कोलकाता (पश्चिम बंगाल): पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को भवानीपुर के बिजॉय सम्मिलानी कार्यक्रम में चरमपंथी विचारों वाले राजनीतिक संगठनों को निशाने पर लिया. उन्होंने अखिल भारतीय हिंदू महासभा द्वारा रूबी पार्क दुर्गा पूजा का उदाहरण दिया, जिसमें गांधीजी को देवी दुर्गा के असुर (दानव) के रूप में दिखाया गया था. गौरतलब है कि यह घटना 2 अक्टूबर को हुई थी, जब पूरा देश महात्मा गांधी की जयंती मना रहा था. भगवा समूह ने महात्मा गांधी को देवी दुर्गा द्वारा मारे गए एक असुर के रूप में दिखाया.
ममता बनर्जी ने कहा कि 'हमारे लोगों से पूछें कि वे गांधीजी को देश का नेता मानते हैं या नहीं. उनका आरोप है कि मैं दुर्गा पूजा की अनुमति नहीं देती हूं. लेकिन अब आपने दुर्गा की पूजा की और गांधीजी को असुर बनाया. लोग आपको उचित जवाब देंगे. मुझे नहीं पता था. मैं काम कर रही थी. जब मुझे पता चला, तो मैंने पुलिस को बताया. उन्होंने जाकर कार्रवाई की. अंत में, उन्होंने महात्मा गांधी की मूर्ति को एक राक्षस की मूर्ति से बदल दिया. मैं चाहती थी कि पूजा शांतिपूर्वक हो. इसलिए मैंने कोई विवाद नहीं बनाया.'
ममता बनर्जी ने ऐसे लोगों का भी उदाहरण दिया, जिन्हें कमतर या अपमानित नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि 'अगर कोई गुरु नानक के नाम पर कुछ कहता है, तो क्या सिख खुश होंगे? क्या भगवान जगन्नाथ को अपमानित करने पर उड़िया लोग खुश होंगे? गांधीजी हमारे देश के नंबर एक नेता हैं. मैं निराश थी, लेकिन कुछ नहीं कहा क्योंकि पूजा चल रही थी. अगर मैंने उस समय विरोध किया होता, तो लोग सड़कों पर उतरते, जो मैं त्योहार के दौरान नहीं चाहती थी.'
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उन्होंने राज्य में तृणमूल नेताओं के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के इस्तेमाल को लेकर भी भाजपा पर भी निशाना साधा. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को धमकी देते हुए कहा कि 'जब आप सत्ता से बाहर होंगे, तो एजेंसियां आप पर कार्रवाई करेंगी. इसके लिए तैयार रहें.' इसके बाद ममता राजभवन में राज्यपाल ला गणेशन से मिलने गईं.