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गांधीजी के जीवन मूल्य एवं सिद्धान्त देश और दुनिया के लिए धरोहर हैं: गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री (Rajasthan CM) अशोक गहलोत ने कहा कि गांधीजी के नेतृत्व में स्वतंत्रता आंदोलन का जो स्वर्णिम इतिहास लिखा गया है. उसे नई पीढ़ी तक पहुंचाना जरूरी है, ताकि देश का युवा जान सके कि अहिंसा के रास्ते पर चलकर किस तरह मुल्क को विदेशी ताकतों से मुक्त कराया गया.

गहलोत
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Published : Nov 1, 2021, 7:16 AM IST

जयपुर : राजस्थान के मुख्यमंत्री (Rajasthan CM) अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजी (Mahatma Gandhi) के जीवन मूल्य एवं सिद्धान्त देश और दुनिया के लिए धरोहर हैं. उन्होंने कहा कि गांधीजी को आवरण के रूप में नहीं अन्तर्मन से आत्मसात करना होगा तभी लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों को अक्षुण रखा जा सकेगा. उन्होंने कहा कि असहिष्णुता के दौर में बापू के सत्याग्रह के सिद्धान्त की प्रासंगिकता और प्रबल हुई है.

गहलोत यहां 'सत्याग्रह की वर्तमान में प्रासंगिकता' विषय पर आयोजित राज्यस्तरीय संगोष्ठी को आनलाइन संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने इस अवसर पर सीकर जिला कलेक्ट्रेट परिसर में महात्मा गांधीजी की प्रतिमा का ऑनलाइन अनावरण किया. साथ ही सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग की ओर से गांधीजी के जीवन एवं दर्शन पर आधारित डिजिटल प्रदर्शनी 'गांधी दर्शन आजादी से पूर्व और आजादी के पश्चात गौरवशाली यात्रा' का शुभारम्भ भी किया.

राज्यस्तरीय संगोष्ठी में सीएम गहलोत
राज्यस्तरीय संगोष्ठी में सीएम गहलोत

मुख्यमंत्री ने कहा कि गांधीजी के नेतृत्व में स्वतंत्रता आंदोलन का जो स्वर्णिम इतिहास लिखा गया है. उसे नई पीढ़ी तक पहुंचाना जरूरी है, ताकि देश का युवा जान सके कि अहिंसा के रास्ते पर चलकर किस तरह मुल्क को विदेशी ताकतों से मुक्त कराया गया. आज दुनिया में हिंसा और आतंक का जो माहौल बना हुआ है. गांधीजी की विचारधारा इन समस्याओं का कारगर हल है.

पढ़ें : मोदी ने हिंदू विरासत माह संपन्न होने पर अमेरिका के विश्व हिंदू परिषद को बधाई दी

उन्होंने कहा कि गांधीजी के अहिंसा के सिद्धान्त को संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी मान्यता दी. संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह (Dr. Manmohan Singh) के प्रयासों से संयुक्त राष्ट्र ने यह प्रस्ताव पारित किया कि गांधीजी के जन्म दिवस, दो अक्टूबर को 'अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस' के रूप में मनाया जाएगा.

गहलोत ने कहा कि गांधीजी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने गांधी दर्शन म्यूजियम, महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ गवर्नेन्स एण्ड सोशल साइंसेज, सर्वोदय विचार परीक्षा, गांधी दर्शन पुस्तकालय, खादी उत्पादों पर 50 प्रतिशत छूट, शांति एवं अहिंसा निदेशालय का गठन जैसे बड़े कदम उठाए हैं.

उन्होंने कहा कि प्रसिद्ध गांधीवादी विचारक स्व. एसएन सुब्बाराव की स्मृति में गांधीवादी संस्थाओं के माध्यम से सुब्बाराव ट्रस्ट की स्थापना की जा सकती है, जो युवाओं को गांधीवाद से जोड़ने में रचनात्मक भूमिका निभाए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि गांधीजी समाज में कमजोर वर्गों के उत्थान के पक्षधर थे. हमारी सरकार इसी सोच के साथ सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का दायरा बढ़ाते हुए उनका सफल संचालन कर रही है. हमारा प्रयास है कि राज्य में सभी जरूरतमंद वर्गों को सामाजिक सुरक्षा मिले और हमारे हर फैसले में गांधीवादी मूल्यों की छाया बनी रहे. कला एवं संस्कृति मंत्री बीडी कल्ला, शिक्षा राज्यमंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा, तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने भी अपने विचार व्यक्त किए.

