औरंगाबाद : महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में स्थित राजमाता जीजाबाई शाहजी भोसले (Rajmata Jijabai Shahaji Bhosale) की समाधि का मानसून खत्म होने के बाद रासायनिक संरक्षण किया जाएगा. प्राथमिक तौर पर पत्थर से बने स्मारक पर जमे कवकों को हटाया जाएगा. यह जानकारी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को दी.
औरंगाबाद में तैनात उप अधीक्षण पुरातत्व रसायनज्ञ श्रीकांत मिश्रा (Deputy Superintending Archeological Chemist Shrikant Misra) ने बताया कि ASI ने रायगढ़ किले के नीचे पछड़ स्थित समाधि के संरक्षण का फैसला किया है. उन्होंने बताया, 'इसमें समाधि की दीवारों के साथ-साथ मुख्य ढांचे की सफाई और रासायनिक संरक्षण शामिल है. मानसून खत्म होने के बाद पूरी गति से काम शुरू होगा और करीब एक महीने तक यह जारी रहेगा.'
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मिश्रा ने बताया, 'कवक या काई से स्मारक की सतह क्षतिग्रस्त होती है. इसलिए संरक्षण के दौरान पानी रोधी परत लगाई जाएगी. इस पूरे कार्य पर आठ से 10 करोड़ रुपये का खर्च आने की उम्मीद है.'
(पीटीआई-भाषा)