कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने धमाकेदार जीत दर्ज की है. राज्य की सीएम और तृणमूल अध्यक्ष ममता बनर्जी भले ही नंदीग्राम से चुनाव हार गई हों, लेकिन उन्होंने एक बार फिर अपने तेवर दिखा दिए हैं. बता दें, राज्य में 294 विधान सभा सीटें हैं, लेकिन मतदान 292 सीटों पर हुआ था.
बात अगर ममता बनर्जी की करें तो उन्हें किसी भी सीट से अपनी किस्मत अजमाना चाहिए. उन्हें नंदीग्राम का मोह छोड़कर इन दोनों विधान सभा सीटों से लड़ना चाहिए. ऐसा होने से राज्य में उपचुनाव की स्थिति नहीं बनेगी.
दरअसल दो सीटों पर उम्मीदवारों की मौत होने के बाद चुनाव नहीं हो पाया. बता दें कि राज्य में 292 सीटों के लिए 2116 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था जिनकी किस्मत का फैसला हो चुका है. राज्य की कुल 294 विधानसभा सीटों में से 292 सीटों पर आठ चरणों में मतदान संपन्न हुआ था. राज्य की शमशेरजंग और जंगीपुरा विधानसभा क्षेत्र के दो उम्मीदावरों के निधन होने की वजह से वहां चुनाव स्थगित कर दिया गया था.
वहीं, आज चुनाव आयोग ने एलान किया कि पश्चिम बंगाल की 2 और ओडिशा की 1 सीट पर होने वाला उपचुनाव टाल दिया गया है. चुनाव आयोग ने इसके लिए कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों को वजह बताई. इसके साथ ही इन विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव आचार संहिता फिलहाल लागू नहीं होगी. चुनाव की तारीख की अगली अधिसूचना बाद में घोषित की जाएगी.
बता दें कि चुनाव आयोग ने जंगीपुर और शमशेरगंज विधान सभा में 16 मई को मतदान कराने की घोषणा की थी.
कई उम्मीदवारों की हो चुकी है मौत
जंगीपुर विधानसभा सीट से आरएसपी उम्मीदवार प्रदीप कुमार नंदी की मौत कोरोना संक्रमण से हो गयी थी. जंगीपुर में सातवें चरण में चुनाव होना था. वहीं, शमशेरगंज विधानसभा सीट से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार रेजाउल हक उर्फ मंटु बिस्वास की मौत भी कोरोना संक्रमण से हुई थी. इसके बाद आयोग ने इन दोनों ही जगहों पर चुनाव स्थगित कर दिया था. शमशेरगंज में भी सातवें चरण में चुनाव होना था. कोरोना के कारण तीन उम्मीदवार सहित कई निवर्तमान विधायकों की मौत हो चुकी है.