नई दिल्ली: सीबीआई (CBI) ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) को बताया कि तृणमूल कांग्रेस के नेता और पिछले साल के विधानसभा चुनाव के दौरान नंदीग्राम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चुनाव एजेंट रहे एस. के. सुफियान हत्या के मामले की जांच से बच रहे हैं. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), भाजपा के कार्यकर्ता देवव्रत मैती की हत्या के मामले (BJP worker Devvrat Maiti murder case ) की जांच कर रहा है.
सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अमन लेखी ने न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति अभय एस ओका की पीठ को बताया कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस आदेश में कोई त्रुटि नहीं है, जिसने सुफियान की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
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उन्होंने कहा कि जांच अधिकारियों के समक्ष पेश होने के लिए कई नोटिस दिए जाने के बावजूद अपीलकर्ता जांच से बच रहे हैं. लेखी ने कहा कि उन्होंने जांच में सहयोग नहीं किया है. सुफियान की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके मुवक्किल का नाम अधिकारियों द्वारा दर्ज प्राथमिकी या मामले में दाखिल आरोपपत्र में नहीं है. शीर्ष अदालत ने मामले में पक्षकारों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.
(पीटीआई-भाषा)