 1999 में ट्रेन से गोरखपुर आते समय एक पैर कट गया था. कृत्रिम पैर के सहारे घर में ही सिलाई का काम करते थे, जबकि उनकी पत्नी सिम्मी की दो साल पहले कैंसर से मौत हो गई थी.
उनकी दोनों बेटियां मान्या श्रीवास्तव (16) और मानवी श्रीवास्तव (14) आवास विकास स्थित सेन्ट्रल एकेडमी में कक्षा नौ और सात में पढ़ती थीं. मृतक के पिता ओमप्रकाश प्राइवेट गार्ड का काम करते हैं. सोमवार की रात शहर में ड्यूटी पर गए थे. सुबह मकान पहुंचे तो एक कमरे में बेटा और दूसरे कमरे में दो बेटियों के शव दुपट्टे के सहारे लटकता मिला. सूचना पर पहुंची पुलिस ने जांच पड़ताल करने के बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. घर से मिले दो मोबाइल फोन और सुसाइड नोट की पुलिस जांच कर रही है.
घर में मिला सुसाइड नोट: जितेंद्र उनकी दोनों बेटियां घर में चार साल पहले दो तोते को पाले थे. दोनों तोते का नाम पैब्लो और लीली रखे थे. पुलिस को घर में दोनों तोते कपड़े से ढकें मिले. उन्होंने सुसाइड नोट में तोते छोड़ने का जिक्र किया . हालांकि जब परिवार के लोगों ने तोतों को बाहर निकालकर उड़ाने की कोशिश की, तो तोते नहीं उड़े.
सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल हुई थी बेटियां: मृतक जितेंद्र के छोटे भाई नितीश श्रीवास्तव का बगल में ही दूसरा मकान है. नितीश ने बताया कि मान्या और मानवी घर के पास आवास विकास कॉलोनी स्थित सेन्ट्रल एकेडमी स्कूल में कक्षा 9 और 7 में पढ़ती थीं. दोनों होनहार थीं. स्कूल प्रशासन ने बताया कि एक दिन पहले सोमवार को बाल दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रम में दोनों ने भाग लिया था.
गोरखपुर में पहले भी लोग परिवार या बच्चों संग कर चुके हैं सुसाइड:
- 8 दिसम्बर 2015 को खोराबार के पोछिया ब्रम्ह स्थान केवटान टोला निवासी दिलीप निषाद ने अपनी पत्नी माया और 10 माह के बच्चे लकी के सिर पर प्रहार कर हत्या कर दी थी और खुद भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया था. पत्नी व बेटे का शव बिस्तर में था तो बेड के पास ही उसी कमरे में दिलीप भी फांसी से लटका था.
- 7 सितंबर 2017 को शाहपुर के शक्तिनगर में महिला शोभा अपनी बड़ी बेटी एंजल , बेटे अथर्व और छोटी बेटी आराध्या संग पंखे से लटक गई थी. घटना में शोभा व उसकी बड़ी बेटी एंजल की मौत हुई था जबकि दो बच्चे बच गए थे.
- 18 मई 2018 को कैन्ट इलाके के महादेव झारखंडी निवासी महिला शशि सिंह ने पहले अपनी बेटी दीक्षा उर्फ एंजल और बेटे नववैध का गला दबाकर मार दिया था और खुद फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया था. बच्चों का शव कमरे में बिस्तर पर पड़ा था और महिला बेड के बगल में फंदे से लटकी थी. महिला के पति संतोष ने भी पहले ही आत्महत्या कर ली थी.
- 4 फरवरी 2019 को राजघाट निवासी व्यापारी रमेश गुप्ता ने पूरे परिवार संग आत्मघाती कदम उठाया था.रमेश ने अपनी पत्नी सरिता, बेटी रचना, पायल व छोटे बेटे आयुष को खाने में पहले जहर दे दिया फिर खुद ट्रेन के आगे कूद गए थे.घटना में व्यापारी रमेश, पत्नी सरिता, पायल, आयुष की मौत हो गई थी. जबकि एक बड़ा बेटा व बेटी रचना बच गयी थी.
- 6 मई 2020 को पिपराइच के उनोला स्टेशन के पास पूजा नाम की महिला अपनी तीन बेटियों संग ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली थी.
- 22 अक्टूबर 2021 को खोराबार के भैसहा निवासी मंजू देवी अपने बेटे अनूप व बेटी अमृता के साथ आग लगा ली थी. जिसमे बच्चों की मौत हो गई थी और महिला बच गई थी.
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