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जानिए कब और किस अस्पताल में हुई आग लगने की घटना - कब हुईं आग लगने की घटनाएं

देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के साथ ही मरीजों के बढ़ने के साथ ही अस्पतालों में कई तरह की समस्याएं सामने आ रही हैं. इसीबीच कुछ अस्पतालों में जहां आग लग गई वहीं कुछ अस्पताल के आईसीयू में आग लगने की घटनाएं हुईं. इनमें कई मरीजों की मौत तो कई मरीज घायल हो गए. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

आग लगने की घटनाएं
आग लगने की घटनाएं
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Published : Apr 23, 2021, 7:03 PM IST

Updated : Apr 23, 2021, 11:24 PM IST

हैदराबाद : देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के साथ ही मरीजों के बढ़ने के साथ ही अस्पतालों में कई तरह की समस्याएं सामने आ रही हैं. इसी बीच कुछ अस्पतालों में जहां आग लग गई वहीं कुछ अस्पताल के आईसीयू में आग लगने की घटनाएं हुईं. इनमें कई मरीजों की मौत तो कई मरीज घायल हो गए.

जानिए कब और किस अस्पताल के आईसीयू में हुई अग्नि दुर्घटनाएं

  • 31 मार्च, 2021 को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के आईसीयू में आग लग जाने पर 50 मरीजों को बाहर निकाला गया. फायर सर्विस के अफसरों के मुताबिक हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ. हादसा सुबह 6.30 बजे के आसपास हुआ था लेकिन नौ दमकलों की सहायता से आग पर काबू पा लिया गया. घटना में कोई हताहत नहीं हुआ.
  • 27 नवम्बर, 2020 को गुजरात के राजकोट में उदय शिवानंद अस्पताल के आईसीयू में आग लग जाने से 5 कोरोना मरीजों की मौत हो गई. उस समय अस्पताल में 33 मरीज भर्ती थे.
  • 8 सितम्बर, 2020 को गुजरात के वडोदरा में एक सरकारी अस्पताल के आईसीयू वार्ड में आग लग गई थी. यहां लगभग 300 कोरोना संक्रमित रोगियों का इलाज किया जा रहा था. हालांकि फायर बिग्रेड ने आग बुझा दी थी. साथ ही अस्पताल में तीन प्रभावित वार्डों से रोगियों को दूसरे वार्डों में भेजा गया.
  • 5 सितम्बर, 2020 को पुणे के सरदार वल्लभभाई पटेल अस्पताल के आईसीयू वार्ड में आग लग गई. हालांकि इसमें किसी मरीज को कोई नुकसान नहीं हुआ.
  • 5 अगस्त, 2020 को गुजरात के अहमदाबाद के श्रेय अस्पताल के आईसीयू वार्ड में आग लग जाने से आठ कोरोनोवायरस रोगियों की मौत हो गई. सुबह करीब 3 बजे आग लगने पर
  • दमकल की 8 गाड़ियों के साथ 10 एंबुलेंस घटनास्थल पर पहुंच गई थीं. फिर भी पांच पुरुष व तीन महिला मरीजों ने दम तोड़ दिया.
  • 14 नवम्बर, 2019 को मध्य मुंबई के केईएम अस्पताल के आईसीयू वार्ड में आग लगने से दो माह का एक बच्चा घायल हो गया था. पुलिस ने इसमें लापरवाही का मामला दर्ज किया था.
  • 23 नवम्बर, 2011 को चेन्नई के किलपुक मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आईसीयू में आग लगने से दो मरीजों की मौत हो गई जबकि छह अन्य मरीजों को बचा लिया गया. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार घटना की वजह डॉक्टर के कमरे की एसी यूनिट में आग लगना बताई गई है.

