मुंबई: महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने राज्य में बर्ड फ्लू (Bird Flu) फैलने की पुष्टि की है. मुंबई (Mumbai) से सटे ठाणे (Thane) स्थित एक फार्म में कई पोल्ट्री बर्ड्स (Poultry Bird) की एच5एन1 एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस (H5N1) से संक्रमित होने के बाद मृत्यु हुई है. हालांकि, राज्य सरकार (Maharashtra Government) ने लोगों से नहीं घबराने की अपील की है. वहीं हजारों मुर्गियों को मारने का काम शुरू किया गया है.
ठाणे के जिला मजिस्ट्रेट और कलेक्टर राजेश जे नार्वेकर ने कहा है कि, जिला पशुपालन विभाग को संक्रमण (Outbreak Of Bird Flu In Maharashtra ) को नियंत्रित करने के उपाय करने का आदेश दिया गया है. मृत मुर्गियों के और नमूने टेस्टिंग के लिए पुणे स्थित लैब में भेजे गए हैं.
ठाणे जिले की शाहपुर (Shahapur) तहसील में फार्म में करीब 300 पोल्ट्री बर्ड्स यानी मुर्गियां थीं. जिनकी 2, 5 और 10 फरवरी को मृत्यु हो गई (Maharashtra Bird flu kills 300 chickens), हालांकि फार्म ने शुरू में मौतों की सूचना प्रशासन को नहीं दी. 10 फरवरी को मुर्गियों की मौत की सूचना के बाद 11 और 13 फरवरी को नमूने एकत्र किए गए और पुणे में पशुपालन विभाग के रोग जांच अनुभाग में जांच के लिए भेजा गया. यहीं सैंपल भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान भोपाल को भी भेजे गए.
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लैब से रिपोर्ट में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई. हालांकि गांव के आसपास कोई झील या तालाब नहीं है, जिस वजह से यहां प्रवासी पक्षी आते हो. ऐसे में अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि यह घातक वायरस कैसे पोल्ट्री फार्म तक पहुंचा. प्रशासन ने स्थिति का आकलन करने के लिए अधिकारियों की एक टीम मौके पर भेजी है. उन्होंने कहा कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि अधिकारी अलर्ट है.
पोल्ट्री फार्म के एक किलोमीटर के दायरे में रोकथाम के उपाय किए गए हैं और 25000 पक्षियों की गिनती की गई है. प्रोटोकॉल के अनुसार सभी को मारने की व्यवस्था की गई है. स्वच्छता के उपाय भी किए जा रहे हैं. इसे फैलने से रोकने के लिए सभी मूवमेंट को रोक दिया गया है, जिससे यह इसी क्षेत्र तक सीमित रहे.
अत्यधिक रोगजनक एवियन इन्फ्लूएंजा पक्षियों के बीच बहुत संक्रामक है और गंभीर बीमारी और यहां तक कि खासकर मुर्गी के बीच मौत का कारण बनता है. यही वजह है कि प्रोटोकॉल के अनुसार, प्रभावित क्षेत्र के एक किलोमीटर के दायरे में सभी पोल्ट्री पक्षियों और अंडों को नष्ट करना होता है. अमूमन सरकार इससे प्रभावित लोगों को मुआवजा देती है. हालांकि ठीक से पका हुआ चिकन खाने के लिए सुरक्षित होता है.