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महाराष्ट्र: डिफेंस कंपनी ने बनाया भारत का पहला मानव ड्रोन, जानें खासियत - human drone pune

पुणे की एक डिफेंस कंपनी ने देश का पहला मानव ड्रोन बनाया है. कंपनी का कहना है कि इसे भारतीय सेना के विशेष ऑपरेशन्स को अंजाम देने के लिए बनाया गया है.

sagar defence engineering
सागर डिफेंस इंजीनियरिंग
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Published : Aug 7, 2022, 11:01 PM IST

पुणे: देश दुनिया में इस वक्त ड्रोन तकनीक का बोलबाला है और आगे इसके और भी नए आयाम देखने को मिलने वाले हैं. इसी क्रम में पुणे कि एक डिफेंस कंपनी ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए भारत का पहला मानव ड्रोन बनाया है जो मानव को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में सक्षम है. इसे बनाने वाली कंपनी सागर डिफेंस इंजीनियरिंग ने इसे 'वरुणा' नाम दिया है.

भारत का पहला मानव ड्रोन

यह ड्रोन मानव को हवा में लेकर उड़ सकने में सक्षम है जिसका सफल परीक्षण भी किया जा चुका है. इसके साथ ही ड्रोन के अन्य प्रकार भी विकसित किए जा रहे हैं. ड्रोन निर्माताओं का दावा है कि यह उपकरण, तरल पदार्थ अथवा मानव को एक निश्चित पेलोड तक ले जाने में सक्षम है. पूर्व निर्धारित मार्गों पर ऑटोमैटिक रूप से भी संचालित किया जा सकता है. यह ड्रोन, 130 किलो वजन तक का भार उठा सकता है और मात्र 30 मिनट में 25 किलोमीटर कर उड़ान भरने में सक्षम है. यह भी बताया गया कि यह ड्रोन 25 से 33 मिनट तक उड़ान भर सकता है.

पुणे के चाकन क्षेत्र में स्थित कंपनी सागर डिफेंस इंजीनियरिंग द्वारा इसे चार सालों के अथक परिश्रम के बाद बनाया है. कंपनी का कहना है कि इसे मुख्यतः सेना की मदद बनाया गया है जिससे रेस्क्यू ऑपरेशनों में काफी मदद मिलेगी.

यह भी पढ़ें-LAC पर निगरानी के लिए बहु-भूमिका से लैस ड्रोन विकसित कर रहा HAL

पुणे: देश दुनिया में इस वक्त ड्रोन तकनीक का बोलबाला है और आगे इसके और भी नए आयाम देखने को मिलने वाले हैं. इसी क्रम में पुणे कि एक डिफेंस कंपनी ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए भारत का पहला मानव ड्रोन बनाया है जो मानव को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में सक्षम है. इसे बनाने वाली कंपनी सागर डिफेंस इंजीनियरिंग ने इसे 'वरुणा' नाम दिया है.

भारत का पहला मानव ड्रोन

यह ड्रोन मानव को हवा में लेकर उड़ सकने में सक्षम है जिसका सफल परीक्षण भी किया जा चुका है. इसके साथ ही ड्रोन के अन्य प्रकार भी विकसित किए जा रहे हैं. ड्रोन निर्माताओं का दावा है कि यह उपकरण, तरल पदार्थ अथवा मानव को एक निश्चित पेलोड तक ले जाने में सक्षम है. पूर्व निर्धारित मार्गों पर ऑटोमैटिक रूप से भी संचालित किया जा सकता है. यह ड्रोन, 130 किलो वजन तक का भार उठा सकता है और मात्र 30 मिनट में 25 किलोमीटर कर उड़ान भरने में सक्षम है. यह भी बताया गया कि यह ड्रोन 25 से 33 मिनट तक उड़ान भर सकता है.

पुणे के चाकन क्षेत्र में स्थित कंपनी सागर डिफेंस इंजीनियरिंग द्वारा इसे चार सालों के अथक परिश्रम के बाद बनाया है. कंपनी का कहना है कि इसे मुख्यतः सेना की मदद बनाया गया है जिससे रेस्क्यू ऑपरेशनों में काफी मदद मिलेगी.

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