गांदेरबल (जम्मू-कश्मीर) : जम्मू-कश्मीर के गांदेरबल जिले के एक राजनीतिक कार्यकर्ता को शांति के प्रति खतरा मानते हुए एहतियातन हिरासत’ में रखा गया है. पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
अदालत इस 50 वर्षीय कार्यकर्ता सज्जाद सोफी को जमानत दे चुकी है फिर भी उन्हें पुलिस ने हिरासत में रखा है. दरअसल इस कार्यकर्ता ने कथित तौर पर कहा था कि केंद्र शासित प्रदेश में पदस्थ अधिकारी जो यहां के नहीं हैं, बाहरी हैं ऐसे अधिकारियों से वह कोई उम्मीद नहीं रखते हैं. इस मामले में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
सोफी मध्य कश्मीर जिले के साफापोरा में वानी मोहल्ला के रहने वाले हैं. उप राज्यपाल मनोज सिन्हा के सलाहकारों में से एक बशीर अहमद खान के साथ जन संवाद के दौरान अपने मन की बात कहने वाले सोफी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153 के तहत मामला दर्ज किया गया था.
पुलिस में दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक बृहस्पतिवार को खान के जन दरबार में छह-सात लोगों के समूह को लेकर पहुंचे सोफी ने उनसे कहा था, 'मैं आपसे उम्मीद रख सकता हूं क्योंकि आप कश्मीरी हो और हमें समझ सकते हो. मैं आपकी कॉलर पकड़ कर आपसे जवाब मांग सकता हूं. लेकिन ऐसे अफसर जो बाहरी हैं, उनसे मैं क्या उम्मीद कर सकता हूं.'
सोफी का इशारा गांदेरबल की उपायुक्त कृतिका ज्योत्सना की ओर था जो उत्तर प्रदेश काडर से 2014 बैच की आईएएस अधिकारी हैं. उनकी टिप्पणियों से उपायुक्त कथित तौर पर नाराज हो गईं. पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक ज्योत्सना अपनी सीट से उठीं और इस बात पर उन्होंने कड़ी आपत्ति जताई.
जन सुनवाई समाप्त होने के बाद सोफी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. शनिवार को यहां की एक स्थानीय अदालत ने सोफी को जमानत दे दी और कहा कि जमानत देने का नियम है और इसे अस्वीकार करना अपवाद है.
जमानत मिलने के बावजूद सोफी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और बताया कि वह शांति के लिए खतरा हैं, अत: उन्हें एहतियाती हिरासत में लिया गया है.
गांदेरबल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुहैल मुनावर ने कहा कि सोफी को आईपीसी की धारा 107 और 151 के तहत एहतियातन हिरासत में रखा गया है. हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि छोटे स्तर के इस राजनीतिक कार्यकर्ता का अपराध का पहले से कोई रिकॉर्ड नहीं है.
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