मुंबई : महाराष्ट्र के नेता प्रतिपक्ष अजित पवार (Leader of Opposition Ajit Pawar) ने मंत्रियों पर आम जनता के मुद्दों के प्रति उदासीन होने का आरोप लगाते हुए सरकार से इस बारे में कार्रवाई करने की मांग की. उन्होंने कहा कि अगर मंत्रियों के पास आम लोगों के मुद्दों पर उठाए गए ध्यान पर चर्चा करने का समय नहीं है तो ऐसे मंत्रियों को छोड़ देना चाहिए. पवार ने कहा कि आज एक बार फिर सदन में मंत्रियों की अनुपस्थिति का मुद्दा उठाते हुए कहा कि विधानसभा में विभिन्न आयोगों के माध्यम से आम नागरिकों के मुद्दों को उठाने के लिए ध्यान एक बहुत ही महत्वपूर्ण हथियार है.
वहीं सदन में जवाब देने के लिए मंत्री के द्वारा जवाब देने के लिए मौजूद नहीं होने पर अजित पवार काफी आक्रोशित हो गए. उन्होंने कहा कि बडे़ शर्म की बात है कि सदन में मंत्रियों की अनुपस्थिति के कारण चर्चा स्थगित की जा रही है, जबकि जनता के महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए और उक्त मंत्रियों को समझाना चाहिए अन्यथा यदि मंत्री ऐसा करने में असमर्थ हैं तो उन्हें अपने पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए. अजीत पवार ने इस बात को लेकर सदन में नाराजगी जताई कि सरकार बहुत ही उदासीनता से काम कर रही है. उन्होंने इशारा करते हुए कहा कि मंत्रियों और मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री द्वारा वादा की गई कई बैठकें नहीं हो रही हैं.
इसी कड़ी में बोलते हुए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Deputy Chief Minister Devendra Fadnavis) ने अजित पवार से माफी मांगी. उन्होंने कहा कि मंत्री के सदन में उपस्थित होने की उम्मीद है, लेकिन सदन की देरी के कारण संबंधित मुद्दों के बारे में जानकारी प्राप्त करना मंत्री के लिए मुश्किल है. इस वजह से गैर मौजूदगी हो सकती है, लेकिन मंत्री मौजूद रहेंगे. साथ ही फडणवीस ने सदन में यह आश्वासन दिया कि मंत्रियों से सदन की तैयारी करने और उसमें भाग लेने की अपेक्षा की जाती है.
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