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रेमडेसिविर दवा पर राजनीति, गुजरात और महाराष्ट्र आमने-सामने

रेमडेसिविर दवा पर महाराष्ट्र और गुजरात सरकार आमने-सामने आ गई है. महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार का आरोप है कि भाजपा नेता रेमडेसिविर दवा खरीद कर गुजरात भेज रहे हैं. भाजपा ने इसे झूठा आरोप बताया है. पार्टी का कहना है कि उद्धव ठाकरे की सरकार अपनी असफलता छिपाने के लिए इस तरह के अनर्गल आरोप लगा रही है. मुंबई पुलिस ने शनिवार रात दमन स्थित दवा कंपनी ब्रुक फार्मा प्राइवेट लिमिटेड में रेमडेसिविर के भंडारण और निर्यात के बारे में पूछताछ की है. पुलिस का दावा है कि दवा कंपनी के मालिक राजेश डोकानिया निर्यात प्रतिबंध के बावजूद दवा की 60,000 शीशियों का निर्यात करने की कोशिश कर रहे थे.

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Published : Apr 19, 2021, 10:15 PM IST

Updated : Apr 19, 2021, 10:45 PM IST

मुंबई : महाराष्ट्र में मुंबई पुलिस का आरोप है कि बीजेपी रेमडेसिविर शीशियों की आपूर्ति को लेकर ब्रुक फार्मा कंपनी के संपर्क में थी. बाद में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस, महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर, विधायक पराग अलावानी और एमएलसी प्रसाद लाड बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स पुलिस स्टेशन पहुंचे और डोकानिया से पूछताछ मामले में पुलिस अधिकारी के साथ बहस में लिप्त रहे.

कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में एक प्रमुख एंटी-वायरल दवा रेमडेसिविर को सरकारी मशीनरी के माध्यम से वितरित किया जाना है. जब कई राज्यों में इसकी कमी के बारे में शिकायत की गई तो दान करने के लिए दवा के कई हजार शीशियों को खरीदने वाली पार्टी के रूप में भाजपा ने राजनीतिक क्षेत्र में हलचल मचा दी है. कुछ दिनों पहले ही भाजपा की गुजरात इकाई ने मुफ्त में दवा वितरित की थी.

कुछ दिनों पहले सामने आई एक अन्य घटना में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सन फार्मा से नागपुर शहर के लिए 10,000 रेमेडिसविर शीशियों की खरीद का मामला भी सामने आया था. भारत में ब्रुक फार्मा प्राइवेट लिमिटेड रेमडेसिविर की एक प्रमुख निर्यातक है, जो दुनिया भर में कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रकोप के बाद बड़े पैमाने पर मांग में है.

दिल्ली मेडिकल काउंसिल के प्रमुख डॉ. अरुण गुप्ता

मीडिया से बात करते हुए फडणवीस ने महा विकास अघाडी सरकार पर शर्मनाक कार्य करने का आरोप लगाया. जब हम कोविड के खिलाफ लड़ रहे हैं और लोग महामारी की वजह से अपनी जान गंवा रहे हैं तो सरकार इस तरह के शर्मनाक काम कर रही है. उन्होंने ब्रुक फार्मा के मालिक को हिरासत में ले लिया. जबकि कंपनी ने महाराष्ट्र सरकार और दमन प्रशासन से सभी आवश्यक अनुमतियां ली थीं.

केंद्रीय रासायनिक और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने कंपनी को महाराष्ट्र में दवा की अधिकतम शीशी उपलब्ध कराने को कहा था लेकिन राज्य सरकार सस्ती राजनीति कर रही है. महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वाल्से पाटिल ने भाजपा पर पुलिस ड्यूटी में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि हम विपक्षी दलों के ऐसे कृत्य को बर्दाश्त नहीं करेंगे. शनिवार की घटना की विस्तृत जांच की जाएगी.

वहीं कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा कि जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग इस तरह के मानवता के खिलाफ कार्य में शामिल हैं जब लोग रेमडेसिविर के लिए घर-घर दौड़ रहे हैं. शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट किया कि अगर वे अपनी सस्ती राजनीति के लिए महाराष्ट्र के लोगों को पीछे नहीं कर रहे हैं तो क्या है? विपक्ष का एक नेता एक गुप्त रुप से आपातकालीन दवा खरीद रहा है. चतुर्वेदी ने कहा कि शर्म करो फडणवीस.

इससे पहले महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मंत्री और राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने गुजरात खाद्य एवं औषधि प्रशासन का एक पत्र ट्वीट किया था और दावा किया था कि गुजरात को महाराष्ट्र की तुलना में रेमडेसिविर शीशियों की अधिक आपूर्ति हुई है. जो केंद्र के सौतेले व्यवहार को दर्शाती है.

महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव सचिन सावंत ने प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में सत्ता खोने वाली मोदी सरकार ने निर्यातकों के लाइसेंस रद्द करने की धमकी दी है, जिसमें उन्हें इंजेक्शन की आपूर्ति नहीं करने का आदेश दिया गया है. यह निंदनीय और मानवता के लिए अपमानजनक है.

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी ट्वीट किया कि कल ही पीएम ने अपनी समीक्षा में बताया कि केंद्र और राज्यों को इस संकट में तालमेल के साथ काम करना चाहिए. इस पृष्ठभूमि के साथ @OfficeOfUT द्वारा खेली जा रही क्षुद्र राजनीति को देखकर हैरान और दुखी हूं. उन्हें अपने को रोकने की जरूरत है.

