मुंबई : महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर के चलते 10वीं कक्षा की परीक्षा रद्द करने के अपने फैसले पर अटल है. शिक्षा विभाग ने 10वीं कक्षा के छात्रों को पिछली कक्षाओं के इंटरनल मार्क्स के आधार पर मूल्यांकन कर पास करने का प्रस्ताव तैयार किया है. स्कूल शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि प्रस्ताव आज मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सामने पेश किया गया और जल्द ही प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की औपचारिक घोषणा की जाएगी.
सीएम को भेजा गया प्रस्ताव
कोरोना की पृष्ठभूमि में महाराष्ट्र की राज्य सरकार ने महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एंड हायर सेकेंडरी एजुकेशन (Maharashtra State Board of Secondary and Higher Secondary Education's matriculation examination) की मैट्रिक परीक्षा रद्द कर दी है. परीक्षा रद्द करने के इस फैसले को मुंबई हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. अदालत ने राज्य सरकार को परीक्षा नहीं कराए जाने के उनके फैसले पर फटकार लगाई थी. उन्होंने राज्य सरकार से यह भी पूछा कि छात्रों के अंकों का आकलन कैसे किया जाएगा. हालांकि, राज्य सरकार ने परीक्षा न देने पर जोर दिया है.
अदालत द्वारा उठाए गए सवाल को लेकर शिक्षा राज्य सचिव ने एडवोकेट जनरल आशुतोष कुंभकोनी के साथ लगातार दो दिन बैठकें की हैं. शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. स्कूल शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने खुद कहा कि अंतत: शिक्षा विभाग ने नौवीं और दसवीं कक्षा के आंतरिक अंकों का मूल्यांकन कर दसवीं कक्षा के छात्रों को पास करने का प्रस्ताव तैयार किया है. साथ ही यह प्रस्ताव आज मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सामने पेश किया गया है. वर्षा गायकवाड़ ने यह भी कहा कि इस पर मुख्यमंत्री से चर्चा हो चुकी है.
यह भी पढ़ें: कोविड-19 का असर : तीन जुलाई को होने वाली JEE (एडवांस्ड) की परीक्षा स्थगित
प्रस्ताव को मंजूरी, कल स्पष्टीकरण
वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि मुंबई हाई कोर्ट ने मैट्रिक परीक्षा को लेकर सरकार से सफाई मांगी थी. उसके अनुसार, राज्य सरकार अदालत में एक हलफनामा और फैसला दाखिल करेगी. इस पर हमने मुख्यमंत्री से चर्चा की है. मुख्यमंत्री ने छात्रों के भविष्य को देखते हुए तत्काल प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. हम कल इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट करेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि जिन छात्रों के माता-पिता दोनों की कोरोना से मौत हो चुकी है ऐसे छात्रों की शिक्षा का खर्च सरकार उठाएगी.