नागपुर : महाराष्ट्र के सरकारी अस्पतालों में पिछले दो दिनों से हो रही मरीजों की मौत का सिलसिला अभी भी जारी है. नांदेड़, छत्रपति संभाजीनगर के बाद नागपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज और इंदिरा गांधी कॉलेज (मेयो) में पिछले 24 घंटे में 25 मरीजों की मौत हो चुकी है. इसमें सरकारी मेडिकल कॉलेज में 16 और मेयो अस्पताल में 9 मरीजों ने दम तोड़ा.
मृतकों में कुछ नवजात शिशुओं के अलावा विभिन्न आयु के मरीज शामिल हैं. वहीं प्रशासन ने दावा किया है कि निजी अस्पतालों में आपातकालीन मरीजों और वेटिलेटर पर मरीजों को मेयो और मेडिकल कॉलेज में रेफर किए जाने के कारण मौतों की संख्या बढ़ रही है.
बता दें कि नागपुर शहर मध्य भारत के मेडिकल हब के रूप में उभरा है. यहां हजारों निजी अस्पतालों के साथ, दो मेडिकल कॉलेज नागपुर सरकारी मेडिकल कॉलेज और और इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (मेयो) शहर में मौजूद हैं. नागपुर के इन दो अस्पतालों में पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश से भी लोग इलाज कराने के लिए आते हैं. इस संबंध में सरकारी मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. शरद कुचेवार ने कहा कि मेडिकल में हर दिन औसतन 14 से 16 मरीजों की मौत होती है.
उन्होंने कहा कि मेडिकल हॉस्पिटल मध्य भारत का सबसे बड़ा सरकारी मेडिकल कॉलेज है. उन्होंने कहा कि यहां मरने वालों की संख्या अचानक नहीं बढ़ी है. राज्य में तीन दिन में तीन जिलों के तीन सरकारी अस्पतालों में दवाओं, उपकरणों, चिकित्सा या पैरामेडिकल स्टाफ की कथित कमी सहित विभिन्न खामियों के कारण शिशुओं सहित कम से कम 74 लोगों की मौत हो गई है.