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अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी पर क्या बोलीं मलाला, जानिए

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Published : Aug 15, 2021, 9:38 PM IST

Updated : Aug 15, 2021, 10:23 PM IST

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे को लेकर नोबल पुरस्कार विजेता (Nobel award winner) मलाला यूसुफजई (Malala yousafzai) ने ट्वीट करते हुए कहा कि हम इस बात से हैरान हैं कि तालिबान ने अफगानिस्तान पर नियंत्रण कर लिया है.

मलाला
मलाला

नई दिल्ली : अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे को लेकर नोबल पुरस्कार विजेता (Nobel award winner) मलाला यूसुफजई (Malala yousufzai) ने चिंता जताई है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि हम इस बात से हैरान हैं कि तालिबान ने अफगानिस्तान पर नियंत्रण कर लिया है.

उन्होंने कहा, 'हम पूरे सदमे में हैं, क्योंकि तालिबान ने अफगानिस्तान पर नियंत्रण कर लिया है. मुझे महिलाओं, अल्पसंख्यकों और मानवाधिकारों के पैरोकारों (human rights advocates) की गहरी चिंता है. वैश्विक, क्षेत्रीय और स्थानीय शक्तियों को तत्काल युद्धविराम का आह्वान करना चाहिए, तत्काल मानवीय सहायता प्रदान करनी चाहिए और शरणार्थियों और नागरिकों की रक्षा (protect refugees and civilians )करनी चाहिए.

मलाला का ट्वीट
मलाला का ट्वीट

बता दें कि तालिबान के निशाने पर मलाला युसुफजई पहले से रही हैं. तालिबान ने ही मलाला को गोली मारी थी. इनकी वजह से ही मलाला को पाकिस्तान छोड़ना पड़ा था. हालांकि उनकी जान बच गई थी. इसके बाद मलाला को 17 साल की उम्र में नोबल पुरस्कार से नवाजा गया था. वह सबसे कम उम्र यह सम्मान पाने वाली महिला हैं.

पढ़ें - अफगानिस्तान के राष्ट्रपति गनी ने देश छोड़ा

गौरतलब है कि रविवार को तालिबान ने रविवार को अफगानिस्तान पर कब्जा पर लिया. जानकारी के मुताबिक अली अहमद जलाली को नई अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में नियुक्त किए जाने की संभावना है.

नई दिल्ली : अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे को लेकर नोबल पुरस्कार विजेता (Nobel award winner) मलाला यूसुफजई (Malala yousufzai) ने चिंता जताई है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि हम इस बात से हैरान हैं कि तालिबान ने अफगानिस्तान पर नियंत्रण कर लिया है.

उन्होंने कहा, 'हम पूरे सदमे में हैं, क्योंकि तालिबान ने अफगानिस्तान पर नियंत्रण कर लिया है. मुझे महिलाओं, अल्पसंख्यकों और मानवाधिकारों के पैरोकारों (human rights advocates) की गहरी चिंता है. वैश्विक, क्षेत्रीय और स्थानीय शक्तियों को तत्काल युद्धविराम का आह्वान करना चाहिए, तत्काल मानवीय सहायता प्रदान करनी चाहिए और शरणार्थियों और नागरिकों की रक्षा (protect refugees and civilians )करनी चाहिए.

मलाला का ट्वीट
मलाला का ट्वीट

बता दें कि तालिबान के निशाने पर मलाला युसुफजई पहले से रही हैं. तालिबान ने ही मलाला को गोली मारी थी. इनकी वजह से ही मलाला को पाकिस्तान छोड़ना पड़ा था. हालांकि उनकी जान बच गई थी. इसके बाद मलाला को 17 साल की उम्र में नोबल पुरस्कार से नवाजा गया था. वह सबसे कम उम्र यह सम्मान पाने वाली महिला हैं.

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गौरतलब है कि रविवार को तालिबान ने रविवार को अफगानिस्तान पर कब्जा पर लिया. जानकारी के मुताबिक अली अहमद जलाली को नई अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में नियुक्त किए जाने की संभावना है.

Last Updated : Aug 15, 2021, 10:23 PM IST
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