मुंबई : मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी (ED) ने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार (Deputy CM Ajit Pawar) से जुड़ी एक चीनी मिल को अटैच किया है. शिवसेना इस पर हमलावर है. अजित पवार ने भी कहा है कि वकालों से सलाह लेकर जो जरूरी होगा करेंगे.
दरअसल ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जरंदेश्वर कारखाना सीज किया है. इस पर डिप्टी सीएम पवार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 'जहां भी आवश्यकता होगी मैं निश्चित रूप से अपील करूंगा क्योंकि कई श्रमिकों की रोटी पूरी तरह से जरंदेश्वर कारखाने पर आधारित है. मैं अधिवक्ताओं से सलाह लूंगा और जो कुछ भी आवश्यक होगा वह करूंगा.'
अजित पवार ने साथ ही कहा कि एजेंसी को जांच करने का अधिकार है. पहले सीआईडी और एसीबी ने जांच की लेकिन कुछ नहीं निकला. आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने भी जांच की लेकिन कुछ सामने नहीं आया.
राउत बोले-सेना भी तैनात हो तो भी कुछ नहीं बदलेगा
ईडी की कार्रवाई के बाद शिवसेना नेता संजय राउत भी हमलावर हैं. उन्होंने कहा कि 'ईडी और सीबीआई जो जांच कर रही है उसके बारे में सभी को पता है. अगर किसी को लगता है कि इससे महाराष्ट्र सरकार टूट सकती है, तो वे गलत हैं.' राउत ने कहा कि सेना तैनात हो तो भी कुछ भी नहीं बदलेगा.
पाटिल ने लिखा था शाह को पत्र
गौरतलब है कि भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल (Maharashtra BJP president Chandrakant Patil) ने हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा था. पाटिल ने डिप्टी सीएम अजीत पवार और मंत्री अनिल परब के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की थी.
ये है मामला
2019 में अजीत पवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी. उन पर महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक में घोटाले का आरोप लगा था. उनके साथ 70 अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया था. 5000 करोड़ का आरोप था. लेकिन उसी साल पुलिस ने सबूतों के अभाव में केस बंद करने की रिपोर्ट दाखिल कर दी. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इसका विरोध किया. ईडी ने उस क्लोजर रिपोर्ट की कॉपी मांगी. उसके बाद से इस मामले की जांच ईडी कर रही है. इसी मामले में ईडी ने गुरुवार को कार्रवाई की. ईडी ने 65 करोड़ रुपये मूल्य की एक चीनी मिल कुर्क की.
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