चेन्नई : तमिलनाडु पुलिस की क्राइम ब्रांच की बैंक फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन विंग ने अपना बैंक खोलने और कई लोगों से 2 करोड़ रुपये ठगी के मामले में चंद्र बोस को गिरफ्तार किया है. उसके पास से एक लग्जरी कार और 56 लाख रुपये नकद बरामद किए. हालांकि, पुलिस ने कहा कि आरोपी इस धोखाधड़ी मामले में अकेला नहीं था. उसके कई साथी छिपे हुए हैं. क्राइम ब्रांच की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम उनकी तलाश में है.
तमिलनाडु पुलिस के अनुसार, चंद्रबोस ने बिना किसी लाइसेंस के अपना ग्रामीण और कृषि किसान सहकारी बैंक (आरएएफसी) बनाया. उन्होंने राज्य के विभिन्न हिस्सों में दस से अधिक शाखाएं खोलीं और करीब 3 हजार लोगों के साथ ठगी की. उसने मदुरै, विरुदाचलम, कल्लाकुरिची, नमक्कल, पेरम्बलुर, इरोड, सलेम और चेन्नई शहर में बैंक की दो शाखाएं खोलीं. जांच में पता चला कि ग्रामीण एवं कृषि सहकारी बैंक के नाम से फर्जी वेबसाइट, पासबुक, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, ज्वेलरी और ऑनलाइन मनी ट्रांसफर आदि छापकर ग्राहकों को मुहैया करायी गयी थी.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा अंबत्तूर में बिना किसी लाइसेंस के एक बैंक के संचालन के बारे में पुलिस को सूचित किए जाने के बाद चेन्नई शहर की पुलिस ने आरएएफसी बैंक के कामकाज की जांच शुरू की. भारतीय रिजर्व बैंक के एक सहायक महाप्रबंधक (AGM) द्वारा एक औपचारिक शिकायत भी दर्ज कराई गई थी, जिसके आधार पर क्राइम ब्रांच ने जांच शुरू की. पुलिस ने कहा कि बैंक की कार्यप्रणाली सदस्यता शुल्क के रूप में 700 रुपये एकत्र करना था और बैंक ग्राहकों को 500 रुपये की शेष राशि के साथ क्रेडिट/डेबिट कार्ड जारी करेगा और कार्ड नंबर ग्राहकों के बैंक खाता संख्या के रूप में प्रदान किए जाएंगे.
जांच दल के अनुसार, जमा करने के साथ-साथ ऋण उपलब्ध कराकर बैंक एक नियमित बैंक के रूप में कार्य कर रहा था. जमाकर्ताओं को उच्च ब्याज दरों की पेशकश की गई और ग्राहकों को आसानी से ऋण प्रदान किया गया.
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(इनपुट- आईएएनएस)