जानिए महाराष्ट्र के किन कोविड अस्पतालों में हुईं अग्नि दुर्घटनाएं

  • 23 अप्रैल, 2020 को पालघर जिले के वसई में एक कोविड ​​सेंटर में आग लगने से तेरह कोरोना मरीजों की मौत हो गई.
  • 10 अप्रैल, 2021 को महाराष्ट्र के नागपुर के एक कोविड अस्पताल में आग लगने से चार मरीजों ने दम तोड़ दिया. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान अस्पताल के 27 मरीजों को दूसरे अस्पतालों में भेज दिया गया. इसके साथ अस्पताल को खाली करा दिया गया.
  • 25 फरवरी, 2021 को मॉल के अंदर स्थित भांडुप में कोविद की देखभाल सुविधा के दौरान आग लगने से नौ मरीजों की मौत हो गई. पीड़ितों में 107 बिस्तर वाले सनराइज अस्पताल का एक वरिष्ठ नागरिक था. हालांकि अस्पताल का कहना था कि उसकी मौत शिफ्ट करने के दौरान हुई. वहीं दो अन्य मरीजों के शव मिले थे जिसके बारे में कहा गया कि वे पहले ही मर चुके थे.
  • 9, जनवरी, 2021 को मुंबई से लगभग 900 किलोमीटर दूर भंडारा जिले के चार मंजिला अस्पताल की विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई (एसएनसीयू) में आग लगने से दम घुटने से 10 नवजात की मौत हो गई. घटना के समय 17 नवजात भर्ती थे. इस पर सरकार ने 5 लाख रुपये अनुग्रह राशि की देने की घोषणा की थी.
  • 5 सितम्बर, 2020 को पुणे के सरदार वल्लभभाई पटेल अस्पताल के आईसीयू वार्ड में शनिवार को आग लग गई थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हादसे में न किसी की मौत हुई और न ही कोई घायल हुआ.
  • 18 दिसम्बर, 2018 को मुंबई में राज्य सरकार द्वारा संचालित ईएसआईसी कामगर अस्पताल, मरोल एमआईडीसी में आग लग जाने से 6 मरीजों की मौत हो गई. हादसे में 145 लोग घायल हो गए, इनमें से 28 की हालत गंभीर थी.
  • 20 दिसम्बर, 2018 को एक बार फिर राज्य सरकार द्वारा संचालित ईएसआईसी कामगर अस्पताल मरोल एमआईडीसी में आग लग जाने से 9 लोगों की मौत हो गई. इस मामले में 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया.

हैदराबाद : देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के साथ ही मरीजों के बढ़ने के साथ ही अस्पतालों में कई तरह की समस्याएं सामने आ रही हैं. इसी बीच कुछ अस्पतालों में जहां आग लग गई वहीं कुछ अस्पताल के आईसीयू में आग लगने की घटनाएं हुईं. इनमें कई मरीजों की मौत तो कई मरीज घायल हो गए.

