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महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट: राउत बोले- 'गद्दार' को माफी नहीं, शिवसेना ईसी से करेगी शिकायत

शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद महाराष्ट्र में सियासत गरमा गई है. शिवसेना राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में बालासाहेब के नाम को लेकर ईसी का रुख करने का फैसला किया गया. गुवाहाटी में शिंदे गुट ने भी बैठक की. उधर, अमरावती से सांसद नवनीत राणा ने केंद्रीय गृह मंत्री से राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है. वहीं, मनसे ने पोस्टर लगाए हैं कि 'ठाकरे ब्रांड बचाओ.'

SANJAY RAUT ON EKNATH SHINDES REBEL AND POLITICAL CRISIS
महाराष्ट्र राजनीतिक संकट: संजय राउत बोले-शिवसेना को कोई हाईजैक नहीं कर सकता
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Published : Jun 25, 2022, 11:51 AM IST

Updated : Jun 25, 2022, 5:13 PM IST

मुंबई/गुवाहाटी: महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट के बीच शिवसैनिकों ने एकनाथ शिंदे समर्थक एक विधायक के दफ्तर में तोड़फोड़ की. इस घटना के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. अमरावती से सांसद नवनीत राणा ने केंद्रीय गृह मंत्री से राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है. पूर्व गृह राज्य मंत्री और बागी विधायक दीपक केसरकर ने कहा कि एकनाथ शिंदे खेमे ने 'शिवसेना बालासाहेब' नया समूह गठित किया है. इस पर महाराष्ट्र कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने प्रतिक्रिया दी कि 'जब तक इसे अध्यक्ष से कानूनी अनुमति नहीं मिलती, तब तक इस प्रकार के समूहों को अधिकृत नहीं किया जाएगा.' उधर, शिवसेना भवन में शिवसेना राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रस्ताव पास किया गया है कि पार्टी चुनाव आयोग का रुख करेगी. बालासाहेब के नाम का दुरुपयोग न करने की अपील की जाएगी. उद्धव ठाकरे ने कहा कि 'कोई भी बालासाहेब के नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकता.' दूसरी तरफ गुवाहाटी में शिंदे गुट ने भी बैठक की. बागी गुट के दीपक केसरकर का कहना है कि ' बालासाहेब के नाम को लेकर चुनाव आयोग जो कहेगा उसे मानेंगे.'

शिवसेना की कार्यकारिणी में छह प्रस्ताव पास: महाराष्ट्र के सीएम और शिव सेना लीडर उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे, संजय राउत व अन्य नेताओं की मौजूदगी में हुई शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में छह प्रस्ताव पास किए गए. कार्यकारिणी ने उद्धव को सारे फैसले लेने का अधिकार दिया है. पार्टी मराठा अस्मिता, हिंदुत्व पर पार्टी कायम रहेगी. तय किया गया है कि पार्टी चुनाव आयोग का रुख करेगी. इसमें बालासाहेब के नाम का दुरुपयोग न करने की अपील की जाएगी. उद्धव ठाकरे ने कहा कि 'कोई भी बालासाहेब के नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकता.'

उद्धव ठाकरे ने कहा कि 'कुछ लोग मुझसे कुछ कहने के लिए कह रहे हैं लेकिन मैं पहले ही कह चुका हूं कि वे (बागी विधायक) जो करना चाहते हैं कर सकते हैं, मैं उनके मामलों में दखल नहीं दूंगा. वे अपना फैसला खुद ले सकते हैं, लेकिन किसी को भी बालासाहेब ठाकरे के नाम का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.' कार्यकारिणी की बैठक के बाद संजय राउत ने फैसलों की जानकारी दी. राउत ने कहा कि शिवसेना बालासाहेब की थी उन्हीं की रहेगी. पार्टी उनके नाम का दुरुपयोग रोकने के लिए ईसी जाएगी. राउत ने कहा कि जिसने गद्दारी की है उसे माफी नहीं दी जाएगी. उन्होंने कहा कि बालासाहेब के नाम का दुरुपयोग करने वाले को नोटिस दिया जाएगा.