यह भी पढ़ें-कोरोना टीके पर बड़ा फैसला : एक मई से 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को लगेगी वैक्सीन

इस मामले में दिल्ली मेडिकल काउंसिल के प्रमुख डॉ. अरुण गुप्ता ने कहा कि रेमडेसिविर एंटी वायरल दवा है. इसे नॉरमल डॉक्टर नहीं रख सकते. इसे राजनीतिक पार्टियों द्वारा बांटना, इकट्ठा करना गलत है.

मुंबई : महाराष्ट्र में मुंबई पुलिस का आरोप है कि बीजेपी रेमडेसिविर शीशियों की आपूर्ति को लेकर ब्रुक फार्मा कंपनी के संपर्क में थी. बाद में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस, महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर, विधायक पराग अलावानी और एमएलसी प्रसाद लाड बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स पुलिस स्टेशन पहुंचे और डोकानिया से पूछताछ मामले में पुलिस अधिकारी के साथ बहस में लिप्त रहे.

कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में एक प्रमुख एंटी-वायरल दवा रेमडेसिविर को सरकारी मशीनरी के माध्यम से वितरित किया जाना है. जब कई राज्यों में इसकी कमी के बारे में शिकायत की गई तो दान करने के लिए दवा के कई हजार शीशियों को खरीदने वाली पार्टी के रूप में भाजपा ने राजनीतिक क्षेत्र में हलचल मचा दी है. कुछ दिनों पहले ही भाजपा की गुजरात इकाई ने मुफ्त में दवा वितरित की थी.

कुछ दिनों पहले सामने आई एक अन्य घटना में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सन फार्मा से नागपुर शहर के लिए 10,000 रेमेडिसविर शीशियों की खरीद का मामला भी सामने आया था. भारत में ब्रुक फार्मा प्राइवेट लिमिटेड रेमडेसिविर की एक प्रमुख निर्यातक है, जो दुनिया भर में कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रकोप के बाद बड़े पैमाने पर मांग में है.

दिल्ली मेडिकल काउंसिल के प्रमुख डॉ. अरुण गुप्ता

मीडिया से बात करते हुए फडणवीस ने महा विकास अघाडी सरकार पर शर्मनाक कार्य करने का आरोप लगाया. जब हम कोविड के खिलाफ लड़ रहे हैं और लोग महामारी की वजह से अपनी जान गंवा रहे हैं तो सरकार इस तरह के शर्मनाक काम कर रही है. उन्होंने ब्रुक फार्मा के मालिक को हिरासत में ले लिया. जबकि कंपनी ने महाराष्ट्र सरकार और दमन प्रशासन से सभी आवश्यक अनुमतियां ली थीं.

केंद्रीय रासायनिक और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने कंपनी को महाराष्ट्र में दवा की अधिकतम शीशी उपलब्ध कराने को कहा था लेकिन राज्य सरकार सस्ती राजनीति कर रही है. महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वाल्से पाटिल ने भाजपा पर पुलिस ड्यूटी में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि हम विपक्षी दलों के ऐसे कृत्य को बर्दाश्त नहीं करेंगे. शनिवार की घटना की विस्तृत जांच की जाएगी.

वहीं कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा कि जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग इस तरह के मानवता के खिलाफ कार्य में शामिल हैं जब लोग रेमडेसिविर के लिए घर-घर दौड़ रहे हैं. शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट किया कि अगर वे अपनी सस्ती राजनीति के लिए महाराष्ट्र के लोगों को पीछे नहीं कर रहे हैं तो क्या है? विपक्ष का एक नेता एक गुप्त रुप से आपातकालीन दवा खरीद रहा है. चतुर्वेदी ने कहा कि शर्म करो फडणवीस.

इससे पहले महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मंत्री और राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने गुजरात खाद्य एवं औषधि प्रशासन का एक पत्र ट्वीट किया था और दावा किया था कि गुजरात को महाराष्ट्र की तुलना में रेमडेसिविर शीशियों की अधिक आपूर्ति हुई है. जो केंद्र के सौतेले व्यवहार को दर्शाती है.

महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव सचिन सावंत ने प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में सत्ता खोने वाली मोदी सरकार ने निर्यातकों के लाइसेंस रद्द करने की धमकी दी है, जिसमें उन्हें इंजेक्शन की आपूर्ति नहीं करने का आदेश दिया गया है. यह निंदनीय और मानवता के लिए अपमानजनक है.

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी ट्वीट किया कि कल ही पीएम ने अपनी समीक्षा में बताया कि केंद्र और राज्यों को इस संकट में तालमेल के साथ काम करना चाहिए. इस पृष्ठभूमि के साथ @OfficeOfUT द्वारा खेली जा रही क्षुद्र राजनीति को देखकर हैरान और दुखी हूं. उन्हें अपने को रोकने की जरूरत है.

यह भी पढ़ें-कोरोना टीके पर बड़ा फैसला : एक मई से 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को लगेगी वैक्सीन

इस मामले में दिल्ली मेडिकल काउंसिल के प्रमुख डॉ. अरुण गुप्ता ने कहा कि रेमडेसिविर एंटी वायरल दवा है. इसे नॉरमल डॉक्टर नहीं रख सकते. इसे राजनीतिक पार्टियों द्वारा बांटना, इकट्ठा करना गलत है.

Last Updated : Apr 19, 2021, 10:45 PM IST
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