चेन्नई : कभी कभार ऐसी खबरें सामने आती हैं जो एक ओर लोगों को हैरान करती हैं, तो दूसरी ओर लोगों की मुस्कान की वजह भी बनती हैं. एक ऐसी ही खबर तमिलनाडु के सलेम जिले (Salem District) से आई है, जहां एक शादी समारोह ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया. दरअसल, इस शादी में खास बात दूल्हा दुल्हन का नाम है. दूल्हे का नाम सोशलिज्म और दुल्हन का नाम ममता बनर्जी है. ये शादी CPI(M) के राज्य सचिव, मुथरसन के नेतृत्व में हुई.
बता दें 52 वर्षीय दूल्हे के पिता ए मोहन भी CPI(M) के सलेम जिला सचिव हैं. मोहन ने 2016 के विधानसभा चुनाव में पीपुल्स वेलफेयर एलायंस (People's Welfare Alliance) की ओर से वीरपांडी निर्वाचन क्षेत्र (Veerapandi constituency) से चुनाव लड़ा था. उन्होंने अपने तीन बेटों का नाम सोशलिज्म, लेनिनिज्म और कम्यूनिज्म (Communism, Leninism, and Socialism) रख कर सभी का ध्यान आकर्षित किया था.
ए मोहन ने अपने तीसरे बेटे सोशलिज्म के लिए जिस परिवार की बेटी को चुना वह कांग्रेस पार्टी से जुड़ा हुआ है. बेटी का नाम कुछ और नहीं, बल्कि ममता बनर्जी है जो कि उनकी करीबी रिश्तेदार भी थी. दुल्हन ममता बनर्जी के परिवार में उनके दादा, पिता और मां समेत सभी कांग्रेस में हैं.
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बता दें, मोहन के पिता, अलगप्पन, कम उम्र से ही कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल हो गए थे और विभिन्न मुद्दों के लिए लड़े भी थे. अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए मोहन कम्युनिस्ट आंदोलन में शामिल हो गए थे. दिलचस्प बात यह है कि मोहन के दूसरे बेटे लेनिनवाद ने भी अपने बच्चे का नाम मार्क्सिज्म रखा.
इस नाम के पीछे की कहानी
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सोवियत संघ का जब विघटन (1991) हुआ तो लोगों ने कहना शुरू किया कि कम्युनिज्म खत्म हो गया है और यह विचारधारा दुनिया में अब कहीं नहीं रहेगी. इस संबंध में तब दूरदर्शन पर एक न्यूज क्लिप भी चला था. उसी समय उनकी पत्नी ने बड़े बेटे को जन्म दिया था, उन्होंने तय किया कि वह अपने बेटे का नाम कम्युनिज्म रखेंगे, क्योंकि उन्हें यकीन था कि जबतक मानव जाति है, कम्युनिज्म कभी समाप्त नहीं होगा.
उन्होंन बताया कि वह अपने बच्चों के नाम विचारधारा पर रखना चाहते थे और उन्होंने अपने तीनों बेटों का नाम ऐसे ही रखा. दुल्हन के बारे में उन्होंने बताया कि उनके दादा कांग्रेस नेता रहे हैं और वह राजनीति में ममता बनर्जी से काफी प्रभावित रहे हैं. ऐसे में उन्होंने अपनी पोती का नाम ममता बनर्जी के नाम पर रखने का फैसला किया.
लेनिन मोहन के अनुसार, उन्होंने अपने पोते का नाम मार्क्सिज्म रखा और अगर भविष्य में उनके घर में बच्ची का जन्म होता है तो उसका नाम भी उन्होंने तय कर लिया है. उन्होंने उसका नाम क्यूबाइज्म रखने का इरादा किया है.