संजय राउत ने कहा कि 'जिन लोगों ने, चाहे वे कितने भी बड़े नेता हों, जिसने शिवसेना के साथ गद्दारी या बेईमानी की है उनपर कठोर कार्रवाई करने का सर्वाधिकार हमने एक प्रस्ताव के माध्यम से उद्धव ठाकरे साहब को दिया है. राउत ने कहा है कि 'उद्धव ठाकरे ने कहा है कि जो लोग छोड़कर गए हैं, वे शिवसेना के नाम से वोट मत मांगे और अगर वोट मांगते हैं तो अपने खुद के बाप के नाम पर मांगें. शिवसेना के बाप बालासाहेब ठाकरे के नाम पर वोट मत मांगें.' महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि 'बैठक में क्या चर्चा हुई, यह तो आप जानते ही हैं, अहम बात यह है कि हम शिवसेना के बागी विधायकों द्वारा किए गए विश्वासघात को नहीं भूलेंगे.'

उधर, युवा सेना की बैठक रविवार को साढ़े पांच बजे होगी. उधर, महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर ने शिवसेना के 16 बागी विधायकों को नोटिस जारी किया है. सोमवार शाम साढ़े पांच बजे तक जवाब मांगा है.

  • People will come to know what actions will be taken against those who have left the party by the evening. The work that CM Uddhav Thackeray has done is commendable. We will all fight the elections under his leadership: Shiv Sena leader Sanjay Raut pic.twitter.com/qJtB2MocWr

    — ANI (@ANI) June 25, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मुंबई पुलिस ने हाई अलर्ट जारी किया: राजनीतिक संकट और तानाजी सावंत के कार्यालय में तोड़फोड़ के बीच, पुणे पुलिस ने अलर्ट जारी किया और सभी पुलिस स्टेशनों को शहर में शिवसेना नेताओं से संबंधित कार्यालयों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा है. ठाणे और मुंबई में धारा 144 लागू की गई है.

पुलिस प्रवक्ता ने कहा, 'मुंबई पुलिस ने हाई अलर्ट जारी किया है और सभी पुलिस थानों से शहर के सभी राजनीतिक कार्यालयों में सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है. यह निर्देश दिया गया है कि अधिकारी स्तर के पुलिस कर्मी अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक राजनीतिक कार्यालय का दौरा करेंगे.'

राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग: अमरावती से सांसद नवनीत राणा ने केंद्रीय गृह मंत्री से राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है. उन्होंने एक ट्वीट कर कहा, 'मैं अमित शाह से उन विधायकों के परिवारों को सुरक्षा प्रदान करने का अनुरोध करती हूं जो उद्धव ठाकरे को छोड़कर बालासाहेब की विचारधारा से जुड़े रहकर अपने निर्णय ले रहे हैं. उद्धव ठाकरे की गुंडागर्दी खत्म हो... मैं राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने का अनुरोध करती हूं.

विधायक के दफ्तर में तोड़फोड़

पुणे में शिवसेना विधायक तानाजी सावंत कार्यालय में तोड़फोड़: पुणे में शिवसेना विधायक तानाजी सावंत के कार्यालय में कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ की है. उनके कार्यालय और दुकानों की दीवारों पर शिवसैनिकों ने अपशब्द भी लिख दिया है. ज्ञात हो कि तानाजी सावंत एकनाथ शिंदे के साथ गुवाहाटी में हैं. बताया जा रहा है कि आस- पास के दुकानों में भी तोड़फोड़ की गई है.

