वाराणसी : महाशिवरात्रि पर देश के कोने-कोने से लाेग बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए पहुंचे. हालांकि इस बार कई भक्ताें काे मंदिर प्रशासन की लापरवाही का सामना करना पड़ा. एक हैदराबाद की रहने वाली आंध्र प्रदेश में हाईकोर्ट में सीनियर अधिवक्ता विजय श्री (59) टिकट हाेने के बावजूद काशी विश्वनाथ के दर्शन नहीं कर पाईं. आरोप हो कि उन्हें मंदिर से बाहर कर दिया गया.
विजय श्री ने बताया कि भगवान विश्वनाथ में आस्था होने की वजह से वह 20 सालों से हर शिवरात्रि को काशी पहुंचती हैं. इस बार भी उन्होंने ऑनलाइन 5000 रुपये का विशेष टिकट लेकर बाबा के दर्शन के लिए पहुंची थीं. आरोप है कि शिवरात्रि के 1 दिन पूर्व उन्हें इस वीआईपी टिकट के बाद भी न ही दर्शन करने दिया गया और न ही पूजा करने दी गई. मंदिर में वीवीआईपी मूवमेंट के कारण टिकट को मान्य नहीं किया गया. इन्हें दर्शन किए बिना ही मंदिर से बाहर कर दिया गया. शिवरात्रि वाले दिन का विशेष पास होने के बाद भी उनको कई घंटे तक दौड़ाया गया. बिना दर्शन के ही उनकाे लौट जाना पड़ा.
ईटीवी भारत से बातचीत में विजय श्री ने बताया कि बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए 5000 का टिकट वह खरीदती हैं. उसमें उनकी विशेष पूजा, 11 ब्राह्मणों से रुद्राभिषेक और दर्शन शामिल होता है. शिवरात्रि पर भीड़ की वजह से 1 दिन पहले उन्हें दर्शन के लिए बुलाया गया था. ज्यादा भीड़ की वजह से पुलिस वालों ने और वहां मौजूद पंडितों ने उन्हें दर्शन नहीं करने दिया. उन्हें धक्का देकर मंदिर से बाहर निकाल दिया गया. इसके बाद उन्होंने जब शिकायत की तो उन्हें शिवरात्रि के लिए विशेष पास जारी किया गया. इसके बावजूद वह इधर उधर भटकती रही.
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के हेल्प डेस्क प्रभारी शिशिर मिश्रा ने बताया कि वीआईपी एंट्री की वजह से कल उन्हें दर्शन नहीं करवाया जा सका. इसलिए इन्हें आज बुलाया गया है, आज दर्शन करवाया जाएगा. किसी तरह की दिक्कत न हो उसका भी ध्यान रखा जाएगा. इन सबके बीच यह सवाल उठना जायज है कि पैसे खर्च करने के बाद भी जब विश्वनाथ धाम आने वाले भक्तों को इस तरह की परेशानी उठानी पड़ेगी तो यहां सुविधाओं का दावा करने का क्या फायदा.
यह भी पढ़ें : काशी घाटों पर नजर आए 'भगवान शिव और माता पार्वती', मुस्लिम युवती ने धारण किया रूप