रायपुर : महात्मा गांधी के खिलाफ विवादित टिप्पणी (Controversial remarks against Mahatma Gandhi) करने के मामले में गिरफ्तार संत कालीचरण महाराज को महाराष्ट्र पुलिस अपने साथ ले गई है. महाराष्ट्र पुलिस ने रायपुर कोर्ट में ट्रांजिट रिमांड (Sant Kalicharan transit remand) के लिए अर्जी लगाई थी. जिसे मुख्य न्यायाधीश भूपेंद्र कुमार वासनीकर ने स्वीकार कर लिया और ट्रांजिट रिमांड के आदेश जारी कर दिए. उसके बाद देर शाम को महाराष्ट्र पुलिस कालीचरण को अपने साथ पुणे ले गई. इस दौरान जेल से बाहर आते ही मीडिया के सवालों पर कालीचरण ने कहा, दया है काली मां की.
महाराष्ट्र सीमा तक छत्तीसगढ़ पुलिस करेगी गाइड
कालीचरण को महाराष्ट्र लेने जाने की खबर जैसे ही उनके समर्थकों को लगी. उनके समर्थक जेल परिसर के बाहर पहुंच गए और जय श्रीराम के नारे लगाते लगे. इस दौरान कालीचरण के समर्थन में जमकर नारेबाजी हुई. रायपुर पुलिस ने जेल परिसर के बाहर सुरक्षा के सख्त इंतजाम कर रखे थे. वहीं महाराष्ट्र पुलिस के साथ सीमा तक छत्तीसगढ़ पुलिस के दर्जन भर जवान दो गाड़ी में सवार होकर रवाना हुए. जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र सीमा तक पड़ने वाले चौक चौराहों पर पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं. ताकि किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो सके.
दो दिनों की रिमांड पर कालीचरण
रायपुर कोर्ट ने कालीचरण को दो दिन की ट्रांजिट रिमांड पर महाराष्ट्र पुलिस को सौंपा है. कालीचरण महाराज को पुलिस 6 जनवरी को कोर्ट में पेश करेगी. वहीं पुलिस को कालीचरण को 13 जनवरी से पहले रायपुर में लाने के लिए कहा गया है.
महाराष्ट्र के खड़क में संत कालीचरण ने दिया भड़काऊ बयान
कालीचरण पर महाराष्ट्र के पुणे इलाके के खड़क थाने में केस दर्ज है. 19 दिसम्बर को खड़क में हिंदू आघाडी की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में कालीचरण पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप है. इस मामले में 21 दिसंबर को कालीचरण समेत छह लोगों पर खड़क थाने में धर्म विशेष की धार्मिक भावनाओं को आहत पहुंचाने का केस दर्ज किया गया था. इसी मामले में महाराष्ट्र पुलिस संत कालीचरण को रायपुर से महाराष्ट्र ले जाने के लिए आई है. इसके अलावा महात्मा गांधी पर की एक टिप्पणी के मामले में भी कालीचरण के खिलाफ पुणे में FIR दर्ज हुआ है. लेकिन उस मामले को जीरो FIR बनाकर रायपुर के टिकरापारा थाने में ट्रांसफर किया गया है.
ट्रांजिट रिमांड क्या होता है ( What Is Transit Remand)
स्थानीय अदालत से प्रत्यर्पण की अनुमति लेकर ही दूसरे राज्य की पुलिस आरोपी को उसे अपने क्षेत्र में ले जाती है. प्रत्यर्पण की इस अनुमति को ही ट्रांजिट रिमांड कहते हैं. जब पुलिस अपने प्रभाव क्षेत्र से बाहर जाकर किसी आरोपी को गिरफ्तार करती है. तो उसको न्यायालय से इसकी अनुमति लेकर गिरफ्तार किया जाता है. ट्रांजिट रिमांड सीआरपीसी की धारा 76 के अन्तर्गत जारी किया जाता है. बिना ट्रांजिट रिमांड के कैदी को दूसरे जगह की पुलिस अपने साथ नहीं ले जा सकती है. ट्रांजिट रिमांड लेते समय मजिस्ट्रेट के सामने यह बताना होता है कि आरोपी का अपराध क्या है. कहां उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज है. इसके अलावा कोर्ट को यह भी बताना होता है कि जिस जगह पर पुलिस उसे ले जा रही है. उसे कोर्ट में कब पेश किया जाएगा.
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