इस बीच एक शिवसैनिक ने ट्वीट कर चेतावनी दी है. पुणे शहर के शिवसेना प्रमुख संजय मोरे ने कहा, ' हमारी पार्टी के कार्यकर्ता ने तानाजी सावंत के कार्यालय में तोड़फोड़ की. हमारे प्रमुख उद्धव ठाकरे को परेशान करने वाले सभी देशद्रोही और बागी विधायकों को इस प्रकार की कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. उनके कार्यालय पर भी हमला होगा... किसी को बख्शा नहीं जाएगा.'

एनसीपी शिवसेना को खत्म करने की योजना बना रही है: शिवसेना के बागी विधायक महेश शिंदे ने एक ट्वीट कर आरोप लगाया कि राकांपा शिवसेना को खत्म करने की योजना बना रही है. उन्होंने कहा, 'एनसीपी शिवसेना को खत्म करने की योजना बना रही है. जिन पूर्व राकांपा विधायकों को हमने हराया था, उन्हें 3 अरब रुपये दिए जा रहे थे. हम सभी विधायकों ने बार-बार सीएम से एनसीपी के अन्याय की शिकायत की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. इसलिए हमने एकनाथ शिंदे से शिवसेना को बचाने के लिए यह बड़ी भूमिका निभाने का आग्रह किया.'

सांसद संजय राउत

शिवसेना कार्यकर्ता आदेश का इंतजार कर रहे हैं: इससे पहले शनिवार सुबह सांसद संजय राउत ने कहा था कि शिवसैनिक गुस्से में हैं. हालांकि वह शांत हैं. शिवसैनिक सड़कों पर उतर गये तो आग लग जाएगी. एकनाथ शिंदे के विद्रोह के जवाब में सांसद संजय राउत ने यह बात कही. सांसद संजय राउत ने कहा,' शिवसेना को कोई हाइजैक नहीं कर सकता. उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि शिवसेना कार्यकर्ता आदेश का इंतजार कर रहे हैं. पैसे देकर कोई पार्टी नहीं खरीद सकता. ये बालासाहेब की शिवसेना. हजारों-लाखों शिवसैनिकों ने शिवसेना के लिए बलिदान दिया है. पार्टी एकजुट और मजबूत है. बागी विधायक महाराष्ट्र से बाहर हैं.

बागी विधायकों पर संजय राउत ने कहा, महाराष्ट्र विधानसभा के फ्लोर पर आइए, देखते हैं किसमें कितना दम है. मैं हवा में कोई बात नहीं करता. जो उद्धव जी कहते हैं, मैं वही कहता हूं. जो बगावत कर रहे हैं, वे अपनी विधायकी बचाएं. सुरक्षा वापस लेने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह महाराष्ट्र से बाहर हैं. वह महाराष्ट्र में आएं. किसी की सुरक्षा नहीं हटायी गयी है. यह जिम्मेदार हमारी नहीं. लोगों में गुस्सा है. उन्होंने शिवसेना के बागी विधायकों से कहा बकरे की तरह मत बनो. वहीं, बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस के बारे में कहा कि उन्हें इस झंझट में नहीं पड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान होगा.

शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद महाराष्ट्र में सियासत गरमा गई है. शिवसेना के 40 से ज्यादा विधायकों ने एकनाथ शिंदे का समर्थन किया है. इसलिए उद्धव ठाकरे के खिलाफ शिंदे जैसा माहौल फिलहाल देखने को मिल रहा है. बगावत से शिवसेना कार्यकर्ता भी एकनाथ शिंदे से नाराज हैं. शिवसेना कार्यकर्ताओं ने पुणे में शिवसेना के बागी विधायक तानाजी सावंत के कार्यालय में तोड़फोड़ की है.

अठावले बोले-महाराष्ट्र सरकार अल्पमत में, बागी विधायकों को धमकी न दें शिवसैनिक: उधर, केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात करने के बाद संवाददाताओं से कहा, 'शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के पास दो तिहाई से अधिक विधायकों का समर्थन है जिसके बाद एमवीए सरकार अल्पमत में आ गई है. फडणवीस ने मुझे बताया कि इस घटनाक्रम में भारतीय जनता पार्टी की कोई भूमिका नहीं है. उन्होंने बताया कि भाजपा ने न तो इस विद्रोह की शुरुआत की है और न ही समर्थन दिया है. भाजपा इंतजार करने की मुद्रा में है.'

