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Rajkundra Porn Video Case Update से छिड़ी बहस, पोर्न है अपराध तो क्या कहता है कानून ? - सेक्सुअल कंटेंट

मशहूर बिजनेसमैन राज कुंद्रा की पोर्न वीडियो (Porn Videos) बनाने के आरोप में गिरफ्तारी के बाद देश में नई बहस छिड़ गई है. पुलिस का आरोप है कि राज कुंद्रा पोर्न फिल्म बना रहे थे. वहीं, उनके वकील एरोटिक फ़िल्म बनाने की बात कह रहे हैं. आइए जानते हैं पोर्न के मामले में क्या कहता है कानून.

IT act in India, Rajkundra Porn video case update
पोर्न वीडियो मामला
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Published : Jul 29, 2021, 8:43 PM IST

नई दिल्ली : अश्लील फिल्म बनाने के आरोप में गिरफ्तार मशहूर बिजनेसमैन और फिल्म अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. पुलिस का आरोप है कि राज कुंद्रा पोर्न फिल्म बना रहे थे. वहीं, राज के वकील इरोटिक फिल्म (Erotic Film) बनाने की बात कह रहे हैं. IPC में इसे लेकर कोई कानून नहीं है, लेकिन आईटी एक्ट 2000 ऐसे वीडियो को प्रसारित या कंटेंट को प्रकाशित करने पर तीन श्रेणी में अपराध की व्याख्या करता है और इनमें सजा का प्रावधान है. इतना ही नहीं अगर आप अश्लील वीडियो किसी को भेजते हैं तो वह भी अपराध है.
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एवं साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल ने बताया कि भारतीय कानून यह नहीं कहता कि आपको क्या दिखाना है और क्या नहीं लेकिन, कानून कहता है कि आपको क्या पब्लिश या ट्रांसमिट नहीं करना है. अगर, आप कुछ ऐसा पब्लिश या ट्रांसमिट करते हैं, जिससे लोगों के दिमाग पर नकारात्मक असर पड़ता है तो उसे ऑब्सीन कंटेंट माना जाता है.

अगर, आप इसे तैयार कर रहे हैं तो भी यह आईटी एक्ट में अपराध है. आईटी एक्ट की धारा-67 में कई सब सेक्शन हैं, जिसके तहत यह अपराध की श्रेणी में आता है. इसके तहत न केवल जेल की सजा बल्कि जुर्माने का भी प्रावधान है. उन्होंने बताया कि बच्चों से संबंधित सेक्सुअल कंटेंट (Sexual Content) सर्च करना भी आईटी एक्ट (IT Act) में अपराध है.

पोर्न वीडियो मामला में विशेषज्ञ की बातचीत

ये भी पढ़ें- क्या है पॉर्न और इरॉटिक फिल्मों का अंतर ? जिसमें राज कुंद्रा तलाश रहे रिहाई की राह
पवन दुग्गल ने बताया कि पोर्नोग्राफी को लेकर भारत का कानून स्पष्ट नहीं है. IPC या IT एक्ट 2000 में यह साफ तौर पर नहीं बताया गया है कि इरोटिक वीडियो, सॉफ्ट पोर्न है या हार्ड पोर्न, क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में प्रसारित होने वाले सभी कंटेंट को आईटी एक्ट 2000 में कवर किया जाता है. अगर कोई भी पोर्न मूवी बनाता है या प्रसारित करता है तो यह आईटी एक्ट के दायरे में आ जाता है. अश्लील क्या है इसके लिए test किया जाता है.

टेस्ट कहता है कि वीडियो देखने के बाद ही तय किया जाएगा कि वह अश्लील है या नहीं. इसे देखने से आपके दिमाग पर उसका क्या प्रभाव पड़ेगा, इससे उसके बारे में निर्णय लिया जाता है. प्रत्येक मामले में फैक्ट्स के आधार पर ही इसका निर्णय हो सकता है कि वह अश्लील है या नहीं.

पढ़ें: शिल्पा शेट्टी ने 29 मीडियाकर्मियों पर ठोका मानहानि का मुकदमा, कल होगी सुनवाई
विभिन्न ओटीटी प्लेटफॉर्म पर प्रसारित होने वाले अश्लील कंटेंट भी आईटी एक्ट में अपराध है लेकिन, कोई इनकी शिकायत नहीं करता. अगर कोई शख्स इनकी शिकायत करेगा तो आईटी एक्ट के तहत पुलिस को इसे प्रसारित करने वालों के खिलाफ एक्शन लेना होगा. अश्लील वीडियो देखना भले ही अपराध की श्रेणी में नहीं आता लेकिन, आपसी सहमति के बाद भी अगर आप कोई अश्लील वीडियो किसी को भेजते हैं तो वह अपराध है.
क्या कहता है IT ACT 2000
सॉफ्ट पोर्न मूवी: अगर कोई भी सॉफ्ट पोर्न मूवी को पब्लिश या प्रसारित करता है तो इसे लेकर उसके खिलाफ आईटी एक्ट की धारा-67 के तहत मामला दर्ज होता है. इसमें 3 साल की जेल और पांच लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है.
हार्ड पोर्न मूवी: अगर कोई भी हार्ड पोर्न मूवी को पब्लिश या प्रसारित करता है तो इसे लेकर उसके खिलाफ आईटी एक्ट की धारा-67-A के तहत मामला दर्ज होता है. इसमें 5 साल की जेल और 10 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है.
चाइल्ड पोर्नोग्राफी: अगर कोई भी चाइल्ड पोर्नोग्राफी को पब्लिश या प्रसारित करता है या उसे सर्च करता है तो उसके खिलाफ आईटी एक्ट की धारा-67-B के तहत मामला दर्ज होता है. इसमें 5 साल की जेल और 10 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है.

