असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को मालीगांव फ्लाईओवर को जनता को समर्पित कर दिया. इस फ्लाईओवर को बनाने में दो सालों का समय लगा, जिसकी लागत 420 करोड़ रुपये थी. यह फ्लाईओवर गुवाहाटी का सबसे लंबा फ्लाईओवर है.
मालीगांव फ्लाईओवर का उद्घाटन
मालीगांव फ्लाईओवर का उद्घाटन
गुवाहाटी: काफी लंबे इंतजार के बाद मालीगांव फ्लाईओवर बुधवार को जनता को समर्पित कर दिया गया. बता दें कि पुल का नाम बदलकर 'नीलाचल फ्लाईओवर' कर दिया गया है, क्योंकि यह फ्लाईओवर नीलाचल पहाड़ी के नीचे स्थित है, वह पहाड़ी जहां प्रसिद्ध कामाख्या मंदिर स्थित है. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को फ्लाईओवर का उद्घाटन किया.
मुख्यमंत्री ने कामाख्या द्वार की ओर जाने वाले छोर पर रिबन काटकर पुल को जनता के लिए खोल दिया. फिर मुख्यमंत्री ने कामाख्या गेट से पुल पार कर परियोजना का निरीक्षण किया. सीएम ने मालीगांव फोर-वे चौराहे पर आयोजित भव्य समारोह में सभा को भी संबोधित किया. गौरतलब है कि मालीगांव फ्लाईओवर का निर्माण कार्य 2021 में शुरू हुआ था.
फ्लाईओवर के निर्माण पर 420 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जिसे पूरा होने में दो साल लगे और बुधवार को इसे सार्वजनिक सेवाओं के लिए खोल दिया गया. इस फ्लाईओवर की लंबाई 2.6 किमी है, जो राज्य में अब तक बना सबसे लंबा फ्लाईओवर है. नवनिर्मित पुल शहर में बढ़ती यातायात भीड़ को कम करने के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, जिसे उत्तर पूर्व का प्रवेश द्वार माना जाता है.
मालीगांव में पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे मुख्यालय के पास स्थित यह पुल ट्रैफिक जाम को कम करने के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह असम के सबसे बड़े शहर का प्रवेश बिंदु है. बड़ी संख्या में पर्यटक नीलाचल पहाड़ियों के ऊपर स्थित कामाख्या मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं. यह कामाख्या गेट छोर से मालीगांव के बोरीपारा में रेलवे के फ्लाईओवर से जुड़ता है. जहां मालीगांव चौराहे से टी आकार के फ्लाईओवर का दूसरा हिस्सा पांडु से जुड़ता है.
मालीगांव फ्लाईओवर का उद्घाटन
गुवाहाटी: काफी लंबे इंतजार के बाद मालीगांव फ्लाईओवर बुधवार को जनता को समर्पित कर दिया गया. बता दें कि पुल का नाम बदलकर 'नीलाचल फ्लाईओवर' कर दिया गया है, क्योंकि यह फ्लाईओवर नीलाचल पहाड़ी के नीचे स्थित है, वह पहाड़ी जहां प्रसिद्ध कामाख्या मंदिर स्थित है. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को फ्लाईओवर का उद्घाटन किया.
मुख्यमंत्री ने कामाख्या द्वार की ओर जाने वाले छोर पर रिबन काटकर पुल को जनता के लिए खोल दिया. फिर मुख्यमंत्री ने कामाख्या गेट से पुल पार कर परियोजना का निरीक्षण किया. सीएम ने मालीगांव फोर-वे चौराहे पर आयोजित भव्य समारोह में सभा को भी संबोधित किया. गौरतलब है कि मालीगांव फ्लाईओवर का निर्माण कार्य 2021 में शुरू हुआ था.
फ्लाईओवर के निर्माण पर 420 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जिसे पूरा होने में दो साल लगे और बुधवार को इसे सार्वजनिक सेवाओं के लिए खोल दिया गया. इस फ्लाईओवर की लंबाई 2.6 किमी है, जो राज्य में अब तक बना सबसे लंबा फ्लाईओवर है. नवनिर्मित पुल शहर में बढ़ती यातायात भीड़ को कम करने के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, जिसे उत्तर पूर्व का प्रवेश द्वार माना जाता है.
मालीगांव में पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे मुख्यालय के पास स्थित यह पुल ट्रैफिक जाम को कम करने के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह असम के सबसे बड़े शहर का प्रवेश बिंदु है. बड़ी संख्या में पर्यटक नीलाचल पहाड़ियों के ऊपर स्थित कामाख्या मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं. यह कामाख्या गेट छोर से मालीगांव के बोरीपारा में रेलवे के फ्लाईओवर से जुड़ता है. जहां मालीगांव चौराहे से टी आकार के फ्लाईओवर का दूसरा हिस्सा पांडु से जुड़ता है.