राजनांदगांव: राजनांदगांव के ठेकवा गांव में शुक्रवार को कांग्रेस ने "भरोसे का सम्मेलन" आयोजित किया था. इसमें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल हुए. सम्मेलन के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मीडिया से मुखातिब हुए. इस दौरान उन्होंने उदयनिधि स्टालिन के बयान को लेकर कहा कि, मैं धर्म और राजनीति को एक साथ नहीं जोड़ता. मेरे लिए धर्म और राजनीति दोनों अलग-अलग है.
धर्म और राजनीति पर खड़गे का बयान: राजनांदगांव में "भरोसे के सम्मेलन" के बाद खड़गे मीडिया से मुखातिब हुए. उन्होंने कहा "मैं धर्म और राजनीति को अलग रखता हूं, इसलिए इस पर कुछ भी नहीं बोल सकता. मेरे लिए राजनीति अलग है और धर्म अलग,मैं गरीबों के लिए आयोजित कार्यक्रम "भरोसे का सम्मेलन" में हिस्सा लेने आया हूं. धर्म और राजनीति अलग-अलग चीजें हैं. मैं इस पर बहस नहीं करना चाहता."
सनातन धर्म से जुड़े इस बयान पर हो रहा विवाद: दरअसल, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना बीमारी से की थी. उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि," सनातन धर्म डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना जैसा है. जिसका हमें विरोध नहीं करना है बल्कि इसे मिटा देना चाहिए." हालांकि बाद में उन्होंने सफाई भी दी कि "मैं किसी धर्म का विरोधी नहीं हूं. मेरे बयानों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है."
खड़गे का छत्तीसगढ़ दौरा बेहद खास: बता दें कि लगातार छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बड़े नेताओं का दौरा हो रहा है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का ये दौरा काफी खास माना जा रहा है. कांग्रेस सूत्रों की मानें तो जल्द ही विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के प्रत्याशियों की लिस्ट जारी हो जाएगी. प्रत्याशियों के चयन को लेकर भी खड़गे का छत्तीसगढ़ दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा है.