नई दिल्ली : वैसे तो हिन्दू धर्म के मानने वाले लोग कई धार्मिक पर्वों को धूमधाम से मनाते हैं. उनमें से महाशिवरात्रि का पर्व भी एक है. महाशिवरात्रि भगवान शिव का प्रमुख पर्व है. इसे उनके विवाह के उत्सव के रूप में मनाया जाता है. माघ फागुन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है.
पौराणिक कथाओं में महाशिवरात्रि का पर्व मनाने को लेकर कई कथाओं का वर्णन है, जिसको हिन्दू धर्म के लोग मानते हैं. कुछ धर्मशास्त्र कहते हैं कि सृष्टि का प्रारम्भ इसी दिन से हुआ था. पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन सृष्टि का आरम्भ अग्निलिंग के उदय होने के बाद से हुआ था. तब से शिव के इस महापर्व को मनाया जाता है.
वहीं दूसरी कथा के अनुसार माघ फागुन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को ही भगवान शिव का विवाह देवी पार्वती के साथ हुआ था. इसीलिए इसे महाशिवरात्रि कहते हैं. वैसे तो साल में कुल 12 शिवरात्रियां होती हैं, जिसमें महाशिवरात्रि को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. भारत सहित पूरी दुनिया में महाशिवरात्रि का पावन पर्व बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है.
कश्मीर में महाशिवरात्रि
कश्मीर शैव मत को मानने वाले इस त्यौहार को हर-रात्रि और बोलचाल में 'हेराथ' या 'हेरथ' भी कहकर मनाते हैं. कश्मीरी ब्राह्मणों के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है. यह शिव और पार्वती के विवाह के रूप में हर घर में मनाया जाता है. महाशिवरात्रि के उत्सव के 3-4 दिन पहले यह शुरू हो जाता है और उसके दो दिन बाद तक जारी रहता है.
काशी में महाशिवरात्रि
काशी विश्वनाथ और बैजनाथ धाम के मंदिरों में महाशिवरात्रि के अवसर पर विशेष पूजा के साथ साथ शिव की बारात निकाली जाती है. यहां पर महाशिवरात्रि का महत्व इसलिए है क्योंकि यह शिव और शक्ति की मिलन की रात है. इस दिन शिवभक्त पूरे दिन व्रत रखकर अपने आराध्य बाबा भोलेनाथ की पूजा करते हैं. मंदिरों में दिन भर जलाभिषेक का कार्यक्रम चलता है, तो वहीं रात में शिव विवाह संपन्न कराया जाता है.
मध्य भारत में महाशिवरात्रि
मध्य भारत में शिव अनुयायियों की एक बड़ी संख्या है. उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के साथ साथ अन्य बड़े शिव का मंदिरों में यह त्योहार बहुत धार्मिक उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस दिन मंदिरों में लाखों लोगों का जमावड़ा रहता है. इसके अलावा ओंकारेश्वर महादेव, नागेश्वर महादेव, भीमाशंकर महादेव, घृष्णेश्वर महादेव व त्र्यंबकेश्वर महादेव के मंदिरों में खास आयोजन होते हैं.
दक्षिण भारत में महाशिवरात्रि
महाशिवरात्रि का पर्व आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और तेलंगाना के सभी बड़े मंदिरों के साथ साथ शिवालयों में खास तौर से मनायी जाती है. आन्ध्र प्रदेश के मल्लिकार्जुन और रामेश्वरम में विशाल आयोजन होता है और मंदिरों को भव्य रूप में सजाकर महाशिवरात्रि मनायी जाती है.
बांग्लादेश में महाशिवरात्रि
भारत के कई पड़ोसी देशों में भी महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. बांग्लादेश में हिंदू परिवार के लोग महाशिवरात्रि मनाते हैं. कहा जाता है कि कई बांग्लादेशी हिंदू इस खास दिन चंद्रनाथ धाम (चटगांव) जाते हैं. बांग्लादेशी हिंदुओं की मान्यता है कि इस दिन व्रत व पूजा करने वाली स्त्री को अच्छा पति और पुरुष को अच्छी पत्नी मिलती है. इसी वजह से इस मंदिर में महाशिवरात्रि के दिन काफी भीड़ उमड़ती है.
नेपाल में महाशिवरात्रि
नेपाल के पशुपति नाथ मंदिर में महाशिवरात्रि का पर्व भव्य तरीके से मनाया जाता है. महाशिवरात्रि के अवसर पर काठमांडू के पशुपतिनाथ मन्दिर पर भक्तजनों की भारी भीड़ उमड़ती है. इस अवसर पर भारत के साथ साथ अन्य कई देशों के लोग व योगी इस मन्दिर में आकर विशेष पूजा करते हैं.
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