उन्होंने यह भी कहा कि शिवसेना कार्यकर्ताओं को बागी विधायकों को धमकी नहीं देनी चाहिए. अठावले ने कहा, 'अगर शिवसेना के कार्यकर्ता दादागीरी करेंगे तो हम भी उसी तरीके से प्रतिक्रिया देने में सक्षम हैं.' आरपीआई (ए) के अध्यक्ष ने कहा कि 20 जून को महाराष्ट्र विधान परिषद के चुनाव होने के बाद बगावत करने वाले शिंदे के प्रति उनके मन में सहानुभूति है.

मनसे ने लगाए पोस्टर
मनसे ने लगाए पोस्टर

मनसे ने लगाए पोस्टर : शिवसेना की बगावत के बीच अब मनसे भी कूद पड़ी है. मनसे ने रत्नागिरी में पोस्टर लगाए हैं जिनपर लिखा है 'कोंकण की भूमि वफादार लोगों की है. देशद्रोहियों को मारो, ठाकरे ब्रांड को बचाओ.' पोस्टर खेड़ नगर परिषद के पूर्व मेयर और मनसे के महासचिव वैभव खेडेकर ने लगाया है. एक तरफ मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे की भगवा शॉल पहने और दूसरी तरफ मनसे के प्रदेश महासचिव वैभव खेड़ेकर की तस्वीर है. इसलिए इस बैनर ने चर्चाओं को हवा दे दी है. हालांकि मनसे मुख्यालय की ओर से अभी तक किसी भूमिका की घोषणा नहीं की गई है. मनसे प्रमुख राज ठाकरे को आज अस्पताल से छुट्टी मिल गई है.

पढ़ें- महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट: बालासाहेब के नाम को लेकर ईसी से शिकायत करेगी शिवसेना

पढ़ें- एकनाथ शिंदे का राजनीतिक सफर: रिक्शा चालक से लेकर बागी विधायकों के नेता तक

यह भी पढ़ें-शिवसेना के 37 बागी विधायकों ने डिप्टी स्पीकर को भेजा पत्र, शिंदे को चुना अपना नेता

मुंबई/गुवाहाटी: महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट के बीच शिवसैनिकों ने एकनाथ शिंदे समर्थक एक विधायक के दफ्तर में तोड़फोड़ की. इस घटना के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. अमरावती से सांसद नवनीत राणा ने केंद्रीय गृह मंत्री से राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है. पूर्व गृह राज्य मंत्री और बागी विधायक दीपक केसरकर ने कहा कि एकनाथ शिंदे खेमे ने 'शिवसेना बालासाहेब' नया समूह गठित किया है. इस पर महाराष्ट्र कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने प्रतिक्रिया दी कि 'जब तक इसे अध्यक्ष से कानूनी अनुमति नहीं मिलती, तब तक इस प्रकार के समूहों को अधिकृत नहीं किया जाएगा.' उधर, शिवसेना भवन में शिवसेना राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रस्ताव पास किया गया है कि पार्टी चुनाव आयोग का रुख करेगी. बालासाहेब के नाम का दुरुपयोग न करने की अपील की जाएगी. उद्धव ठाकरे ने कहा कि 'कोई भी बालासाहेब के नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकता.' दूसरी तरफ गुवाहाटी में शिंदे गुट ने भी बैठक की. बागी गुट के दीपक केसरकर का कहना है कि ' बालासाहेब के नाम को लेकर चुनाव आयोग जो कहेगा उसे मानेंगे.'