जानिए कब और किस अस्पताल के आईसीयू में हुई अग्नि दुर्घटनाएं

  • 31 मार्च, 2021 को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के आईसीयू में आग लग जाने पर 50 मरीजों को बाहर निकाला गया. फायर सर्विस के अफसरों के मुताबिक हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ. हादसा सुबह 6.30 बजे के आसपास हुआ था लेकिन नौ दमकलों की सहायता से आग पर काबू पा लिया गया. घटना में कोई हताहत नहीं हुआ.
  • 27 नवम्बर, 2020 को गुजरात के राजकोट में उदय शिवानंद अस्पताल के आईसीयू में आग लग जाने से 5 कोरोना मरीजों की मौत हो गई. उस समय अस्पताल में 33 मरीज भर्ती थे.
  • 8 सितम्बर, 2020 को गुजरात के वडोदरा में एक सरकारी अस्पताल के आईसीयू वार्ड में आग लग गई थी. यहां लगभग 300 कोरोना संक्रमित रोगियों का इलाज किया जा रहा था. हालांकि फायर बिग्रेड ने आग बुझा दी थी. साथ ही अस्पताल में तीन प्रभावित वार्डों से रोगियों को दूसरे वार्डों में भेजा गया.
  • 5 सितम्बर, 2020 को पुणे के सरदार वल्लभभाई पटेल अस्पताल के आईसीयू वार्ड में आग लग गई. हालांकि इसमें किसी मरीज को कोई नुकसान नहीं हुआ.
  • 5 अगस्त, 2020 को गुजरात के अहमदाबाद के श्रेय अस्पताल के आईसीयू वार्ड में आग लग जाने से आठ कोरोनोवायरस रोगियों की मौत हो गई. सुबह करीब 3 बजे आग लगने पर
  • दमकल की 8 गाड़ियों के साथ 10 एंबुलेंस घटनास्थल पर पहुंच गई थीं. फिर भी पांच पुरुष व तीन महिला मरीजों ने दम तोड़ दिया.
  • 14 नवम्बर, 2019 को मध्य मुंबई के केईएम अस्पताल के आईसीयू वार्ड में आग लगने से दो माह का एक बच्चा घायल हो गया था. पुलिस ने इसमें लापरवाही का मामला दर्ज किया था.
  • 23 नवम्बर, 2011 को चेन्नई के किलपुक मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आईसीयू में आग लगने से दो मरीजों की मौत हो गई जबकि छह अन्य मरीजों को बचा लिया गया. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार घटना की वजह डॉक्टर के कमरे की एसी यूनिट में आग लगना बताई गई है.

जानिए महाराष्ट्र के किन कोविड अस्पतालों में हुईं अग्नि दुर्घटनाएं

  • 23 अप्रैल, 2020 को पालघर जिले के वसई में एक कोविड ​​सेंटर में आग लगने से तेरह कोरोना मरीजों की मौत हो गई.
  • 10 अप्रैल, 2021 को महाराष्ट्र के नागपुर के एक कोविड अस्पताल में आग लगने से चार मरीजों ने दम तोड़ दिया. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान अस्पताल के 27 मरीजों को दूसरे अस्पतालों में भेज दिया गया. इसके साथ अस्पताल को खाली करा दिया गया.
  • 25 फरवरी, 2021 को मॉल के अंदर स्थित भांडुप में कोविद की देखभाल सुविधा के दौरान आग लगने से नौ मरीजों की मौत हो गई. पीड़ितों में 107 बिस्तर वाले सनराइज अस्पताल का एक वरिष्ठ नागरिक था. हालांकि अस्पताल का कहना था कि उसकी मौत शिफ्ट करने के दौरान हुई. वहीं दो अन्य मरीजों के शव मिले थे जिसके बारे में कहा गया कि वे पहले ही मर चुके थे.
  • 9, जनवरी, 2021 को मुंबई से लगभग 900 किलोमीटर दूर भंडारा जिले के चार मंजिला अस्पताल की विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई (एसएनसीयू) में आग लगने से दम घुटने से 10 नवजात की मौत हो गई. घटना के समय 17 नवजात भर्ती थे. इस पर सरकार ने 5 लाख रुपये अनुग्रह राशि की देने की घोषणा की थी.
  • 5 सितम्बर, 2020 को पुणे के सरदार वल्लभभाई पटेल अस्पताल के आईसीयू वार्ड में शनिवार को आग लग गई थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हादसे में न किसी की मौत हुई और न ही कोई घायल हुआ.
  • 18 दिसम्बर, 2018 को मुंबई में राज्य सरकार द्वारा संचालित ईएसआईसी कामगर अस्पताल, मरोल एमआईडीसी में आग लग जाने से 6 मरीजों की मौत हो गई. हादसे में 145 लोग घायल हो गए, इनमें से 28 की हालत गंभीर थी.
  • 20 दिसम्बर, 2018 को एक बार फिर राज्य सरकार द्वारा संचालित ईएसआईसी कामगर अस्पताल मरोल एमआईडीसी में आग लग जाने से 9 लोगों की मौत हो गई. इस मामले में 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया.
Last Updated : Apr 23, 2021, 11:24 PM IST
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