अहमदनगर : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Maharashtra chief minister Eknath Shinde) ने बुधवार को घोषणा की है कि अहमदनगर जिले का नाम बदलकर 'अहिल्या नगर' किया जाएगा. बता दें कि शिंदे-फडणवीस सरकार ने कुछ और शहरों के नाम भी बदले हैं. इनमें सरकार ने औरंगाबाद का नाम बदलकर 'छत्रपति संभाजीनगर' और उस्मानाबाद का नाम 'धाराशिव' कर दिया था. यह घोषणा अहिल्यादेवी की 298वीं जयंती समारोह में की गई, जिसमें शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भाग लिया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने अहिल्यादेवी होल्कर के नाम पर अहमदनगर का नाम बदलने का फैसला किया है, क्योंकि यहां के सभी लोगों की यही इच्छा है. गौरतलब है कि अहमदनगर का नाम बदलने की मांग कई दिनों से हो रही थी. इस संबंध में शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने दिसंबर 2022 में राज्य विधान परिषद को बताया था कि उन्होंने अहमदनगर का नाम 18वीं सदी की मालवा की रानी अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर पुण्यश्लोक अहिल्या देवी नगर करने के लिए जिला प्रशासन से प्रस्ताव मांगा था. अब इस प्रस्ताव पर मुहर लगती नजर आ रही है. औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदले जाने के बाद से ही भाजपा अहमदनगर का नाम बदलने की मांग कर रही थी.
इससे पहले भाजपा नेता गोपीचंद पाडलकर ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर नाम बदलने की मांग की थी. अहिल्याबाई होल्कर का जन्म अहमदनगर के चौंडी गांव में 31 मई 1725 को हुआ था. वह अहमदनगर की रहने वाली थीं. अतः इस पत्र में यह उल्लेख किया गया था कि इस नगर का नाम उन्हीं के नाम पर रखा जाए. मराठा साम्राज्य की एक शासक महारानी अहिल्यादेवी होल्कर अपने पति खांडेराव होल्कर, अपने ससुर मल्हारराव होल्कर और उनके बेटे मालेराव होल्कर की मृत्यु के बाद मालवा राज्य की गद्दी पर बैठी थीं, उस समय उनकी आयु मात्र 22 वर्ष थी।उनके 28 साल के लंबे शासनकाल (1767-1795) को मराठा साम्राज्य का स्वर्णकाल माना जाता है.
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