शिवसेना की कार्यकारिणी में छह प्रस्ताव पास: महाराष्ट्र के सीएम और शिव सेना लीडर उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे, संजय राउत व अन्य नेताओं की मौजूदगी में हुई शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में छह प्रस्ताव पास किए गए. कार्यकारिणी ने उद्धव को सारे फैसले लेने का अधिकार दिया है. पार्टी मराठा अस्मिता, हिंदुत्व पर पार्टी कायम रहेगी. तय किया गया है कि पार्टी चुनाव आयोग का रुख करेगी. इसमें बालासाहेब के नाम का दुरुपयोग न करने की अपील की जाएगी. उद्धव ठाकरे ने कहा कि 'कोई भी बालासाहेब के नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकता.'

उद्धव ठाकरे ने कहा कि 'कुछ लोग मुझसे कुछ कहने के लिए कह रहे हैं लेकिन मैं पहले ही कह चुका हूं कि वे (बागी विधायक) जो करना चाहते हैं कर सकते हैं, मैं उनके मामलों में दखल नहीं दूंगा. वे अपना फैसला खुद ले सकते हैं, लेकिन किसी को भी बालासाहेब ठाकरे के नाम का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.' कार्यकारिणी की बैठक के बाद संजय राउत ने फैसलों की जानकारी दी. राउत ने कहा कि शिवसेना बालासाहेब की थी उन्हीं की रहेगी. पार्टी उनके नाम का दुरुपयोग रोकने के लिए ईसी जाएगी. राउत ने कहा कि जिसने गद्दारी की है उसे माफी नहीं दी जाएगी. उन्होंने कहा कि बालासाहेब के नाम का दुरुपयोग करने वाले को नोटिस दिया जाएगा.

संजय राउत ने कहा कि 'जिन लोगों ने, चाहे वे कितने भी बड़े नेता हों, जिसने शिवसेना के साथ गद्दारी या बेईमानी की है उनपर कठोर कार्रवाई करने का सर्वाधिकार हमने एक प्रस्ताव के माध्यम से उद्धव ठाकरे साहब को दिया है. राउत ने कहा है कि 'उद्धव ठाकरे ने कहा है कि जो लोग छोड़कर गए हैं, वे शिवसेना के नाम से वोट मत मांगे और अगर वोट मांगते हैं तो अपने खुद के बाप के नाम पर मांगें. शिवसेना के बाप बालासाहेब ठाकरे के नाम पर वोट मत मांगें.' महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि 'बैठक में क्या चर्चा हुई, यह तो आप जानते ही हैं, अहम बात यह है कि हम शिवसेना के बागी विधायकों द्वारा किए गए विश्वासघात को नहीं भूलेंगे.'

उधर, युवा सेना की बैठक रविवार को साढ़े पांच बजे होगी. उधर, महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर ने शिवसेना के 16 बागी विधायकों को नोटिस जारी किया है. सोमवार शाम साढ़े पांच बजे तक जवाब मांगा है.

  • People will come to know what actions will be taken against those who have left the party by the evening. The work that CM Uddhav Thackeray has done is commendable. We will all fight the elections under his leadership: Shiv Sena leader Sanjay Raut pic.twitter.com/qJtB2MocWr

    — ANI (@ANI) June 25, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मुंबई पुलिस ने हाई अलर्ट जारी किया: राजनीतिक संकट और तानाजी सावंत के कार्यालय में तोड़फोड़ के बीच, पुणे पुलिस ने अलर्ट जारी किया और सभी पुलिस स्टेशनों को शहर में शिवसेना नेताओं से संबंधित कार्यालयों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा है. ठाणे और मुंबई में धारा 144 लागू की गई है.

पुलिस प्रवक्ता ने कहा, 'मुंबई पुलिस ने हाई अलर्ट जारी किया है और सभी पुलिस थानों से शहर के सभी राजनीतिक कार्यालयों में सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है. यह निर्देश दिया गया है कि अधिकारी स्तर के पुलिस कर्मी अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक राजनीतिक कार्यालय का दौरा करेंगे.'

राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग: अमरावती से सांसद नवनीत राणा ने केंद्रीय गृह मंत्री से राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है. उन्होंने एक ट्वीट कर कहा, 'मैं अमित शाह से उन विधायकों के परिवारों को सुरक्षा प्रदान करने का अनुरोध करती हूं जो उद्धव ठाकरे को छोड़कर बालासाहेब की विचारधारा से जुड़े रहकर अपने निर्णय ले रहे हैं. उद्धव ठाकरे की गुंडागर्दी खत्म हो... मैं राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने का अनुरोध करती हूं.

विधायक के दफ्तर में तोड़फोड़

पुणे में शिवसेना विधायक तानाजी सावंत कार्यालय में तोड़फोड़: पुणे में शिवसेना विधायक तानाजी सावंत के कार्यालय में कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ की है. उनके कार्यालय और दुकानों की दीवारों पर शिवसैनिकों ने अपशब्द भी लिख दिया है. ज्ञात हो कि तानाजी सावंत एकनाथ शिंदे के साथ गुवाहाटी में हैं. बताया जा रहा है कि आस- पास के दुकानों में भी तोड़फोड़ की गई है.

इस बीच एक शिवसैनिक ने ट्वीट कर चेतावनी दी है. पुणे शहर के शिवसेना प्रमुख संजय मोरे ने कहा, ' हमारी पार्टी के कार्यकर्ता ने तानाजी सावंत के कार्यालय में तोड़फोड़ की. हमारे प्रमुख उद्धव ठाकरे को परेशान करने वाले सभी देशद्रोही और बागी विधायकों को इस प्रकार की कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. उनके कार्यालय पर भी हमला होगा... किसी को बख्शा नहीं जाएगा.'

एनसीपी शिवसेना को खत्म करने की योजना बना रही है: शिवसेना के बागी विधायक महेश शिंदे ने एक ट्वीट कर आरोप लगाया कि राकांपा शिवसेना को खत्म करने की योजना बना रही है. उन्होंने कहा, 'एनसीपी शिवसेना को खत्म करने की योजना बना रही है. जिन पूर्व राकांपा विधायकों को हमने हराया था, उन्हें 3 अरब रुपये दिए जा रहे थे. हम सभी विधायकों ने बार-बार सीएम से एनसीपी के अन्याय की शिकायत की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. इसलिए हमने एकनाथ शिंदे से शिवसेना को बचाने के लिए यह बड़ी भूमिका निभाने का आग्रह किया.'

सांसद संजय राउत

शिवसेना कार्यकर्ता आदेश का इंतजार कर रहे हैं: इससे पहले शनिवार सुबह सांसद संजय राउत ने कहा था कि शिवसैनिक गुस्से में हैं. हालांकि वह शांत हैं. शिवसैनिक सड़कों पर उतर गये तो आग लग जाएगी. एकनाथ शिंदे के विद्रोह के जवाब में सांसद संजय राउत ने यह बात कही. सांसद संजय राउत ने कहा,' शिवसेना को कोई हाइजैक नहीं कर सकता. उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि शिवसेना कार्यकर्ता आदेश का इंतजार कर रहे हैं. पैसे देकर कोई पार्टी नहीं खरीद सकता. ये बालासाहेब की शिवसेना. हजारों-लाखों शिवसैनिकों ने शिवसेना के लिए बलिदान दिया है. पार्टी एकजुट और मजबूत है. बागी विधायक महाराष्ट्र से बाहर हैं.