(पीटीआई-भाषा)

जयपुर : राजस्थान के मुख्यमंत्री (Rajasthan CM) अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजी (Mahatma Gandhi) के जीवन मूल्य एवं सिद्धान्त देश और दुनिया के लिए धरोहर हैं. उन्होंने कहा कि गांधीजी को आवरण के रूप में नहीं अन्तर्मन से आत्मसात करना होगा तभी लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों को अक्षुण रखा जा सकेगा. उन्होंने कहा कि असहिष्णुता के दौर में बापू के सत्याग्रह के सिद्धान्त की प्रासंगिकता और प्रबल हुई है.

गहलोत यहां 'सत्याग्रह की वर्तमान में प्रासंगिकता' विषय पर आयोजित राज्यस्तरीय संगोष्ठी को आनलाइन संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने इस अवसर पर सीकर जिला कलेक्ट्रेट परिसर में महात्मा गांधीजी की प्रतिमा का ऑनलाइन अनावरण किया. साथ ही सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग की ओर से गांधीजी के जीवन एवं दर्शन पर आधारित डिजिटल प्रदर्शनी 'गांधी दर्शन आजादी से पूर्व और आजादी के पश्चात गौरवशाली यात्रा' का शुभारम्भ भी किया.

राज्यस्तरीय संगोष्ठी में सीएम गहलोत
राज्यस्तरीय संगोष्ठी में सीएम गहलोत

मुख्यमंत्री ने कहा कि गांधीजी के नेतृत्व में स्वतंत्रता आंदोलन का जो स्वर्णिम इतिहास लिखा गया है. उसे नई पीढ़ी तक पहुंचाना जरूरी है, ताकि देश का युवा जान सके कि अहिंसा के रास्ते पर चलकर किस तरह मुल्क को विदेशी ताकतों से मुक्त कराया गया. आज दुनिया में हिंसा और आतंक का जो माहौल बना हुआ है. गांधीजी की विचारधारा इन समस्याओं का कारगर हल है.

पढ़ें : मोदी ने हिंदू विरासत माह संपन्न होने पर अमेरिका के विश्व हिंदू परिषद को बधाई दी

उन्होंने कहा कि गांधीजी के अहिंसा के सिद्धान्त को संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी मान्यता दी. संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह (Dr. Manmohan Singh) के प्रयासों से संयुक्त राष्ट्र ने यह प्रस्ताव पारित किया कि गांधीजी के जन्म दिवस, दो अक्टूबर को 'अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस' के रूप में मनाया जाएगा.

गहलोत ने कहा कि गांधीजी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने गांधी दर्शन म्यूजियम, महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ गवर्नेन्स एण्ड सोशल साइंसेज, सर्वोदय विचार परीक्षा, गांधी दर्शन पुस्तकालय, खादी उत्पादों पर 50 प्रतिशत छूट, शांति एवं अहिंसा निदेशालय का गठन जैसे बड़े कदम उठाए हैं.

उन्होंने कहा कि प्रसिद्ध गांधीवादी विचारक स्व. एसएन सुब्बाराव की स्मृति में गांधीवादी संस्थाओं के माध्यम से सुब्बाराव ट्रस्ट की स्थापना की जा सकती है, जो युवाओं को गांधीवाद से जोड़ने में रचनात्मक भूमिका निभाए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि गांधीजी समाज में कमजोर वर्गों के उत्थान के पक्षधर थे. हमारी सरकार इसी सोच के साथ सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का दायरा बढ़ाते हुए उनका सफल संचालन कर रही है. हमारा प्रयास है कि राज्य में सभी जरूरतमंद वर्गों को सामाजिक सुरक्षा मिले और हमारे हर फैसले में गांधीवादी मूल्यों की छाया बनी रहे. कला एवं संस्कृति मंत्री बीडी कल्ला, शिक्षा राज्यमंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा, तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने भी अपने विचार व्यक्त किए.

(पीटीआई-भाषा)

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