नई दिल्ली : अश्लील फिल्म बनाने के आरोप में गिरफ्तार मशहूर बिजनेसमैन और फिल्म अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. पुलिस का आरोप है कि राज कुंद्रा पोर्न फिल्म बना रहे थे. वहीं, राज के वकील इरोटिक फिल्म (Erotic Film) बनाने की बात कह रहे हैं. IPC में इसे लेकर कोई कानून नहीं है, लेकिन आईटी एक्ट 2000 ऐसे वीडियो को प्रसारित या कंटेंट को प्रकाशित करने पर तीन श्रेणी में अपराध की व्याख्या करता है और इनमें सजा का प्रावधान है. इतना ही नहीं अगर आप अश्लील वीडियो किसी को भेजते हैं तो वह भी अपराध है.
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एवं साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल ने बताया कि भारतीय कानून यह नहीं कहता कि आपको क्या दिखाना है और क्या नहीं लेकिन, कानून कहता है कि आपको क्या पब्लिश या ट्रांसमिट नहीं करना है. अगर, आप कुछ ऐसा पब्लिश या ट्रांसमिट करते हैं, जिससे लोगों के दिमाग पर नकारात्मक असर पड़ता है तो उसे ऑब्सीन कंटेंट माना जाता है.

अगर, आप इसे तैयार कर रहे हैं तो भी यह आईटी एक्ट में अपराध है. आईटी एक्ट की धारा-67 में कई सब सेक्शन हैं, जिसके तहत यह अपराध की श्रेणी में आता है. इसके तहत न केवल जेल की सजा बल्कि जुर्माने का भी प्रावधान है. उन्होंने बताया कि बच्चों से संबंधित सेक्सुअल कंटेंट (Sexual Content) सर्च करना भी आईटी एक्ट (IT Act) में अपराध है.

पोर्न वीडियो मामला में विशेषज्ञ की बातचीत

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पवन दुग्गल ने बताया कि पोर्नोग्राफी को लेकर भारत का कानून स्पष्ट नहीं है. IPC या IT एक्ट 2000 में यह साफ तौर पर नहीं बताया गया है कि इरोटिक वीडियो, सॉफ्ट पोर्न है या हार्ड पोर्न, क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में प्रसारित होने वाले सभी कंटेंट को आईटी एक्ट 2000 में कवर किया जाता है. अगर कोई भी पोर्न मूवी बनाता है या प्रसारित करता है तो यह आईटी एक्ट के दायरे में आ जाता है. अश्लील क्या है इसके लिए test किया जाता है.

टेस्ट कहता है कि वीडियो देखने के बाद ही तय किया जाएगा कि वह अश्लील है या नहीं. इसे देखने से आपके दिमाग पर उसका क्या प्रभाव पड़ेगा, इससे उसके बारे में निर्णय लिया जाता है. प्रत्येक मामले में फैक्ट्स के आधार पर ही इसका निर्णय हो सकता है कि वह अश्लील है या नहीं.

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विभिन्न ओटीटी प्लेटफॉर्म पर प्रसारित होने वाले अश्लील कंटेंट भी आईटी एक्ट में अपराध है लेकिन, कोई इनकी शिकायत नहीं करता. अगर कोई शख्स इनकी शिकायत करेगा तो आईटी एक्ट के तहत पुलिस को इसे प्रसारित करने वालों के खिलाफ एक्शन लेना होगा. अश्लील वीडियो देखना भले ही अपराध की श्रेणी में नहीं आता लेकिन, आपसी सहमति के बाद भी अगर आप कोई अश्लील वीडियो किसी को भेजते हैं तो वह अपराध है.
क्या कहता है IT ACT 2000
सॉफ्ट पोर्न मूवी: अगर कोई भी सॉफ्ट पोर्न मूवी को पब्लिश या प्रसारित करता है तो इसे लेकर उसके खिलाफ आईटी एक्ट की धारा-67 के तहत मामला दर्ज होता है. इसमें 3 साल की जेल और पांच लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है.
हार्ड पोर्न मूवी: अगर कोई भी हार्ड पोर्न मूवी को पब्लिश या प्रसारित करता है तो इसे लेकर उसके खिलाफ आईटी एक्ट की धारा-67-A के तहत मामला दर्ज होता है. इसमें 5 साल की जेल और 10 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है.
चाइल्ड पोर्नोग्राफी: अगर कोई भी चाइल्ड पोर्नोग्राफी को पब्लिश या प्रसारित करता है या उसे सर्च करता है तो उसके खिलाफ आईटी एक्ट की धारा-67-B के तहत मामला दर्ज होता है. इसमें 5 साल की जेल और 10 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है.

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