कोलकाता : ममता बनर्जी ने कहा है कि केंद्र सरकार भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने देश के सामने झूठ का पुलिंदा रखा है. उन्होंने कहा कि वे गृह मंत्री के आरोपों का जवाब कल देंगी. उन्होंने कहा कि भाजपा एक 'धोखेबाज़' पार्टी है, राजनीति के लिए वे कुछ भी कर सकते हैं.
29 दिसंबर को रैली
उन्होंने कहा कि हम सीएए का विरोध कर रहे हैं क्योंकि यह कानून के रूप में पारित किया गया था. वे (भाजपा) नागरिकों के भाग्य का फैसला नहीं कर सकते हैं, उन्हें अपने भाग्य का फैसला करने दें. हम सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ हैं. सीएम ममता ने आगे कहा कि मैं 28 दिसंबर को एक प्रशासनिक बैठक के लिए बीरभूम जा रही हूं. मैं 29 दिसंबर को एक रैली भी करूंगी.
मंगलवार को देंगी विस्तृत जवाब
ममता ने गृह मंत्री के आरोपों से जुड़े एक सवाल का जवाब दिया. उन्होंने कहा, 'मैं अमित जी से कहना चाहती हूं कि आप गृह मंत्री हैं और आपको यह शोभा नहीं देता कि आप अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं की ओर से मुहैया कराए गए झूठ की पड़ताल किये बिना उसका बखान करें.' उन्होंने कहा कि वह शाह के आरोपों का मंगलवार को विस्तार से जवाब देंगी.
शाह के आरोप खारिज
मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैं आज केवल दो चीजों पर बोलना चाहती हूं. उन्होंने कहा कि हम उद्योग में शून्य हैं, हम एमएसएमई में नंबर एक पर हैं.' ममता ने कहा, 'उन्होंने यह भी कहा कि हमारे गांवों में हमने सड़कें नहीं बनाईं. हम उसमें भी नंबर एक पर हैं और यह जानकारी भारत सरकार ने साझा की है.' उन्होंने प्रेस से कहा कि शाह ने जो कुछ कहा, उसे खारिज करने के लिए उनके पास प्रमाण हैं.
किसानों को योजना का लाभ
उन्होंने कहा कि राज्य में 73 लाख से अधिक किसानों को इस योजना से लाभ मिलना है और कृषि मंत्री को पीएम किसान निधि को राज्य सरकार को हस्तांतरित करने की व्यवस्था करनी चाहिए.
किसानों को वित्तीय मदद
ममता ने अपने अनुरोध पर जल्द फैसले की मांग करते हुए कहा कि उनके पत्र में कहा गया है कि धन वितरण के बाद लाभार्थियों की सूची केंद्र सरकार को भेज दी जाएगी. उन्होंने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस सरकार राज्य के सभी किसानों को वित्तीय मदद दे रही है, वहीं केंद्रीय योजनाएं केवल किसानों के एक वर्ग के लिए हैं.
आयुष्मान भारत योजना
बनर्जी ने कहा, 'हमने कभी नहीं कहा कि हम किसानों को धन नहीं देंगे, लेकिन हम चाहते थे कि राज्य सरकार के माध्यम से राशि दी जाए.' उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का 'स्वास्थ्य साथी' कार्यक्रम पश्चिम बंगाल के सभी 10 करोड़ लोगों के स्वास्थ्य के लिए है, वहीं केंद्र की आयुष्मान भारत योजना से राज्य के केवल डेढ़ करोड़ लोगों को मदद मिल पाएगी.
महापुरुषों का अपमान बर्दाश्त नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह रबींद्रनाथ टैगोर का कोई अपमान नहीं सहेंगी. उन्होंने कहा कि राष्ट्रगान के रूप में 'जन गण मन' पर सवाल कर रहे लोगों को जानना चाहिए कि 'यह देश की मिट्टी का सम्मान है.' उन्होंने कहा, 'अगर किसी को लगता है कि वे अपना धर्म दूसरों पर थोपेंगे तो मैं अपना खून बहाने को तैयार हूं लेकिन ऐसी कोई चीज नहीं होने दूंगी जिससे राष्ट्रगान या रबींद्रनाथ, विवेकानंद, सुभाष चंद्र बोस, गांधीजी, आंबेडकर, बिरसा मुंडा का अपमान होता है. ये लोग देश का गौरव हैं.'
भाजपा नेता कुछ भी कह सकते हैं
सोमवार को प्रेस वार्ता में ममता ने कहा कि केंद्र सरकार नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मुद्दे पर अनर्गल बयान दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं सीएए, एनआरसी के खिलाफ हूं. सीएए-एनआरसी को लेकर भाजपा के स्टैंड पर ममता ने कहा कि उनके नेता कुछ भी बयान दे सकते हैं.
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ममता ने अपने कार्यकाल की उपलब्धियां भी गिनाईं. उन्होंने अपने कार्यकाल के विकास कार्यों का ब्यौरा देते हुए कहा कि उत्तर बंगाल के विकास कार्यों के लिए 100 करोड़ रुपये दिए गए हैं.
क्या हैं शाह के आरोप
बता दें कि पश्चिम बंगाल के बोलपुर में रविवार को संवाददाता सम्मेलन में शाह ने राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार पर काम करने में नाकामी का आरोप लगाया था और कहा था कि पश्चिम बंगाल कई मामलों में देश के अधिकतर राज्यों से पिछड़ा है, वहीं भ्रष्टाचार तथा जबरन वसूली में आगे है. शाह ने कहा था कि ममता केंद्र सरकार की योजनाओं को इसलिए लागू करने की स्वीकृति नहीं दे रहीं, क्योंकि उन्हें पीएम मोदी की लोकप्रियता के कारण चुनावों में अपनी हार पर संशय है.