बागी विधायकों पर संजय राउत ने कहा, महाराष्ट्र विधानसभा के फ्लोर पर आइए, देखते हैं किसमें कितना दम है. मैं हवा में कोई बात नहीं करता. जो उद्धव जी कहते हैं, मैं वही कहता हूं. जो बगावत कर रहे हैं, वे अपनी विधायकी बचाएं. सुरक्षा वापस लेने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह महाराष्ट्र से बाहर हैं. वह महाराष्ट्र में आएं. किसी की सुरक्षा नहीं हटायी गयी है. यह जिम्मेदार हमारी नहीं. लोगों में गुस्सा है. उन्होंने शिवसेना के बागी विधायकों से कहा बकरे की तरह मत बनो. वहीं, बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस के बारे में कहा कि उन्हें इस झंझट में नहीं पड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान होगा.

शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद महाराष्ट्र में सियासत गरमा गई है. शिवसेना के 40 से ज्यादा विधायकों ने एकनाथ शिंदे का समर्थन किया है. इसलिए उद्धव ठाकरे के खिलाफ शिंदे जैसा माहौल फिलहाल देखने को मिल रहा है. बगावत से शिवसेना कार्यकर्ता भी एकनाथ शिंदे से नाराज हैं. शिवसेना कार्यकर्ताओं ने पुणे में शिवसेना के बागी विधायक तानाजी सावंत के कार्यालय में तोड़फोड़ की है.

अठावले बोले-महाराष्ट्र सरकार अल्पमत में, बागी विधायकों को धमकी न दें शिवसैनिक: उधर, केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात करने के बाद संवाददाताओं से कहा, 'शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के पास दो तिहाई से अधिक विधायकों का समर्थन है जिसके बाद एमवीए सरकार अल्पमत में आ गई है. फडणवीस ने मुझे बताया कि इस घटनाक्रम में भारतीय जनता पार्टी की कोई भूमिका नहीं है. उन्होंने बताया कि भाजपा ने न तो इस विद्रोह की शुरुआत की है और न ही समर्थन दिया है. भाजपा इंतजार करने की मुद्रा में है.'

उन्होंने यह भी कहा कि शिवसेना कार्यकर्ताओं को बागी विधायकों को धमकी नहीं देनी चाहिए. अठावले ने कहा, 'अगर शिवसेना के कार्यकर्ता दादागीरी करेंगे तो हम भी उसी तरीके से प्रतिक्रिया देने में सक्षम हैं.' आरपीआई (ए) के अध्यक्ष ने कहा कि 20 जून को महाराष्ट्र विधान परिषद के चुनाव होने के बाद बगावत करने वाले शिंदे के प्रति उनके मन में सहानुभूति है.

मनसे ने लगाए पोस्टर
मनसे ने लगाए पोस्टर

मनसे ने लगाए पोस्टर : शिवसेना की बगावत के बीच अब मनसे भी कूद पड़ी है. मनसे ने रत्नागिरी में पोस्टर लगाए हैं जिनपर लिखा है 'कोंकण की भूमि वफादार लोगों की है. देशद्रोहियों को मारो, ठाकरे ब्रांड को बचाओ.' पोस्टर खेड़ नगर परिषद के पूर्व मेयर और मनसे के महासचिव वैभव खेडेकर ने लगाया है. एक तरफ मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे की भगवा शॉल पहने और दूसरी तरफ मनसे के प्रदेश महासचिव वैभव खेड़ेकर की तस्वीर है. इसलिए इस बैनर ने चर्चाओं को हवा दे दी है. हालांकि मनसे मुख्यालय की ओर से अभी तक किसी भूमिका की घोषणा नहीं की गई है. मनसे प्रमुख राज ठाकरे को आज अस्पताल से छुट्टी मिल गई है.

पढ़ें- महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट: बालासाहेब के नाम को लेकर ईसी से शिकायत करेगी शिवसेना

पढ़ें- एकनाथ शिंदे का राजनीतिक सफर: रिक्शा चालक से लेकर बागी विधायकों के नेता तक

यह भी पढ़ें-शिवसेना के 37 बागी विधायकों ने डिप्टी स्पीकर को भेजा पत्र, शिंदे को चुना अपना नेता

Last Updated : Jun 25, 2022, 5:13 PM IST
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